धोखाधड़ी के पोस्टर ब्वॉय माल्या ने खुद को बताया बेकसूर, कहा- सरकार के इशारे पर ED ने की झूठी कार्रवाई
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अपने साथ जुड़ा डिफॉल्टर का टैग रास नहीं आ रहा। उसे धोखाधड़ी के पोस्टर ब्वॉय के तौर पर खुद को प्रोजेक्ट किया जाना अखर रहा है। साथ ही खुद को बेकसूर बताते हुए उसने अपने खिलाफ हो रही कार्रवाई को सरकार और बैंकों की कारस्तानी बताया। उसने अपना दर्द जाहिर करते हुए 2016 में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखा खत भी सार्वजनिक कर दिया। माल्या का कहना है कि उसने भारत में सरकारी बैंकों के कर्ज नहीं चुकाने को लेकर 2016 में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर अपना पक्ष रख दिया था। माल्या ने एक विस्तृत प्रेस रिलीज जारी करते हुए दावा किया कि उसके पत्र पर दोनों में से किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
After two years of silence, I have decided to issue a comprehensive press statement ... 1/5 pic.twitter.com/klbeh4rF8G
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) June 26, 2018
माल्या ने कहा, 'नेता और मीडिया मुझपर ऐसे आरोप लगाते रहे हैं जैसे कि मैं किंगफिशर एयलाइंस को दिया 9,000 करोड़ रुपये का कर्ज लेकर भाग गया। कर्ज देनेवाले कुछ बैंकों ने मुझे विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाला) भी घोषित कर दिया है।' उसने आगे कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरकार और बैंकों के इशारों पर उसके खिलाफ अपुष्ट एवं पूरी तरह झूठे चार्जशीट दायर किए हैं।
माल्या ने कहा, 'ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (पीएमएलए) के तहत मेरी, मेरी ग्रुप कंपनियों, मेरे और/अथवा मेरे परिवार के मालिकाना हक वाली कंपनियों की संपत्तियां जब्त कर लीं जिनका मौजूदा मूल्य 13,900 करोड़ रुपये के आसपास है।' उसने कहा कि वह बैंकों का बकाया वापस करने की पूरी कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे बैंकों को चूना लगानेवालों के 'पोस्टर बॉय' के तौर पर पेश किया जा रहा है। माल्या ने कहा, 'मेरा नाम आते ही लोगों का गुस्सा भड़क जाता है।' माल्या ने कहा, 'मैं सम्मानपूर्वक कहता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों की बकाया राशि वापस करने के पूरे प्रयास किए हैं। अगर राजनीति से प्रेरित कोई फैक्टर इसमें शामिल होता है तो मैं कुछ भी नहीं कह सकता।'
62 वर्षीय शराब कारोबारी विजय माल्या पर जिन बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, उनमें एसबीआई, पीएनबी, आईडीबीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, फेडरल बैंक और ऐक्सिस बैंक आदि शामिल हैं। बैंकों ने उससे यह रकम वापसी की कोशिशें शुरू कीं तो वह 2016 में यूके भाग गया और अब वह मामले का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने की पूरी कोशिश कर रहा है।