झारखंड एग्जिट पोल रिजल्ट 2019 : भाजपा बहुमत से दूर; RSS के आंतरिक सर्वे में भी भाजपा हुई फेल
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए पांच चरणों में कराया गया मतदान शुक्रवार को संपन्न हो गया। 30 नवंबर से 20 दिसंबर तक अलग-अलग चरणों में वोट डाले गए। अंतिम चरण का मतदान संपन्न होते ही शुक्रवार शाम को जारी तीन एग्जिट पोल में कांग्रेस-झामुमो की सरकार बनती दिख रही है। 81 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत हासिल करने के लिए 41 का आंकड़ा जरूरी है। हालांकि असली चुनाव परिणाम 23 दिसंबर को आएगा, लेकिन खबरिया चैनलों के एग्जिट पोल में किसी भी एक दल को यह जादुई आंकड़ा मिलता नहीं दिख रहा है।
आज तक-एक्सिस ने अपने एग्जिट पोल में दावा किया कि भाजपा को सिर्फ 22 से 32 सीटें मिलेंगी वहीं झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 38 से 50 तक सीटें मिल सकती हैं। इस सर्वेक्षण के अनुसार भाजपा की सहयोगी रही आजसू को तीन से पांच सीटें, झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) को दो से चार सीटें मिलेंगी। अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलीयों के खाते में चार से सात सीटें जाने की बात कही गई है। इस सर्वे में मुख्यमंत्री पद के लिए झामुमो नेता हेमंत सोरेन को 29 प्रतिशत लोगों की पसंद बताया गया है वहीं भाजपा नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास को 26 प्रतिशत लोगों की पसंद बताया गया है। एबीपी-सी वोटर्स के एग्जिट पोल में जहां झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन को 35 सीटें मिलने की बात कही गई है वहीं भाजपा को 32 सीटें मिलने की संभावना दिखाई गई है। इस सर्वेक्षण ने आजसू को पांच, झाविमो को तीन एवं निर्दलीय तथा अन्य को छह सीटें मिलने की बात कही है।
यदि एबीपी-सी वोटर्स का सर्वेक्षण सही साबित होता है तो उसके अनुसार राज्य में एक बार फिर भाजपा-आजसू की सरकार बन सकती है। राज्य की पिछली सरकार भी इन्हीं दलों ने मिलकर गठित की थी। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को 81 सदस्यीय विधानसभा में 37 सीटें मिली थीं, आजसू को पांच, झामुमो को 19, कांग्रेस को छह, झाविमो को आठ सीटें मिली थीं। अन्य दलों एवं निर्दलीयों को छह सीटें मिली थीं। बाद में झाविमो के छह विधायक दल बदल कर भाजपा में शामिल हो गये थे जिसके बाद झाविमो के पास महज दो सीटें रह गयी थीं। झारखंड के स्थानीय चैनल न्यूज-11 भारत ने अपने सर्वेक्षण में भाजपा को 30 से 35 सीटें, झारखंड मुक्ति मोर्चा को 17 से 22 सीटें, कांग्रेस को नौ से 12 और आजसू को आठ से 12 एवं झाविमो (प्रजातांत्रिक) को चार से छह सीटें मिलने का अनुमान लगाया है। इस एग्जिट पोल में छोटे दलों तथा निर्दलीयों को आठ से 10 सीटें मिलने की बात कही गयी है।
RSS के सर्वे में भी भाजपा को बहुमत नहीं, 27-30 सीटें मिलने का अनुमान
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार को लगभग सभी एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा बहुमत से दूर दिख रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और कांग्रेस गठबंधन मजबूत नजर आ रहा है। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है। इन तमाम एग्जिट पोल के नतीजों से बहुत पहले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने आंतरिक सर्वे के नतीजों के बारे में भाजपा हाईकमान को आगाह कर दिया था। संघ के सर्वे में भी भाजपा को 27 से 30 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। सर्वे में संथाल परगना के क्षेत्र में भारी नुकसान की बात पहले ही की गई थी। अंतिम चरण में इसी क्षेत्र में मतदान हुआ था और भारी मतदान इसी चरण में देखने को मिला। संघ के सर्वे में जेएमएम को 22 से 25 सीटें और कांग्रेस को 10 सीटें दी गई हैं। आरएसएस ने झारखण्ड विकास मोर्चा (जेवीएम ) को तीन सीटें और ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (एजेएसयू) को पांच सीटें दीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, संघ के इस सर्वे को आधार बनाकर पार्टी ने अपनी रणनीति भी बना ली है। रघुबर सरकार को बहुमत नहीं मिलने पर भाजपा हाईकमान ने प्रदेश के एक बड़े आदिवासी नेता को तैयार रहने को कहा है। माना जा रहा है कि बहुमत नहीं आने की सूरत में पार्टी इस आदिवासी नेता को आगे कर सकती है। इस नेता से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। बाबूलाल मरांडी से भी संघ के जरिए संपर्क साधा जा चुका है। पार्टी बाबूलाल मरांडी पर भी दांव लगा सकती है। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 37 और आजसू को 5 सीटें मिली थीं। बाद में झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। अभी भाजपा के पास 43 विधायक हैं।
पांच चरणों में हुई वोटिंग और वोट प्रतिशत
30 नवंबर को पहले चरण में 13 सीटों पर 64.44 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2014 विधानसभा चुनाव के मुकाबले एक प्रतिशत ज्यादा है।
7 दिसंबर को दूसरे चरण में 20 सीटों पर 64.84 प्रतिशत मतदान हुआ था, 2014 के चुनाव में इन सीटों पर 68.01 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।
12 दिसंबर को तीसरे चरण की 17 सीटों पर 62.35 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो 2014 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 1.67 प्रतिशत कम रहा।
16 दिसंबर को चौथे चरण की 15 सीटों पर 63.64 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि 2014 विधानसभा चुनाव में यहां 64.66 प्रतिशत मतदान हुआ था।
20 दिसंबर को 16 विधानसभा सीटों पर 70.83 प्रतिशत वोटिंग रिकॉर्ड की गई, 2014 विधानसभा चुनाव में यहां 73.14 प्रतिशत मतदान हुआ था।