अगले 18 महीनों में ऋण मुक्त बनने की RIL ने बनाई योजना, जियो गीगाफाइबर लांचिंग की घोषणा
प्रवीण कुमार
मुंबई : मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) ने अगले 18 महीने में खुद को ऋण मुक्त बनने की योजना बनाई है। सोमवार को कंपनी की वार्षिक आम सभा में घोषणाओं की झड़ी लगाते हुए अंबानी ने बताया कि अपने तेल और पेट्रो-रसायन कारोबार में 20 फीसदी हिस्सेदारी सऊदी अरब की प्रमुख तेल कंपनी सऊदी अरामको को बेचने के लिए करार किया। इस सौदे से आरआईएल को एक लाख छह हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। कंपनी अपने खुदरा और दूरसंचार कारोबार के लिए वैश्विक साझेदार भी तलाश रही है। साथ ही उसने रियल एस्टेट और वित्तीय निवेश को भी बेचने की योजना बनाई है।
आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कहा, सऊदी अरामको और रिलायंस ने तेल और रसायन में दीर्घकालीन साझेदारी पर सहमति जताई है। सऊदी कंपनी रिलांयस में 20 फीसदी हिस्सेदारी के लिए निवेश करेगी। रिलायंस के तेल और रसायन कारोबार का मूल्य करीब 75 अरब डॉलर है। इस मूल्यांकन पर 20 फीसदी हिस्सेदारी का मूल्य 15 अरब डॉलर होगा। अंबानी ने कहा कि यह रिलायंस के इतिहास में सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा। साथ ही यह देश में सबसे बड़े विदेशी निवेशों में से एक होगा।
कंपनी का तेल और रसायन कारोबार के लिए अलग डिवीजन बनाया जाएगा जिसकी पेट्रोल खुदरा कारोबार में भी 51 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इस डिवीजन में अरामको 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी। आरआईएल की मूल कंपनी के बोर्ड में भी अरामको को एक सीट दी जाएगी। हाल ही में आरआईएल ने अपने पेट्रोल पंप कारोबार में 49 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए ब्रिटेन की कंपनी बीपी के साथ एक संयुक्त उपक्रम बनाने की घोषणा की थी। अंबानी ने कहा, अरामको के साथ साझेदारी के दायरे में आरआईएल की सभी रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल परिसंपत्तियां आएंगी। इसमें पेट्रोलियम रिटेल संयुक्त उपक्रम में 51 फीसदी हिस्सा भी शामिल है। इस सौदे के तहत अरामको आरआईएल की जामनगर रिफानइरी से दीर्घकालीन आधार पर रोज 500,000 बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति कर सकती है। इस सौदे पर दोनों कंपनियों को अभी निश्चित समझौते पर हस्ताक्षर करने हैं।
आ गया रिलायंस जियो गीगाफाइबर!
रिलायंस जियो ने सोमवार को अपने फाइबर-टू-द-होम सर्विस जियो गीगाफाइबर (Jio GigaFiber) के कमर्शियल लॉन्चिंग डेट की घोषणा कर दी है। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना जनरल मीटिंग में कहा कि जियो गीगाफाइबर 5 सितंबर से मिलना शुरू हो जाएगा। जियो गीगाफाइबर उपभोक्ताओं को हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ ही कई और एडवांस सर्विस देने वाला है। क्या हैं ये सेवाएं और कैसे ये करोड़ों यूजर्स को स्मार्ट होम सॉल्यूशन देने वाला है। जियो गीगाफाइबर के प्लान्स की शुरुआत 700 रुपये से होगी। वहीं इसका सबसे महंगा प्लान 10000 रुपये का आएगा। जियो गीगाफाइबर के सस्ते प्लान में 100Mbps की स्पीड मिलेगी और इसके प्रीमियम प्लान को सबस्क्राइब कराने वाले उपभोक्ताओं को 1Gbps की स्पीड मिलेगी। उपभोक्ता को लाइफ टाइम फ्री जियो गीगाफाइबर के साथ वॉइस कॉल, हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा। साथ ही उपभोक्ताओं को सिर्फ डेटा के पैसे देने पड़ेंगे, वॉइस कॉलिंग हमेशा के लिए फ्री होगी। रिलायंस जियो गीगाफाइबर का सालाना पैकेज (जियो फॉरइवर एनुअल प्लान्स) लेने वाले ग्राहकों को HD/4K एलईडी टेलीविजन सेट और 4K सेटअप बॉक्स फ्री में देगी।
अंबानी ने मार्च 2021 तक कंपनी को कर्ज मुक्त करने की योजना का खाका भी पेश किया। उन्होंने कहा, पिछले साल के अंत में कंपनी पर 1.54 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज था। 31 मार्च 2021 तक कंपनी को पूरी तरह कर्ज से मुक्त करने के लिए हमारे पास एक स्पष्ट योजना है। जून 2019 तक आरआईएल का समेकित ऋण 2.88 लाख करोड़ रुपये था। इसी महीने क्रेडिट सुइस ने रिलायंस के लक्षित मूल्य में कटौती की थी और आरआईएल को तटस्थ से कमजोर प्रदर्शन की श्रेणी में डाल दिया था। ज्यादा देनदारी और दूरसंचार कारोबार में सेवाएं शुरू करने में देरी के कारण ऐसा किया गया था।
विश्लेषकों का कहना है कि कर्ज घटाने के लिए आरआईएल की योजना व्यावहारिक है। अरामको से मिलने वाले 1.05 लाख करोड़ रुपये और 80 से 90 हजार करोड़ रुपये की सालाना परिचालन नकदी प्रवाह से आरआईएल को दो साल के भीतर कर्ज से मुक्त होने में मदद मिलेगी। विश्लेषकों का कहना है कि पेट्रोकेमिकल क्षमता में 1.2 लाख टन बढ़ोतरी की जरूरत है जिसके लिए भविष्य में 11 अरब डॉलर की जरूरत होगी। अरामको के निवेश से इसके लिए जरूरी पूंजी उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। आरआईएल निकट भविष्य में अपने उपभोक्ता कारोबार में आंशिक हिस्सेदारी बेचना चाहती है। साथ ही उसने इस कारोबार को सूचीबद्ध कराने की भी योजना बनाई है।
अंबानी ने कहा, 'हमारे उपभोक्ता कारोबार जियो और रिलायंस रिटेल में कई रणनीतिक और वित्तीय निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है। अगली कुछ तिमाहियों में हम अग्रणी वैश्विक साझेदारों को इनमें शामिल करेंगे। अगले पांच साल में हम इन दोनों कंपनियों को सूचीबद्ध कराने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही हम अपने रियल एस्टेट और वित्तीय निवेश को बेचने के विकल्प पर भी विचार करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि बीपी और अरामको के साथ सौदे मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान पूरे हो जाएंगे और इनसे 1.1 लाख करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। अंबानी ने साथ ही संकेत दिया कि आरआईएल के दो इनविट्स (टावर और ऑप्टिक फाइबर) के लिए वैश्विक निवेशकों से फंड जुटाने की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2020 के अंत तक पूरी हो जाएगी। अंबानी ने यह भी संकेत दिया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद काफी मजबूत है।