जय शाह पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का अमित शाह ने दिया ये करारा जवाब
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अहमदाबाद : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बेटे जय शाह की कंपनी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार का तो कोई सवाल ही नहीं उठता है। उल्टे एक सवाल करना चाहूंगा कि कांग्रेस के ऊपर भी कई आरोप लगे हैं लेकिन आज तक उन्होंने 100 करोड़ की कोई मानहानि की याचिका दाखिल की?
गुजरात चुनाव को लेकर अहमदाबाद में आयोजित पंचायत आज तक में सवालों के जवाब में अमित शाह ने साफतौर पर कहा कि जय शाह की कंपनी में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है जिसका प्रमाण है उनके द्वारा सौ करोड़ की मानहानि का केस क्योंकि कांग्रेस पर आजादी के बाद से इतने आरोप लगने के बाद भी कभी उस पार्टी में इतना नैतिक साहस नहीं हुआ कि वो ऐसा केस कर पाती।
अमित शाह से पूछा गया कि आरोप लग रहा है कि जय शाह की कंपनी का टर्नओवर 5 हजार से बढ़कर 80.5 करोड़ रुपये हो गया। विपक्ष पूछ रहा है कि ये कैसे हो गया? जवाब में अमित शाह ने कहा, 'अच्छा किया आपने ये सवाल उठाया। मैं आपके कार्यक्रम के माध्यम से, पहले कुछ सवाल उठाना चाहता हूं फिर जवाब दूंगा। कांग्रेस पर आजादी के बाद से इतने करप्शन के आरोप लगे, लेकिन कांग्रेस ने एक भी मानहानि का, और सौ करोड़ की मानहानि का केस किया क्या? नहीं किया तो इतनी हिम्मत क्यों नहीं हुई?
शाह ने कहा, जय ने आपराधिक मानहानि का केस फाइल किया है। विपक्ष जांच की मांग कर रहा है, जय ने तो स्वयं जांच मांगी है। अब आपके पास जो तथ्य हैं लेकर कोर्ट पहुंच जाइए। कोर्ट फैसला करेगी। हमने स्वयं जांच को आमंत्रित किया है। शाह ने कहा कि मैं पहले स्पष्ट कर दूं कि कंपनी ने एक रुपये का व्यापार सरकार के साथ नहीं किया है, एक रुपये की मदद नहीं ली है, सरकारी जमीन नहीं ली है और न ही बोफोर्स की तरह दलाली खाई है तो इसमें करप्शन का सवाल ही पैदा नहीं होता।
शाह ने कहा कि जहां तक विपक्ष कहता है कि इतने हजार गुना बढ़ गया है तो ये टर्नओवर होता है। अगर एक करोड़ की कोई कंपनी हो गई तो क्या ये कहा जाएगा कि एक करोड़ गुना टर्नओवर बढ़ गया है। ये शुद्ध रूप से कमोडिटी एक्सचेंज का बिजनेस है जिसमें टर्नओवर ज्यादा होता है और मुनाफा कम होता है। शाह ने बताया कि जय ने चावल, मक्का आदि का निर्यात किया और धनिया आयात किया। 80 करोड़ का टर्नओवर बताकर वो बताते नहीं हैं कि कितना मुनाफा हुआ है क्योंकि 80 करोड़ का टर्नओवर होने के बाद ही डेढ़ करोड़ का नुकसान हुआ है तो कहां से मनी लॉन्ड्रिंग हुई। सारा लेनदेन चेक और बैंक से हुआ।
जब अमित शाह से पूछा गया कि क्या जय शाह की कंपनी को जिस तरह के अनसिक्योर्ड लोन मिले, लेटर ऑफ क्रेडिट मिले तो क्या वो किसी छोटी कंपनी को मिल सकते हैं अगर वो अमित शाह के बेटे नहीं होते? इस सवाल पर अमित शाह ने कहा कि पहले तो लोन नहीं मिला है, लेटर ऑफ क्रेडिट मिला है और लेटर ऑफ क्रेडिट इस शर्त पर मिला है कि उसका सौ फीसदी देकर माल उठाना है। बैंक एक पैसा लोन नहीं दे रही है, उल्टा कैश मार्जिन पड़ा रहता था हमारा वहां। बैंक का पूरा पैसा वापस कर दिया गया और सूद भी चुकता कर दिया गया तो फिर कैसे हुआ भ्रष्टाचार।