घर खरीददारों को मिला बड़ा तोहफा; निर्माणाधीन घरों पर एक अप्रैल से सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : चुनावी साल में घर खरीददारों को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। दिल्ली-एनसीआर सहित महानगरों में 60 वर्गमीटर व छोटे शहरों (नॉन-मेट्रो सिटी) में 90 वर्गमीटर कारपेट एरिया और 45 लाख रुपये तक मूल्य वाले निर्माणाधीन घरों पर मात्र एक प्रतिशत जीएसटी लगेगा। वहीं इससे अधिक क्षेत्रफल और कीमत वाले निर्माणीधीन घरों पर सिर्फ पांच प्रतिशत जीएसटी देना होगा। आवासीय परियोजनाओं पर जीएसटी की ये नई दरें एक अप्रैल 2019 से प्रभावी होंगी। खास बात यह है कि जो परियोजनाएं अभी निर्माणाधीन हैं, उन पर भी ग्राहकों को इसका लाभ मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 33वीं बैठक में रविवार को निमार्णाधीन आवासी संपत्तियों पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। इसके अलावा परिषद ने सस्ते आवासीय परियोजनाओं पर जीएसटी की दर 8 फीसदी से घटाकर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के एक फीसदी कर दी है। आकार और लागत दोनों मामले में सस्ते आवास की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक ट्वीट के जरिए कहा, सस्ते आवासों के लिए जीएसटी की दर 8 फीसदी से घटाकर एक फीसदी कर दी गई है और जो सस्ते आवास की श्रेणी में नहीं आते हैं उनके लिए जीएसटी की दर 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दी गई है। मेट्रो शहरों में 60 वर्गमीटर तक कारपेट एरिया वाले घरों और गैर-मेट्रो शहरों में 90 वर्गमीटर तक कारपेट एरिया वाले घरों को सस्ते आवास के तहत वर्गीकृत किया गया था। लागत के मामले में 45 लाख रुपये की संपत्ति को सस्ते आवास की श्रेणी में रखा गया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सभी आवासीय परियोजनाएं जो सस्ते आवास की श्रेणी में नहीं आती हैं उनपर जीएसटी की दर 12 फीसदी की जगह पांच फीसदी होगी। देश के सात बड़े नगरों में तकरीबन छह लाख निर्माणाधीन घर हैं। इस कदम से उनकी ब्रिकी बढ़ने की उम्मीद की जाती है। जेटली ने कहा, इससे रियल स्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। बैठक में लॉटरी को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया क्योंकि कुछ प्रदेशों के प्रतिनिधि अनुपस्थित थे। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने लॉटरी पर एक समान 18 फीसदी या 28 फीसदी जीएसटी दर की सिफारिश की। मत-भिन्नता के कारण लॉटरी पर जीएसटी की दर तय करने के प्रस्ताव को वापस मंत्रियों के समूह के पास भेज दिया गया है।