#MeToo : केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने तोड़ी चुप्पी, कहा- आरोप निराधार, करेंगे कानूनी कार्रवाई
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : देश में चल रहे #MeToo अभियान के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर जब नाइजीरिया दौरे को खत्म कर दिल्ली लौटे तो आरोपों पर जवाब देने के बजाय उल्टे उन्होंने ही सवाल किया कि आखिर यह तूफान आम चुनाव के कुछ महीने पहले ही क्यों उठा? क्या ये कोई एजेंडा है?
पूर्व संपादक से केंद्रीय मंत्री बने एम.जे. अकबर ने आरोपों की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए एक विस्तृत बयान में कहा, 'आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही यह तूफान क्यों उठा? क्या इसमें कोई अजेंडा है? आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। ये झूठे, निराधार और क्रूर आरोप हैं, जिससे मेरी प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति हुई है। झूठ के पैर नहीं होते, लेकिन वे जहर बुझे होते हैं।'
अकबर ने कहा, मैं अपने ऊपर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूंगा। मेरे खिलाफ लगाए गए दुर्व्यवहार के आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। ये सभी आरोप द्वेष की भावना से लगाए गए हैं। मैं ऑफिशियल टूर पर बाहर था इसलिए पहले जवाब नहीं दे पाया। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि कुछ तबको में बिना किसी सबूत के आरोप लगाने की बीमारी हो गई है। अब मैं लौट आया हूं और आगे क्या कानूनी कार्रवाई की जाए, इसके बारे में मेरे वकील देखेंगे।
मालूम हो कि #MeToo कैंपेन के तहत करीब 10 महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इन महिला पत्रकारों में एक विदेशी महिला पत्रकार भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'प्रिया रमानी ने इस कैंपेन को साल भर पहले एक पत्रिका में आर्टिकल लिखकर शुरू किया था। उन्होंने मेरा नाम तक नहीं लिया क्योंकि वह जानती हैं कि यह एक झूठी कहानी है। जब उनसे हाल में पूछा गया तो उन्होंने मेरा नाम क्यों नहीं लिया। उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा- उनका नाम कभी नहीं लिया क्योंकि उन्होंने कुछ भी नहीं किया था।
अकबर ने अपने बयान में कहा, 'अगर मैंने कुछ नहीं किया था तो फिर यह स्टोरी क्या है, कहां है? कोई स्टोरी ही नहीं है। एक ऐसी चीज जो कभी हुई ही नहीं, उसके इर्द-गिर्द अटकलों, संकेतों और आक्षेपों का वातावरण तैयार कर दिया गया। इनमें से कुछ तो पूरी तरह सुनी-सुनाई बातें हैं और कुछ एकदम स्पष्ट हैं, ऑन रेकॉर्ड हैं कि मैंने कुछ नहीं किया था।' इसी तरह अन्य आरोपों पर अकबर ने कहा, 'शुतापा पॉल कहती हैं- उस आदमी ने मुझ पर कभी भी हाथ नहीं रखा। शुमा राहा कहती हैं- मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि वास्तव में उन्होंने कुछ नहीं किया था। एक और महिला अंजु भारती इस हद तक पहुंच गईं और दावा किया कि मैं एक स्विमिंग पूल में पार्टी कर रहा था। जबकि मैं यह तक नहीं जानता कि तैरते कैसे हैं।
बहरहाल, ऐसा माना जा रहा है कि अकबर के इस्तीफे के लिए बढ़ रहे दबाव को देखते केंद्र सरकार और भाजपा जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में भाजपा पहले केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहेगी। यह वजह है कि विदेश राज्यमंत्री अकबर को लेकर केंद्र सरकार अभी तक कुछ भी कहने से बच रही है। भाजपा और पीएमओ पहले अकबर से उनका स्पष्टीकरण मांगेगी। इसके बाद ही यह फैसला किया जाएगा कि इस मामले में पार्टी और सरकार को आगे क्या कदम उठाने चाहिए।