खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता मानता है RSS, लोग इस भाषा का जवाब देंगे : ओवैसी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
हैदराबाद : अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित दूसरे विश्व हिंदू कांग्रेस में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के उस वक्तव्य पर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर एक शेर अकेला रहता है तो जंगली कुत्ते हमला करके उसे हरा सकते हैं। हमें इसे नहीं भूलना चाहिए।
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'आखिर कौन शेर है और कौन कुत्ता है? भारतीय संविधान सबको इंसान मानता है और किसी को शेर या कुत्ता नहीं कहता। आरएसएस के साथ यही दिक्कत है कि उन्हें संविधान में भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, यह उनकी (आरएसएस) विचार पद्धति है जिसके तहत वे खुद को शेर और दूसरों को कुत्ता समझते हैं। आरएसएस की पिछले 90 सालों से यही भाषा शैली रही है। मुझे इस पर आश्चर्य नहीं है। लोग इस भाषा का जवाब देंगे।
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शिकागो में स्वामी विवेकानंद के 11 सितंबर 1893 को दिए गए चर्चित भाषण के 125 साल पूरे होने पर विश्व हिंदू कांग्रेस का आयोजन किया गया है। विश्व हिंदू सम्मेलन में करीब 2,500 लोगों को संबोधित करते हुए सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा, हिंदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं जो हम (हिंदुओं) का विरोध करते हैं, इसलिए वे हमें नुकसान न पहुंचा पाएं, इसके लिए हमें खुद को तैयार करना होगा। अपने इस तर्क को पुष्ट करने के लिए आरएसएस चीफ ने शेर और कुत्ते का उदाहरण दिया।