ओपिनियन पोल : 'हां' या 'ना'
सत्ता विमर्श टीम
नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय चुनाव आयोग के उस विचार का समर्थन किया है जिसमें आयोग ने चुनाव के दौरान मत सर्वेक्षणों पर रोक लगाने की दलील दी है। इस खबर के आते ही ओपिनियन पोल पर सियासी घमासान मच गया है। कांग्रेस और उसके कई सहयोगी दलों ने ओपिनियन पोल को गोरखधंधा, तमाशा और मनगढंत जैसे शब्दों से विभूषित किया है और इसपर प्रतिबंध लगाने की जोरदार वकालत की है। वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा का कहना है कि ऐसा करना न तो संवैधानिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है, न ही जरूरी है, क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा है।
चुनाव आयोग ने हाल में ही सभी पार्टियों को इस बारे में लिखा- 'बताओ, ओपिनियन पोल पर बैन लगना चाहिए या नहीं?' उधर, सभी मान्यता प्राप्त दलों के अध्यक्षों, महासचिवों को लिखे पत्र में आयोग ने पूछा था, 'आयोग चाहता है कि चुनाव के दौरान ओपिनियन पोल कराने और इसके परिणामों को प्रकाशित या प्रसारित करने पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव के बारे में आयोग को अवगत कराया जाए। कृपया 21 अक्टूबर 2013 तक अपने विचार से अवगत कराएं।' इससे पहले चुनाव आयोग ने सरकार को प्रस्ताव दिया था कि ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाया जाए, जिसके बाद सरकार ने आयोग से कहा कि इस मुद्दे पर वह विभिन्न दलों के साथ फिर से विचार-विमर्श करे। आइए पहले तो एक नजर डालते हैं कौन ओपिनियन पोल के पक्ष में है और कौन विरोध में और फिर जानेंगे उनकी दलीलें। ओपिनियन पोल के पक्ष में हैं भाजपा, अकाली दल, शिवसेना और आम आदमी पार्टी। जबकि इसके विरोध में हैं कांग्रेस पार्टी, सपा और सीपीआई।
ओपिनियन पोल एक मजाक बन गाय है : दिग्विजय
कांग्रेस पार्टी के महासचिव दिग्विजय सिंह का कहना है, 'यह तो मजाक बन गया है। इसपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए। जिस तरह की शिकायतें एवं सूचनाएं मिली है, उससे पता चलता है कि कोई भी पैसे देकर अपनी इच्छानुसार सर्वेक्षण करा सकता है। सवा सौ करोड़ लोगों के देश में कैसे कुछ हजार लोग रूझान का अनुमान लगा सकते हैं? दरअसल यह गोरखधंधा बन गया है। कई ऐसे समूह सामने आये हैं। कांग्रेस के मानवाधिकार एवं कानून विभाग के सचिव के.सी. मित्तल ने कहा, 'हम चुनाव आयोग के चुनाव के दौरान मतदान सर्वेक्षणों पर रोक लगाने के विचार का समर्थन करते हैं, क्योंकि यह वैज्ञानिक नहीं होता है. इस तरह के सर्वेक्षण सटीक और पारदर्शी नहीं होते हैं।'
ओपिनियन पोल कई बार मनगढ़ंत : राजीव शुक्ला
केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने अलग से बयान जारी कर कहा कि ओपिनियन पोल कई बार मनगढ़ंत होते हैं इसलिए, पार्टी ने उसका विरोध कर अच्छा ही किया है। उन्होंने कहा, 'यदि असली ओपिनियन पोल हों तो किसी को दिक्कत नहीं है लेकिन अब हमें जिस तरह की खबरें मिल रही हैं, उससे पता चलता है कि वे मनगढ़ंत होते हैं। उन्होंने कहा, 'निश्चित ही, जब मीडिया पब्लिसिटी करने लगता है, लोग उससे प्रभावित होते हैं. अतएव, यह पार्टी की सही मांग रही है। पोल से पहले तटस्थ दिमाग होना चाहिए।'
ओपिनियन पोल से सही तस्वीर नहीं मिलती : बसपा
मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी ने भी चुनाव से पूर्व ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर कांग्रेस के साथ आते हुए कहा कि ये ओपिनियन पोल सही तस्वीर नहीं दिखा सकते और इनमें 'जोड़ तोड़ की गुंजाइश' बनी रहती है। ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर निर्वाचन आयोग के पत्र पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने लिखा, 'वे जनता की राय की सही तस्वीर नहीं दिखा सकते।' बसपा ने कहा कि सर्वेक्षण बेहद सीमित और चुनिंदा मतदाताओं से संपर्क कर और उनके विचार जानकर किए जाते हैं और उन सीमित लोगों के विचारों को बड़ी संख्या में मतदाताओं के विचार नहीं माना जा सकता। पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई वैज्ञानिक पद्धति या उचित तरीका नहीं है जिससे उस माहौल में मतदाताओं के सामान्य विचारों को जाना जा सके जहां लोग गुप्त मतपत्र के जरिए ही अपने विचार प्रकट करना पसंद करते हैं। पार्टी ने कहा, 'चुनाव से पूर्व मतदाताओं को भ्रमित करने के लिए एजेंसियों द्वारा इस प्रकार के भ्रामक ओपिनियन सर्वे किए जाते हैं जिन्हें इसके लिए धन का भुगतान किया जाता है।'
ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध गैरवाजिब : अरुण जेटली
ओपिनियन पोल पर प्रतिबंध संबंधी चुनाव आयोग के विचार और कांग्रेस के समर्थन का विरोध करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि भारत में चुनाव विश्लेषण अभी परिपक्वता हासिल ही कर रहा है तथा हो सकता है कि कुछ ओपिनयन पोल गलत हो जाएं लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उन पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल तब इन ओपिनियन पोल को खारिज करने की मांग करते हैं जब वे उनके प्रतिकूल होते हैं। सामान्यत: नुकसान में रहने वाला प्रतिबंध की मांग करता है, जबकि फायदे में रहने वाला उसे जारी रखने में पक्ष में होता है। जेटली ने कहा, 'ऐसे पोल पर प्रतिबंध पर इस आधार पर नहीं विचार किया जा सकता है कि कौन ऐसी मांग उठा रहा है. स्पष्ट तौर पर (ओपिनियन) पोल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अंग है. उनपर प्रतिबंध लगाना न तो संवैधानिक रूप से इजाजत योग्य है, न ही वांछनीय।'
ओपिनियन पोल पर बैन अनुचित : प्रकाश सिंह बादल
कांग्रेस नेतृत्व के विभिन्न वर्गों की तरफ से ओपिनियन पोल पर रोक लगाने संबंधी मांग के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा है कि कांग्रेस इस तरह के जनमत सर्वेक्षणों का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि आने वाले चुनाव में उसने अपनी हार भांप ली है। 'कांग्रेस ऐसी मांग इसलिए कर रही है क्योंकि उसे पांच राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी हार दिखाई दे रही है, जिसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उसका यही हाल होने वाला है'उन्होंने हैरानी जाहिर करते हुए कहा, 'कांग्रेस, जो इस तरह की रायशुमारी का समर्थन करती रही है, हवाओं को अपने प्रतिकूल पाते ही इनका विरोध करने लगी है।'