प्रत्यर्पण पर फैसला आने से पहले विजय माल्या ने रखा बैंक कर्ज का मूलधन चुकाने का प्रस्ताव
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली/लंदन : अगुस्टा वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी चॉपर डील में हुए कथित घोटाले के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के पकड़े जाने की खबर के तुरंत बाद भगोड़ा भारतीय कारोबारी विजय माल्या ने अपने प्रत्यर्पण पर फैसला आने से पहले कहा है कि वह पूरा कर्ज चुकाने को तैयार है। एक ट्वीट के जरिए माल्या ने भारतीय बैंकों और सरकार से अपील करते हुए कहा है कि उसका प्रस्ताव मान लिया जाए।
I see the quick media narrative about my extradition decision. That is separate and will take its own legal course. The most important point is public money and I am offering to pay 100% back. I humbly request the Banks and Government to take it. If payback refused, WHY ?
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) December 5, 2018
मालूम हो कि विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। माल्या के प्रत्यर्पण का मामला लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में चल रहा है। अदालत 10 दिसंबर को इस पर फैसला सुना सकती है। कोर्ट में 12 सितंबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। माल्या पर भारतीय बैंकों से लिया लोन नहीं चुकाने के आरोप है। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।
विजय माल्या का कहना है कि 'प्रत्यपर्ण पर फैसले का मामला अलग है। इसमें कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी। लेकिन, जनता के पैसे का भुगतान अहम बात है और मैं 100 प्रतिशत चुकाने के लिए तैयार हूं।' माल्या ने कहा, 'नेता और मीडिया मेरे डिफॉल्टर होने और सरकारी बैंकों से लोन लेकर भागने की बात जोर-शोर से कह रहे हैं। यह गलत है। मेरे साथ सही बर्ताव क्यों नहीं होता? 2016 में जब मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था तो इसका प्रचार क्यों नहीं किया गया?'
माल्या की दलील है कि हवाई ईंधन महंगा होने की वजह से किंगफिशर एयरलाइंस की हालत बिगड़ी। एयरलाइंस 140 डॉलर प्रति बैरल के सबसे ऊंचे क्रूड भाव के दौर से गुजरी थी। इस वजह से घाटा हुआ और बैंकों से लिए लोन की रकम खर्च हुई। मैंने पूरा मूलधन चुकाने का प्रस्ताव दिया था। शराब कारोबारी का कहना है कि किंगफिशर तीन दशक तक भारत का सबसे बड़ा एल्कोहॉलिक ब्रेवरेज ग्रुप था। इस दौरान हमने सरकारी खजाने में हजारों करोड़ रुपए का योगदान दिया। किंगफिशर एयरलाइंस को खोने के बाद भी मैं बैंकों के नुकसान की भरपाई के लिए तैयार हूं।