कॉरपोरेट फंडिंग पर CPM चिंतित, EC के समक्ष उठाया मुद्दा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राजनीतिक दलों को कॉरपोरेट फंडिंग से संबंधित कानूनों में हाल में किए गए बदलावों का मुद्दा शुक्रवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) के समक्ष उठाया और इसके साथ ही आयोग के इस कदम का स्वागत किया जिसके तहत देश में भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है।
ईसी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद माकपा नेता नीलोत्पल बसु ने कहा, निर्वाचन आयोग ने कहा है कि भविष्य में सभी चुनावों में वीवीपैट (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) का इस्तेमाल किया जाएगा, जो एक बहुत ही स्वागत योग्य कदम है।
उन्होंने कहा, इसके अलावा चुनाव प्रणाली के स्वतंत्र समवर्ती पुनरीक्षण के लिए एक प्रणाली भी होनी चाहिए। ईवीएम को लेकर सवाल व संदेह हैं और इसे दूर करने के लिए कुछ जरूर किया जाना चाहिए।
माकपा नेता ने कहा, बीते साल एफसीआरए (विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम) राजनीतिक वित्त पोषण पर से हटा दिया गया था। इस साल वित्त विधेयक ने राजनीतिक चंदे पर सीमा व खुलासे की जरूरत को हटाकर निकाय को एक झटका दिया गया है।
ईसी ने शुक्रवार को सभी सात राष्ट्रीय दलों और 48 राज्यस्तरीय दलों से ईवीएम के साथ छेड़छाड़ व हैकिंग के मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी।
इस बैठक में मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए आरोप पत्र में नामित उम्मीदवारों को अयोग्य करार देने, चुनावी रिश्वत को गैर जमानती अपराध घोषित करने और चुनाव सुधार के अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।