पेटीएम की FIR पर बोले केजरी- अब केन्द्र कंपनी की जेब में
शायद अपनी तरह का ये अनोखा मामला है कि केन्द्र अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई ने एक प्राइवेट कम्पनी की शिकायत पर रपट दर्ज कर ली हो। अब इस पर सियासी पारा चढ़ना लाजिमी है। सो सबसे पहले इसके खिलाफ मोर्चा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही खोला है। दरअसल इसके घेरे में डिजिटल वॉलेट कम्पनी पेटीएम है।
ट्रंप के बयान के बाद गिरा बाजार
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान, नोटबंदी और क्रूड ऑयल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी का असर NSE और BSE पर देखने को मिल रहा है। बंबई शेयर बाजार में दो दिन से जारी तेजी के सिलसिले पर सोमवार (12 दिसंबर) को ब्रेक लगी और सेंसेक्स 232 अंक टूटकर 26,515 अंक पर आ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी टूटकर 8,200 अंक के स्तर से नीचे आ गया।
ट्रंप के बयान के बाद गिरा बाजार
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान, नोटबंदी और क्रूड ऑयल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी का असर NSE और BSE पर देखने को मिल रहा है। बंबई शेयर बाजार में दो दिन से जारी तेजी के सिलसिले पर सोमवार (12 दिसंबर) को ब्रेक लगी और सेंसेक्स 232 अंक टूटकर 26,515 अंक पर आ गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी टूटकर 8,200 अंक के स्तर से नीचे आ गया।
मिस्त्री ने टाटा पर निकाला गुब्बार, कहा-समूह किसी की जागीर नहीं
टाटा समूह में जारी उथल पुथल के बीच साइरस मिस्त्री ने सरकार से समूह के ट्रस्ट संचालनों में दखल देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने रतन टाटा को भी आंखें दिखाईं हैं। इशारों-इशारों में उन्होंने कहा है कि समूह किसी की व्यक्तिगत जागीर नहीं है। उन्होंने कंपनी के शेयरधारकों को फिर एक चिट्ठी लिखी है और अपना गुब्बार निकाला है।
असंवैधानिक था Jio एड में पीएम का इस्तेमाल, जुर्माना सिर्फ 500 रुपए
अरबों-खरबों कमाने वाला रिलायंस जियो महज 500 रुपए देकर बच जाएगा। मामला लाचिंग एड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तस्वीर और वीडियो के इस्तेमाल का है। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट विज्ञापनों में बिना अनुमति के पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापी गई थी। इसे असंवैधानिक बताते हुए विपक्ष ने ऐतराज जताया था। जिस पर सरकार की तरफ से अब बयान आ रहा है।
'ग्रुप ज्वैल' को बेचने की फिराक में थे रतन टाटा: साइरस मिस्त्री
टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री और ग्रुप के अंतरिम अध्यक्ष रतन टाटा के बीच अहम की जंग जारी है। अब मिस्त्री ने रतन टाटा पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना कि रतन टाटा, टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टी.सी.एस.) को दुनिया की टॉप कंपनी आई.बी.एम. को बेचने की तैयारी कर रहे थे। टी.सी.एस. टाटा संस की सबसे बड़ी कंपनी है, जिससे ग्रुप को खासी आमदनी होती है। इसे ग्रुप अपना ज्वैल ऑफ क्राउन मानता है।
चुनाव से ठीक पहले अखिलेश को भी भाया पतंजलि फूड पार्क
आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद को राज्य में 2,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दे दी है। इसमें यमुना एक्सप्रेसवे पर 450 एकड़ में फूड पार्क की स्थापना भी शामिल है। अखिलेश ने बाबा रामदेव के निवेश प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो इससे रोजगार सृजन का द्वार खुलेगा और दूसरा बाबा अपने लाखों समर्थकों को अखिलेश की जीत के लिए वोट देने का आह्वान कर सकते हैं।
डोकोमो विवाद पर साइरस ने खोला मुंह, कहा- बंद करें कहना कि टाटा संस के मूल्यों को तोड़ा गया
कॉरपोरेट जगत में इन दिनों टाटा संस में चल रही उथल पुथल की चर्चा है। रोज नए खुलासे और इस मसले को लेकर राजनीति हो रही है। अब साइरस मिस्त्री ने डोकोमो विवाद पर अपना पक्ष साझा किया है। उन्होंने कहा है कि टाटा संस को उनके सभी फैसलों की जानकारी थी। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मिस्त्री ने ये भी कहा कि डोकोमो के साथ समझौता उनके चेयरमैन बनने से पहले ही हो गया था। दरअसल, टाटासंस ने मिस्त्री पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कम्पनी के मूल्यों और नियमों के खिलाफ जाकर समझौता किया।
साइरस मिस्त्री के खत ने खोली धोखाधड़ी की पोल
नागर विमानन मंत्रालय ने कहा है कि वह टाटा समूह के ‘बर्खास्त’ चेयरमैन साइरस मिस्त्री के उन आरोपों की जांच करेगा जिनमें 22 करोड़ की धोखाधड़ी की बात है। मंत्रालय ने कहा है कि वो एयरएशिया इंडिया के बारे में दी गयी कथित जानकारी से जुड़े मुद्दों पर बराबर निगाह रखे हुए है और अगर उसे लगता है कि कार्रवाई लायक कुछ है, तो उस पर कदम उठाया जाएगा
व्यापार सुगमता सूचकांक ने मोदी सरकार की उम्मीदों पर फेरा पानी
वॉशिंगटन से आई एक रिपोर्ट ने भारत सरकार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। बीते ढाई वर्षों से जिस तरह की तस्वीर केन्द्र देश-दुनिया को दिखाती रही है उसको 'इज ऑफ डूइिंग बिजनेस' यानी व्यापार सुगमता सूचकांक की ताजा रिपोर्ट ने बहुत बड़ा झटका दिया है। रिपोर्ट की मानें तो देश ने निर्माण परमिट, ऋण प्राप्त करने और अन्य मानदंडों के संदर्भ में नाममात्र या कोई सुधार नहीं किया है। हालत ये है कि भारत के मामले में नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।