चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र भवन में किया 12 घंटे का उपवास, समर्थन में विपक्षी नेताओं का लगा तांता

सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को दावा किया कि नरेंद्र मोदी नीत भाजपा सरकार के अधीन लोकतंत्र और देश को खतरा है। उन्होंने केंद्र पर आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देकर धोखा देने का भी आरोप लगाया। राज्य को विशेष दर्जा (एससीएस) दिलाने और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के अंतर्गत केंद्र द्वारा किए गए अन्य वादों को पूरा करने की मांग के साथ राष्ट्रीय राजधानी में अनशन शुरू करते हुए मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को 12 घंटे का उपवास रखा जिसका कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तमाम विपक्षी दलों ने समर्थन किया।
नायडू ने कहा कि उनका अनशन 'आंध्रप्रदेश के साथ मोदी सरकार द्वारा दिए गए धोखे' के संबंध में देश के साथ संचार है। उन्होंने कहा, मोदी सभी को धमका रहे हैं, विपक्षी, नौकरशाह, कॉरपोरेट और यहां तक कि मीडिया को भी। वह विपक्षियों और विरोधियों के खिलाफ सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, हम लोकतंत्र बचाना चाहते हैं। आज देश को बचाने के लिए सभी पार्टियों का एक साथ आना लोकतांत्रिक मजबूरी है। विपक्षी पार्टियों से संगठित होने का आह्वान करते हुए नायडू ने कहा, हमें यह दिमाग में रखना होगा। मोदी को पूर्ण बहुमत दिया गया था। उन्होंने क्या किया? कुछ नहीं। भाजपा और मोदी यह पूछ कर कि आपका नेता कौन है, विपक्ष को बांटने का खेल खेल रहे हैं।
नायडू ने कहा कि उनका यह विरोध प्रदर्शन राज्य के साथ किए गए अन्याय के खिलाफ, केंद्र को अपने वादों की याद दिलाने और आंध्र प्रदेश की ताकत का अहसास कराने के लिए है। चंद्रबाबू ने प्रधानमंत्री को चेताया कि वह हमले बंद करें और वादों को पूरा करने के लिए तत्परता से काम करें, क्योंकि संसद सत्र में सिर्फ दो दिन ही बचे हैं। जो लोकसभा चुनाव से पूर्व अंतिम सत्र हो सकता है। उन्होंने कहा, अगर आप अपने किए वादों को पूरा नहीं करते हैं तो हम जानते हैं कि इसे कैसे पूरा करना है। नायडू ने कहा कि यह आंध्र प्रदेश के आत्म सम्मान का मामला है और केंद्र सरकार को 2014 में राज्य के विभाजन से पहले किए गए सभी वादों को पूरा करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी पर राजधर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा, भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि गुजरात (2002 के दंगों के दौरान) में राजधर्म का पालन नहीं हुआ। अब, आंध्र प्रदेश के मामले में भी राजधर्म का पालन नहीं हो रहा है। हमें वह देने से इनकार कर दिया गया जिस पर हमारा अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के साथ बहुत अन्याय किया है और इससे देश की एकता प्रभावित होगी। नायडू ने कहा, आज हम केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताने आए हैं। धरने से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर का दौरा किया। मैं पूछना चाहता हूं कि इसकी क्या जरूरत थी?
नायडू ने कहा, अगर आप हमारी मांगें पूरी नहीं करेंगे तो हमें पता है उन्हें कैसे पूरा कराया जा सकता है। यह आंध्र प्रदेश के लोगों के आत्म सम्मान का सवाल है। जब भी हमारे स्वाभिमान पर हमला होगा, हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं इस सरकार को और विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी को चेतावनी दे रहा हूं कि निजी हमले करना बंद करें। मालूम हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुंटूर में अपनी रैली के दौरान नायडू को लोकेश का पिता कहकर संबोधित किया था, जिसका जवाब देते हुए नायडू ने कहा, जब आपने मेरे बेटे का हवाला दिया है तो मैं आपकी पत्नी का जिक्र कर रहा हूं। क्या लोगों को पता है कि नरेंद्र मोदी की पत्नी भी हैं। उनका नाम जसोदा बेन हैं। नायडू ने यह बात विजयवाड़ा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही थीं।
आंध्र भवन में विपक्षी नेताओं का लगा जमावड़ा
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की एक दिन की भूख हड़ताल सोमवार को विपक्षी नेताओं का रैली स्थल बनी रही। एक महीने से भी कम समय में यह दूसरा मौका है जब विपक्षी नेता सरकार के खिलाफ एकजुट हुए। राज्य के मुद्दों को एक केंद्रीय मंच पर उठाने के लिए नायडू ने आंध्र भवन में धरना दिया जहां कई विपक्षी नेता उनके समर्थन में पहुंचे। शाम में 8.00 बजे के बाद एचडी देवगौड़ा ने नायडू की भूख हड़ताल तुड़वाई। इससे पहले दिनभर नायडू से मुलाकात करने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के माजिद मेमन, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव समेत कई पार्टियों के नेता पहुंचते रहे। पिछली बार 19 जनवरी को 22 विपक्षी दल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुट हुए थे।
सोमवार को नायडू से मिलने पहुंचे राहुल गांधी ने आरोप लगाया, प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश की जनता से चुराकर पैसा अनिल अंबानी को दे दिया है। इस मामले में यही तथ्य है। राहुल ने प्रदर्शन स्थल आंध्र भवन पर केंद्र पर लगाए गए आरोप में फ्रांस के साथ राफेल सौदे का साफ तौर पर जिक्र किया। हालांकि सरकार और अंबानी ने सौदे में भ्रष्टाचार के राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया है।
डेरेक ओ ब्रायन ने आंध्र प्रदेश के गुंटूर में रविवार को मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपने भाषण में विकास या विशेष राज्य के दर्जे के बारे में बात नहीं की बल्कि निजी हमले शुरू किए। उन्होंने कहा, शीशे के घरों में रहने वालों को दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए... बीसी यानी बिफोर चायवाला और एडी यानी आफ्टर धोखा है... मोदी अपने सभी सहयोगियों को गंवा चुके हैं और अब उन्होंने सीबीआई को नया सहयोगी बनाया है। प्रधानमंत्री ने अपनी रैली में कहा था कि नायडू वैसे तो वरिष्ठ नेता हैं लेकिन सिर्फ चुनाव हारने, गठबंधन बदलने और अपने ससुर एनटी रामाराव को धोखा देने में।
प्रधानमंत्री पर बरसते हुए अब्दुल्ला ने कहा, मोदी इतना नीचे गिर गए हैं कि वह उन नायडू के खिलाफ निजी हमले कर रहे हैं जो देश के लिए महान सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग छह दिन से बंद है। वे 30 किलोमीटर सड़क साफ नहीं करा सकते हैं लेकिन वह देश पर शासन करना चाहते हैं। केंद्र पर निशाना साधते हुए माजिद मेमन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य के साथ सौतेला बर्ताव कर रही है। भाजपा नायडू पर इसलिए हमले कर रही है क्योंकि वह उसके खिलाफ विरोधी दलों को एकजुट करने का नेतृत्व कर रहे हैं। मेमन ने कहा, हम लोग चुनाव में भाजपा को उसकी जगह दिखाएंगे। शरद पवार की ओर से मैं आपको यकीन दिलाता हूं।
सपा के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा कि वह स्वस्थ नहीं हैं लेकिन नायडू के रुख का समर्थन करने के लिए यहां आए हैं। नायडू गरीबों, किसानों और वंचितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। द्रमुक नेता शिवा ने कहा कि नायडू उचित कारण के लिए लड़ रहे हैं और तीन महीने में मोदी सरकार को उखाड़ फेंका जाएगा। उन्होंने कहा, राज्य की शक्तियों का अतिक्रमण किया जा रहा है... अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव ने मोदी सरकार पर बेरोजगारी पैदा करने का आरोप लगाया। इसके लिए उन्होंने नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री गेगांग अपांग ने कहा कि संविधान को जानबूझकर नष्ट किया जा रहा है। 16 साल पहले अपांग ने ही पूर्वोत्तर में भाजपा की पहली सरकार बनाई थी।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, अहमद पटेल और जयराम रमेश भी नायडू का समर्थन करने आंध्र भवन पहुंचे ते। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और विपक्षी दलों की राज्य सरकारों के साथ सौतेला बर्ताव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, किसी व्यक्ति ने चाहे किसी पार्टी को वोट दिया हो, लेकिन चुनाव जीतकर अगर वह मुख्यमंत्री बनता है तो वह समूचे राज्य का मुख्यमंत्री है ना कि किसी खास पार्टी का। इसी तरह अगर कोई प्रधानमंत्री बनता है तो वह समूचे देश का प्रधानमंत्री होता है ना कि सिर्फ एक पार्टी का। केजरीवाल ने कहा, जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी राज्यों में विपक्षी पार्टियों की सरकारों के साथ बर्ताव करते हैं ऐसा लगता है कि वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हों।
नायडू का एक दिनी उपवास सोमवार सुबह आठ बजे शुरू हुआ था। नायडू ने भूख हड़ताल पर बैठने से पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी और आंध्र प्रदेश भवन में आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। एक दिन की भूख हड़ताल के बाद अब नायडू मंगलवार सुबह 11 से 12 बजे के बीच राज्य के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों के साथ आंध्र भवन से लेकर जंतर-मंतर तक मार्च करेंगे। मार्च के बाद वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से राष्ट्रपति भवन में 12.30 बजे मिलकर ज्ञापन देंगे।