अहमदाबाद जिला सहकारिता बैंक में नोटबंदी के बाद जमा रकम को लेकर RTI खुलासे से हंगामा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : गुजरात स्थित अहमदाबाद जिला सहकारिता बैंक में नोटबंदी के दौरान सबसे कम समय में सबसे अधिक पैसा जमा हुआ है। मालूम हो कि 8 नवंबर को नोटबंदी लागू हुई थी और 14 नवंबर को ऐलान किया गया था कि सहकारिता बैंकों में पैसा नहीं बदला जाएगा। मगर इन पांच दिनों में ही इस बैंक में करीब 745.59 करोड़ रुपये जमा हो गए। बैंक की वेबसाइट की मानें तो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कई साल से इसके निदेशक हैं। नोटबंदी के समय भी अमित शाह ही बैंक के निदेशक थे और आज भी हैं। साल 2000 में वे इस बैंक के अध्यक्ष भी थे। मुंबई के मनोरंजन एस. रॉय ने आरटीआई से ये जानकारी हासिल की है।
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संवाद एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, आरटीआई से मिली जानकारी में 31 मार्च 2017 तक अहमदाबाद जिला सहकारिता बैंक (एडीसीबी) में कुल 5,050 करोड़ रुपये जमा हुए थे और वित्त वर्ष 2016-17 का इसका मुनाफा 14.31 करोड़ का था। एडीसीबी के बाद सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट राजकोट जिला सहकारी बैंक में जमा हुए जिसके चेयरमैन जयेशभाई विट्ठलभाई रदाड़िया हैं, जो गुजरात की विजय रूपाणी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। यहां 693.19 करोड़ मूल्य के पुराने नोट जमा हुए थे। राजकोट, गुजरात में भाजपा की राजनीति का गढ़ माना जाता है। नरेंद्र मोदी 2001 में पहली बार यहीं से विधायक बने थे।
खास बात यह है कि गुजरात के सबसे बड़े सहकारी बैंक गुजरात सहकारी बैंक लिमिटेड में नोटबंदी के दौरान उक्त सहकारी बैंकों के मुकाबले बेहद कम मात्र 1.11 करोड़ रुपये ही जमा हुए थे। मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन एस. रॉय की आरटीआई के जवाब में यह जानकारी नाबार्ड, जो इन बैंकों की सर्वोच्च अपीलीय इकाई है के चीफ जनरल मैनेजर एस. सर्वनावेल द्वारा दी गयी है। मनोरंजन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, नोटबंदी के फैसले के बाद राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों में जमा हुई राशि के बारे में पहली बार आरटीआई के तहत कोई जानकारी सामने आई है और यह चौंकाने वाली है।
मालूम हो कि 30 दिसंबर 2016 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने आरोप लगाया था कि अहमदाबाद के एक सहकारी बैंक में 500 करोड़ रुपये जमा होने के तीन दिन बाद सरकार ने सहकारी बैंकों द्वारा प्रतिबंधित नोट स्वीकार न करने का फैसला लिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इस बैंक के निदेशक हैं लेकिन मैं यह नहीं कह रहा कि यह राशि उन्हीं ने जमा करवाई है। उन्होंने यह मांग भी की थी कि गुजरात सरकार आश्रम रोड पर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक की मुख्य शाखा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की सीडी जारी करे। आरटीआई के जवाब में यह भी सामने आया है कि देश भर के सार्वजनिक क्षेत्र के 7 बैंक, 32 राज्य सहकारी बैंक, 370 जिला सहकारी बैंक और करीब 3 दर्जन डाकघरों में नोटबंदी के बाद कुल 07.91 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा हुए थे जो रिज़र्व बैंक द्वारा जमा हुए कुल 15.28 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट के आधे (52 फीसदी) से भी ज्यादा है।