पीएनबी घोटाले पर वित्त मंत्री जेटली ने तोड़ी चुप्पी, बैंक प्रबंधन और ऑडिटर्स पर फोड़ा ठीकरा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरूण जेटली की चुप्पी पर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है। इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो अभी भी चुप्पी साध रखे हैं, लेकिन मंगलवार देर शाम वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मामले पर जरूर अपनी चुप्पी तोड़ी और इस घोटाले के लिए ऑडिटर्स और बैंक प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है।
दिल्ली में एसोसिएशन्स ऑफ डेवलपिंग फाइनैंसिंग इंस्टिट्यूशन इन एशिया एंड पैसेफिक (एडीएफआईएपी) के सालाना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उनकी सरकार बैंकिंग प्रणाली के साथ गड़बड़ी करने वालों को हर हाल में पकड़कर रहेगी। उन्होंने कहा कि ऑडिटर्स और बैंक प्रबंधन की विफलता के कारण इतना बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने सवाल किया कि 6 साल की ऑडिट में यह घोटाला क्यों नहीं पकड़ा गया। लिहाजा ऑडिट टीम से भी इस बारे में पूछताछ की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि ऑडिट करने वालों को अपने आप से पूछना चाहिए कि वे अनियमिताओं को क्यों नहीं पकड़ पाते। उन्होंने कहा कि बैंकों का प्रबंध तंत्र अपनी जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतरा है, क्योंकि वे यह पता करने में विफल रहे हैं कि उनके बीच में वे कौन हैं जो गड़बड़ी करने वाले हैं।
वित्त मंत्री ने इस बात पर भी जोड़ दिया कि निगरानी एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छुटपुट मामलों को शुरू में ही पकड़ लिया जाना चाहिए और उनकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। निगरानी एजेंसियों को यह पता लगाने की जरूरत है कि अनियमिताओं को पकड़ने के लिए किस तरह की नई प्रणालियों को अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैंकिंग प्रणाली के साथ धोखाधड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और सरकार उसे पकड़कर ही रहेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि बैंकों के साथ घोटाला और धोखाधड़ी करने वालों पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। वित्त मंत्री के मुताबिक निगरानी करने वाली एजेंसियों से भी चूक हुई है। उन्होंने अपना काम ठीक से नहीं किया है। उन्हें सुरक्षा का अतिरिक्त कवच बनाने के बारे में सोचना चाहिए। गौरतलब है कि वित्त मंत्री से पहले रक्षा मंत्री भी मामले पर बयान दे चुकी हैं क्योंकि रक्षा मंत्री से पहले निर्मला सीतारमण कॉरपोरेट मंत्रालय संभाल रहीं थीं।
गौरतलब है कि नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चौकसी ने बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम दिया और विदेश भाग गए। इसके अलावा पेन बनाने वाली रोटोमैक कंपनी पर भी बैंकों से 3,695 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है।