चातुर्य से किया चित
किरण राय
पाकिस्तान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि भारत के 150 पैराकमांडोज उसके 'पाले' गए आतंक के कैम्पों को LOC पार नेस्तनाबूद कर देंगे। उरी हमले के बाद भारत के भीतर एक छटपटाहट थी। हर ओर से सरकार से सवाल किए जा रहे थे। प्रशंसा करनी होगी पीएम नरेन्द्र मोदी, उनकी टीम और एनएसए अजीत डोभाल की, जिन्होंने संयम और चातुर्य का बेहतरीन प्रदर्शन किया। पहले तो पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से बेहाल किया उसे पूरी दुनिया में अलग-थलग किया फिर सही मौका देखकर सर्जीकल स्ट्राइक के जरिए बेदम कर दिया। पाकिस्तान अब भी अकेला है। ना अच्छे दोस्त चीन ने और ना उसके सुख दुख के साथी अमेरिका ने पाक के पक्ष में कोई बयान जारी किया है।
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पिछले दस दिनों से जिस तरह की बेसब्री और बेचैनी का परिचय पाकिस्तान दे रहा था उसी फितरत पर वो बुधवार रात हुए स्ट्राईक के बाद भी दे रहा है। हमारा पड़ोसी डिनायल मोड में है। पाक ने मुम्बई अटैक, पठानकोट एयर बेस अटैक, गुरदासपुर हमला या फिर उरी हमले के दौरान भी अपने इसी रवैये को बनाए रखा। यानी वो कभी नहीं मानने को तैयार होता कि उसके यहां से आतंक बेचा और भेजा जाता है। इस बार उसके डिनायल मोड का कारण दो है। पहला वो अपने आतंक के आकाओं को जवाब देने से बचना चाहता है दूसरा वह ये नहीं जताना चाहता कि लांचिंग पैड पर उसकी सेना भी तैनात थी। इस अटैक में उसके दौ सैनिक मारे गए हैं। हालांकि पाक इसे क्रॉस बॉर्डर फायरिंग का मामला बता रही है। अगर वो इस बात को मानेगी तो सवाल उठेंगे कि आतंकी कैम्पों की सुरक्षा की जिम्मेदारी क्या पाकिस्तान आर्मी ने उठा रखी है? जिससे वो हमेशा बचता रहा है।
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भारत के लिए राहत की बात ये है कि एक तो हमारी सेना का आत्मविश्वास बढ़ा है दूसरा पहली बार हमारे इंटेलीजेंस इनपुट सटीक काम कर पाए हैं। जानकारों के मुताबिक लॉंचिंग पैड वो होते हैं जहां आतंकी 24 से 48 घण्टे तक ही रहते हैं। इसके बाद वो अपनी जगह बदल लेते हैं। ऐसे में उन्हें मार्क करके सही समय पर अटैक करना बिना सटीक जानकारी के सफल नहीं हो सकता है। निश्चित तौर पर भारत ने पाकिस्तान की तरह खाली रोना पीटना नहीं मचाया। बल्कि समय का इंतजार किया और फिर अपने चातुर्य से चित किया।