इन्फोसिस में नीलेकणि : 26 की उम्र में ज्वॉइनिंग, 62 की उम्र में वापसी
सत्ता विमर्श डेस्क
बेंगलुरु : देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में शुमार इन्फोसिस के नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन बनाए गए नंदन नीलेकणि ने ट्वीट कर जानकारी दी कि 26 साल की उम्र में सबसे पहले इन्फोसिस ज्वॉइन किया था। अब एक बार फिर से 62 की उम्र में उन्होंने कंपनी को ज्वॉइन कर लिया है। नीलेकणि ने कहा कि अबकी बार इस पारी में केवल पब्लिक सर्विस होगी। उनकी जिम्मेदारी कंपनी को एक सही और स्थिर मार्ग पर बढ़ाने की हैं।
नीलेकणि ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां तब तक रहना चाहता हूं, जब तक जरूरी हो। इसके साथ ही कंपनी में कॉरपोरेट गवर्नेंस के सर्वोच्च मानक कायम रखने को प्रतिबद्ध हैं। कंपनी की स्वतंत्र निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने कहा कि हर किसी को भरोसा है कि नीलेकणि कंपनी को विवाद से बाहर निकालेंगे। नीलेकणि ने कहा कि उन्होंने 1981 में 10 हजार रुपये से कंपनी की स्थापना की थी जिसकी कमाई अब 10 अरब डॉलर से अधिक हो गई है।
इन्फोसिस में वापसी के एक दिन बाद नंदन नीलेकणी ने कहा कि वह कंपनी में स्थायित्व लाने तक इसकी जिम्मेदारी संभालेंगे। उनकी प्राथमिकता नए मुख्य कार्याधिकारी की नियुक्ति, निदेशक मंडल का नए सिरे से विस्तार तथा भविष्य में विकास के लिए रणनीति बनाना शामिल है। नीलेकणी ने कहा, 'मैं यहां तब तक रहूंगा जब तक जरूरी होगा और जब मेरी जरूरत खत्म हो जाएगी मैं चला जाऊंगा।'
नीलेकणी ने अपनी जिम्मेदारी संभालते ही इन्फोसिस के अंतरिम मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक यूबी राव की अगुआई में विचार-विमर्श किया। कंपनी नेतृत्व के साथ अलग से बैठक के बाद नीलेकणी ने कार्याधिकारियों की भूमिका के बारे में जानकारी ली, वहीं उन्होंने सभी से संबंधित कारोबार के बारे में जानकारी देने को कहा। इसमें पूर्व मुख्य कार्याधिकारी विशाल सिक्का की योजनाओं, उनके द्वारा तय किए गए लक्ष्यों तथा उसके क्रियान्वयन या राजस्व के मामले में उसकी स्थिति का भी जायजा लिया।
उन्होंने कंपनी के लिए अगले लक्ष्य तय करने के लिए प्रमुख कार्याधिकारियों के साथ एक छोटे 'रणनीतिक समूह' का गठन किया है, जिनमें मुख्य वित्त अधिकारी एमडी रंगनाथ, विलय एवं अधिग्रहण प्रमुख दीपक पडकी, उप मुख्य परिचालन अधिकारी रवि कुमार एस और मोहित जोशी शामिल हैं। नीलेकणी ने बोर्ड की स्वतंत्र निदेशक तथा नए मुख्य कार्याधिकारी की तलाश करने वाली समिति की प्रमुख किरण मजूमदार शॉ से नए सीईओ के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा। उन्होंने संकेत दिया कि सीईओ के लिए कंपनी में कार्यरत लोग, पहले काम कर चुके लोग या बाहर के लोग सभी को परखा जाएगा। नया सीईओ ऐसा व्यक्ति होना चाहिए जो चुनौतीपूर्ण वैश्विक माहौल के बीच कंपनी की रणनीति को आगे बढ़ाने की क्षमता रखता हो, वहीं कारोबार संचालन के उच्च मानकों का भी ध्यान रखने वाला हो।
नीलेकणी ने कहा, 'मुझे कई ईमेल प्राप्त हुए हैं और हम उपयुक्त उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं जो व्यापक वैश्विक सहयोग के साथ प्रबंधन की विशेषज्ञता प्रदर्शित करने में सक्षम हो और कंपनी की रणनीति के क्रियान्वयन एवं इन्फोसिस में जारी सांस्कृति बदलाव की सराहना करता हो।' इन्फोसिस की चुनौतियों से वाकिफ नीलेकणी ने कहा, 'इन्फोसिस में अपने पूर्व के कार्यकाल तथा आधार में काम करने के दौरान मैंने यह सीखा कि अगर आप परिणाम देने में सक्षम हैं तो, बाकी चीजें कोई मायने नहीं रखती।' नीलेकणी ने कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं कि आधार परियोजना को एक सरकार ने शुरू किया और फिर दूसरी सरकार ने उसे पुरजोर तरीके से आगे बढ़ाया तो आप समझ सकते हैं कि मैंने किस तरह का सामंजस्य विकसित किया है। मैं यहां भी उसी तरह का समन्वय कौशल लाऊंगा।'
उन्होंने कहा, 'मैं एन. आर. नारायणमूर्ति का प्रशंसक हूं। वह दिग्गज और दूरदर्शी व्यक्ति हैं तथा तकनीकी रूप से वह देश में कंपनी संचालन के मानकों के जनक हैं।' उन्होंने कहा, 'मेरी कोशिश रहेगी कि इन्फोसिस, नारायणमूर्ति एवं अन्य संस्थापकों के बीच अच्छे संबंध बने रहें।' उन्होंने सभी हितधारकों के साथ सर्वसम्मति बनाने, पारदर्शिता लाने पर जोर दिया, साथ ही सिक्का के दृष्टिकोण को अपनाने का भी विकल्प खुला रखा है, जिन्होंने इन्फोसिस को शुद्ध आईटी सेवा फर्म से सॉफ्टवेयर प्लस सर्विस फर्म बनाने की दिशा में काम किया है। नीलेकणी ने कहा, 'मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि कंपनी में किसी तरह का मनमुटाव न हो और सभी एकमत से काम करें।' नए चेयरमैन नंदन नीलेकणी की अध्यक्षता में इन्फोसिस बोर्ड ने कंपनी के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति के साथ विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उनका इरादा कभी भी उन्हें व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचाना नहीं था।