साइरस मिस्त्री के खत ने खोली धोखाधड़ी की पोल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि वह टाटा समूह के ‘बर्खास्त’ चेयरमैन साइरस मिस्त्री के उन आरोपों की जांच करेगा जिनमें 22 करोड़ की धोखाधड़ी की बात है। मंत्रालय ने कहा है कि वो एयरएशिया इंडिया के बारे में दी गयी कथित जानकारी से जुड़े मुद्दों पर बराबर निगाह रखे हुए है और अगर उसे लगता है कि कार्रवाई लायक कुछ है, तो उस पर कदम उठाया जाएगा। एयरएशिया इंडिया में टाटा समूह भी भागीदार है।
नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने कहा, ‘हम किसी भी हलके से किसी भी प्रकार की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं। ‘अभी तक हमें कुछ नहीं मिला है।’ मिस्त्री ने एयरएशिया के साथ टाटा समूह के विमानन क्षेत्र के संयुक्त उद्यम में ‘नैतिकता संबंधी’ चिंता जताते हुए आरोप लगाया है कि फॉरेंसिक जांच में 22 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी वाले लेनदेन का खुलासा हुआ है। यह लेनदेन भारत और सिंगापुर में ऐसी इकाइयों के साथ किया गया है जिनका अस्तित्व ही नहीं था।
मिस्त्री के एयरएशिया इंडिया के खिलाफ आरोपों पर नागर विमानन मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘यदि मंत्रालय के संज्ञान में कोई नई बात लाई जाती है, तो उचित अधिकारी इसे देखेंगे।’गौरतलब है कि मिस्त्री को सोमवार को टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटा दिया गया। उनका स्थान उनके पूर्ववर्ती रतन टाटा ने लिया है। मिस्त्री की पारिवारिक कंपनी शापोरजी पल्लोनजी निर्माण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी है और यह टाटा समूह के सबसे बड़े शेयरधारकों में है।
ख़त से खुली पोल
टाटा संस के बोर्ड के सदस्यों को बुधवार को लिखे पत्र में मिस्त्री ने आरोप लगाया है कि अंतरिम चेयरमैन रतन टाटा के विमानन क्षेत्र से लगाव की वजह से टाटा संस के बोर्ड ने शुरुआती प्रतिबद्धता के विभिन्न स्तरों पर विमानन क्षेत्र में पूंजी निवेश बढ़ाया है। पत्र में मिस्त्री ने लिखा है, ‘बोर्ड के सदस्य और ट्रस्टी इस बात को जानते हैं कि एयरएशिया के मामले में कुछ सौदों और संगठन में कुल मिलाकर व्याप्त संस्कृति को लेकर नैतिकता की चिंताएं जताई जा चुकी हैं।’ इसी संदर्भ में मिस्त्री ने पत्र में कहा कि एक हालिया फॉरेंसिक जांच में पता चला कि भारत और सिंगापुर में ऐसी इकाइयों के साथ धोखाधड़ी वाले लेनदेन किए गए वास्तव में थीं ही नहीं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘कार्यकारी न्यासी वेंकटरामन ने इस मामले को कोई तवज्जो नहीं दी और इस पर आगे गौर किए जाने की बात को प्रोत्साहित नहीं किया। वेंकटरामन एयर एशिया के निदेशक मंडल के सदस्य होने के साथ साथ कंपनी में शेयरधारक भी हैं।
उन्होंने दावा किया कि एयर एशिया के साथ वार्ता टाटा ने पूरी की थी, लेकिन टाटा संस के चेयरमैन के रूप में शुरुआती कार्यकाल में उन्हें टाटा संस की बोर्ड की बैठक में एयर एशिया के साथ संयुक्त उद्यम का प्रस्ताव रखने को कहा गया था।