इतिहास में एमए शक्तिकांत दास बने RBI के नए गवर्नर, नोटबंदी में निभाई थी अहम भूमिका
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफे के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने रिटायर्ड नौकरशाह शक्तिकांत दास को भारतीय रिज़र्व बैंक का नया गवर्नर बनाया है। दास का कार्यकाल तीन साल का होगा। शक्तिकांत दास वित्त सचिव रहे हैं और वर्तमान में 15वें वित्त आयोग के सदस्य भी हैं। पटेल के इस्तीफे के बाद कयासों में नए गवर्नर के तौर पर शक्तिकांत दास का नाम सबसे आगे चल रहा था। ऐसा कहा जाता है कि नवंबर 2016 में नोटबंदी के दौरान दास ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी।
26 फरवरी 1957 को उड़ीसा में जन्मे शक्तिकांत दास दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में एमए हैं और तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरु से उन्होंने एडवांस्ड फाइनेंसियल मैनेजमेंट कोर्स तथा एनआईबीएम से डेवलपमेंट बैंकिंग एंड इस्टीट्यूशनल क्रेडिट का कोर्स किया।
दास भारत के शेरपा जी-20 में सदस्य भी हैं। वे अपने 37 वर्ष के लंबे कार्यकाल में केंद्र और राज्य में ज्यादातर आर्थिक एवं वित्त विभागों में ही तैनात रहे। शक्तिकांत दास को वित्त मंत्रालय में पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव के तौर नियुक्त किया गया था जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे। इसके बाद यूपीए सरकार में जब प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला तब भी वह इसी मंत्रालय में डटे रहे और पहले संयुक्त सचिव के तौर पर और फिर अतिरिक्त सचिव के रूप में लगातार पांच साल वह बजट बनाने की टीम का हिस्सा रहे। यह कार्यकाल चिदंबरम और मुखर्जी दोनों के समय रहा।
शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया लेकिन मई 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बनाया गया। पहले वह मोदी सरकार में कालेधन के खिलाफ उठाये गये कदमों में शामिल रहे और उसके बाद माल एवं सेवाकर को लागू करने में आम सहमति बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। सितंबर 2015 में शक्तिकांत दास आर्थिक मामले विभाग में स्थानांतरित किये गये, जहां उन्होंने नोटबंदी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नोटबंदी के बड़े झटके के दौरान सरकार का बचाव करते हुए उन्होंने न केवल आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि अर्थव्यवस्था में 500 और 2,000 रुपये का नया नोट जारी करने और इसकी आपूर्ति बढ़ाने में भी अग्रणी भूमिका निभाई।
शक्तिकांत दास रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर होंगे। उनकी बेदाग सेवा के दौरान उनके खिलाफ भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने परोक्ष रूप से आरोप लगाया था कि उन्होंने महाबलिपुरम (तमिलनाडु) में एक जमीन को हड़पने के मामले में चिंदबरम की मदद की है। यह मामला उस समय का बताया गया जब दास तमिलनाडु में उद्योग सचिव थे। सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा आरोप लगाने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दास का बचाव किया था और कहा था कि यह एक अनुशासित सरकारी अधिकारी के खिलाफ अनुचित और असत्य आरोप है।