भाजपा पर भारी केजरी की वॉटर पॉलिटिक्स
किरण राय
गरीबों की आड़ में 'पानी' को राजनीतिक जामा पहनाकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐसी राजनीतिक चाल चली है कि हरियाणा में भाजपा की खट्टर सरकार से लेकर केंद्र में भाजपा नीत मोदी सरकार तक चकरा गई है। आम आदमी की बुनियाद पर खड़ी आम आदमी पार्टी की सरकार ने हरियाणा से पानी आपूर्ति और दिल्ली में पानी कटौती की नीति को लेकर भाजपा को जिस तरह से घेरा है उससे आप को मुसीबत में डालकर उनका बच निकलना आसान नहीं होगा।
दो दिवसीय विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बुधवार को अरविंद केजरीवाल ने अपने वक्तव्य में साफ लहजे में कहा कि गरीबों की कीमत पर अब वीआईपी और मंत्रियों को असीमित पानी की आपूर्ति नहीं की जाएगी। अगर हरियाणा सरकार ने दिल्ली को पानी देने में किसी तरह की आनाकानी करती है और दिल्ली में पानी संकट की स्थिति उत्पन्न होती है तो पानी की कटौती की जा सकती है। इस पानी कटौती की खास बात यह होगी कि दिल्ली जल बोर्ड वीआईपी और मंत्रियों को की जाने वाली पानी आपूर्ति में किसी तरह की रियायत नहीं बरतेगी। आम आदमी की तरह वीआईपी और मंत्री के घर भी पानी कटौती के दायरे में आएंगे। केजरीवाल के बयान के मुताबिक राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, विदेशी दूतावास और दिल्ली के अस्पताल इस कटौती के दायरे से बाहर होंगे।
निश्चित रूप से पानी को लेकर अरविंद केजरीवाल के इस तरह के ऐलान से हरियाणा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार चकरा गई है। किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था कि दिल्ली सरकार इस तरह के कदम उठा सकती है। जाहिर है इसपर केंद्र सरकार या कोई भी पार्टी आप सरकार पर पलटवार भी करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि आम आदमी की वकालत कर ही नरेंद्र मोदी ने भी सत्ता पायी है और हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर भी। भाजपा से इतर कांग्रेस और अन्य पार्टियां केजरीवाल के इस ऐलान पर चटकारे लेने से नहीं चूक रहे हैं।
दिल्ली नगर निगम की आर्थिक बदहाली को लेकर भी मुख्यमंत्री केजरीवाल ने केंद्र सरकार और भाजपा को कटघरे में खड़ा किया। केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी के लिए केंद्र से मिलने वाली धनराशि आवंटित नहीं की गई है। साथ ही एमसीडी में भारी भ्रष्टाचार की तरफ भी अरविंद केजरीवाल ने इशारा करते हुए कहा कि अच्छा तो यह होगा कि दिल्ली के सातों सांसद, तीन विधायक, दिल्ली नगर निगम के सभी मेयर हमारे साथ चलकर दिल्ली के लिए आर्थिक पैकेज की मांग करें।
बहरहाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक नए तरह की राजनीति को दिल्ली ही नहीं, पूरे देश के सामने पेश किया है। वह यह कि आम जनता और वीआईपी को अलग-अलग बाट से नहीं तौल सकते। चाहे बिजली हो, पानी हो, सड़क हो जितना हक वीआईपी का है उतना ही हक आम जनता का भी है। भाजपा या अन्य कोई भी पार्टी यह कहने से परहेज करेगी कि आम आदमी का हक मारकर मंत्रियों और वीआईपी को पानी या बिजली की आपूर्ति की जाए। ऐसे में वही होगा जो केजरीवाल चाहेंगे यानी हरियाणा सरकार दिल्ली को पानी आपूर्ति में किसी तरह की हीलाहवाली नहीं करेगी।