विजय माल्या लंदन में गिरफ्तार, तीन घंटे में मिली जमानत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिग्गज शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को लंदन की पुलिस स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार किया। अदालत के निर्देशानुसार उन्हें वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश किया गया जहां गिरफ्तारी के तीन घंटे बाद ही उन्हें जमानत मिल गई।
जमानत के बाद माल्या ने ट्वीट कर कहा कि भारतीय मीडिया ने मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। वह निर्दोष हैं। कोर्ट में पेशी को लेकर उन्होंने कहा कि वह प्रत्यर्पण सुनवाई का सामना करेंगे। माल्या पिछले साल 2 मार्च को ब्रिटेन चले गए थे जबकि इसके कुछ दिन बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था।
Usual Indian media hype. Extradition hearing in Court started today as expected.
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) April 18, 2017
माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में उनके प्रत्यर्पण के भारत सरकार के आग्रह पर गिरफ्तार किया गया था। माल्या पर भारतीय बैंकों का 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है। लोन डिफॉल्ट के मामले में वह भारत में वांछित हैं। उन्हें तब गिरफ्तार किया गया जब वह मंगलवार सुबह मध्य लंदन पुलिस थाने में पेश हुए थे।
स्कॉटलैंड यार्ड ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन पुलिस की प्रत्यर्पण इकाई ने प्रत्यर्पण वारंट पर विजय माल्या को धोखाधड़ी के आरोपों में भारतीय अधिकारियों की ओर से गिरफ्तार किया। पिछले ही महीने ब्रिटिश सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर भारत के आग्रह पर अपनी प्रक्रिया शुरू की। ब्रिटिश सरकार ने भारत के आग्रह को कार्रवाई के लिए डिस्ट्रिक्ट जज को भेजा।
ब्रिटेन से प्रत्यर्पण मामले में जज को फ़ैसला लेना होता है कि गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाए या नहीं। वारंट जारी होने पर व्यक्ति को गिरफ़्तार कर कोर्ट के सामने प्राथमिक सुनवाई के लिए लाया जाता है। इसके बाद कोर्ट में प्रत्यर्पण पर सुनवाई होती है। कोर्ट का फ़ैसला आने के बाद प्रत्यर्पण पर अंतिम फ़ैसला विदेश मंत्री को करना होता है। गिरफ़्तार आरोपी को सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने की छूट होती है।
माल्या की गिरफ्तारी के बाद सबका ध्यान इस बात पर लगा है कि क्या मोदी सरकार माल्या को भारत ला पाएगी। माल्या के देश छोड़ने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला था। सरकार ने ऐलान किया था कि माल्या को वापस लाया जाएगा। इसके बाद ईडी औऱ सीबीआई समेत तमाम एजेंसियां माल्या को घेरने में जुट गई थीं। भारत ने ब्रिटेन से माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया और ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी।