अमित शाह और ओवैसी की जुगलबंदी का पर्दाफाश
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अहमदाबाद/नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी में शामिल होने की तैयारी कर रहे भाजपा के पूर्व विधायक यतीन ओझा ने दावा किया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुस्लिम बहुल उत्तरी पट्टी में वोटरों का ध्रुवीकरण करने के लिए एक बैठक के दौरान 'समझौता' हुआ था। ओझा ने यह भी दावा किया था कि उस बैठक में वह (यतीन ओझा) भी मौजूद थे।
हालांकि भाजपा की गुजरात इकाई के मीडिया प्रभारी ने यतीन ओझा के इस आरोप को 'मीडिया का ध्यान खींचने का एक प्रयास' करार देते हुए इसे खारिज कर दिया लेकिन आप नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तुरंत ट्वीट किया, 'अगर यह सही है तो यह भाजपा, मोदी और शाह का असली चेहरा उजागर करता है।'
ओझा ने बीते 4 जुलाई को केजरीवाल को भेजे एक पत्र में दावा किया था कि 15 सितंबर 2015 को अमित शाह के निवास पर तड़के हुई बैठक में वह खुद भी मौजूद थे। ओझा ने दावा किया कि बैठक में यह तय हुआ था कि 'ओवैसी जहरीला साम्प्रदायिक भाषण देंगे और यह भाषण अमित शाह लिखेंगे।'
हालांकि यतीन ने यह साफ नहीं किया कि बैठक अमित शाह के गुजरात आवास पर हुई थी या दिल्ली में हुई थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि हैदराबाद से पकड़े गए आईएस के संदिग्ध आतंकवादियों को कानूनी मदद देने का ओवैसी का ताजा बयान भी 'उसी रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।'
गुजरात हाईकोर्ट के वकील यतीन ओझा ने मीडियाकर्मियों के समक्ष पत्र पढ़ते हुए कहा, 'उस बैठक में मैं भी मौजूद था। उसमें विस्तार से चर्चा हुई और इस बात पर सहमति बनी कि ओवैसी बिहार में अपने उम्मीदवार उतारेंगे खासकर उन मुस्लिम इलाकों में जहां 5 नवंबर (अंतिम चरण) में मतदान होना था।' उन्होंने कहा, 'बैठक में यह तय हुआ था कि ओवैसी जहरीला साम्प्रदायिक भाषण देंगे और उसकी पटकथा अमित शाह लिखेंगे, जिसमें समाज को साम्प्रदायिक आधार पर बांटने की क्षमता हो।'
गुजरात भाजपा के मीडिया संयोजक हर्षद पटेल ने कहा, 'ठीक अपने नेता केजरीवाल की तरह आप से जुड़े लोग या जो लोग पार्टी में शामिल होना चाहते हैं वे इस तरह के नाटक के लिए जाने जाते हैं। ओझा के आरोप और कुछ नहीं बल्कि मीडिया का ध्यान खींचने की कोशिश भर हैं। ओवैसी ने उनके दावों को पहले ही खारिज कर दिया है।'
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने दिल्ली में केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री 'झूठे एवं निराधार आरोपों पर क्षुद्र राजनीति करने के लिए कुख्यात हैं। आधारहीन आरोप लगाना और तथ्यों से सामना करने पर भाग जाना उनकी आदत है। वह झूठे और तथ्यात्मक रूप से गलत दावे प्रचारित कर रहे हैं।'
हालांकि आप नेता संजय सिंह ने कहा कि ओझा के दावों ने 'इस धारणा को स्थापित किया है कि भाजपा और एआईएमआईएम के बीच मिलीभगत है, जो घृणा की राजनीति में लिप्त होने के साथ ही समाज में सौहार्द बिगाड़ते हैं ताकि राजनीतिक ध्रुवीकरण किया जा सके। इन खुलासों की प्रकृति बहुत गंभीर है।' उन्होंने कहा, 'आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और अमित शाह से इस मामले पर तत्काल स्पष्टीकरण की मांग करती है।'
मालूम हो कि बिहार चुनाव में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस के गठबंधन को 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 178 सीटें मिली थीं, जबकि भाजपा नीत राजग 58 सीटों में ही सिमट गई थीं। एआईएमआईएम ने सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार से चुनाव लड़ा था, लेकिन उसकी झोली में एक सीट भी नहीं आई।