मानहानि केस : केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने की सवालों की बौछार तो भावुक हुए जेटली
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि के मामले में सोमवार को मशहूर वकील राम जेठमलानी ने दिल्ली की अदालत में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से लंबी पूछताछ की जो काफी दिलचस्प बनकर सामने आई है। कम से कम दो घंटे तक चली इस बहस में जेटली को यह समझाने के लिए कहा गया कि वह किस तरह अपनी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस के लिए कह रहे हैं कि 'उसकी भरपाई नहीं हो सकती? और उसे आंका नहीं जा सकता।' और कहीं यह मामला 'खुद को महान समझने' का तो नहीं है।
पूर्व भाजपा नेता राम जेठलमलानी इस केस को अरविंद केजरीवाल की तरफ से लड़ रहे हैं और उन्होंने बिना किसी संकोच के जेटली से इस सवाल का जवाब मांगा गया कि मानहानि का दावा क्यों? सुनवाई के दौरान जेटली काफी भावुक होते नजर आए। उन्होंने कहा कि 'मेरे ख़िलाफ जो भी आरोप लगाए गए वो मीडिया मे जाकर लगाये गए, पार्लियामेंट मे भी इसी तरह के सवाल मेरे ऊपर खड़े किये गए, मेरी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई और ये लगातार पांच दिन तक किया गया। मेरी छवि को जिस तरह से खराब किया गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती और ये तब भी किया जाता रहा जबकि कि मैं इन आरोपो का लगातार खंडन करता रहा।'
जेटली ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव रहे राजेंद्र कुमार के दफ्तर में सीबीआई की छापेमारी के तत्काल बाद केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं ने उनके खिलाफ एक के बाद एक बेबुनियाद बयान दिया था जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं था। जेटली ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रतिवादियों (केजरीवाल व अन्य) ने प्रधान सचिव के दफ्तर में छापेमारी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए उनके खिलाफ बयान दिया। जेटली ने यह जवाब तब दिया जब केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने उनसे कहा कि दिसंबर, 2015 में मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रधान सचिव के दफ्तर में इसलिए छापेमारी हुई थी क्योंकि डीडीसीए में वित्तीय अनियमितता की जांच से जुड़े दस्तावेज उसी दफ्तर में था।
दिल्ली हाइकोर्ट में जेठमलानी ने जेटली से पूछा - इसके पीछे कोई परोक्ष तर्कसंगत कारण तो नजर नहीं आता सिवा इसके कि आप खुद अपने बारे में ऐसा सोचते हैं? इस पर जेटली ने जवाब दिया - मेरे सम्मान को पहुंचे नुकसान के लिए मैंने जो कीमत लगाई है वह उस बड़ी क्षति का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है जो दरअसल मुझे पहुंची है। कोर्ट में राम जेठमलानी की तरफ से अरुण जेटली के लिए 52 सवाल रखे गए। इनमें से 30 केस से जुड़े सवाल लगे, एक-तिहाई यानी 8-9 सवालों को कोर्ट की तरफ से अयोग्य करार दिया गया।
जेठमलानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री को किसी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं हुआ है और यही वजह है कि वह कह रहे हैं कि इसे मापा नहीं जा सकता? उन्होंने पूछा कि जेटली को ऐसा क्यों लगता है कि उनको पहुंचे नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती? जेटली ने कहा, 'मेरी प्रतिष्ठा को पहुंची ठेस को कुछ हद तक कीमत में आंका जा सकता है। सम्मान के खोने से बदनाम हुए व्यक्ति को दिमागी तनाव पहुंचता है और मेरे साथ भी यही हुआ है।' जेटली ने आगे कहा, 'मेरे ओहदे, पृष्टिभूमि और प्रतिष्ठा को देखें तो मेरे सम्मान को इतना बड़ा नुकसान पहुंचा है कि उसे मापा नहीं जा सकता।'
इसपर जेठमलानी ने पलटवार करते हुए कहा, 'दूसरे शब्दों में यह आपका मानना है कि आप इतने महान हैं कि इसे आर्थिक तौर पर नहीं मापा जा सकता।' इस पर फिर जेटली ने जवाब दिया कि उन्होंने यह सब उन विचारों के आधार पर कहा है जो उनके दोस्त, शुभचिंतक और अन्य लोग, निजी और सार्वजनिक तौर पर इस विषय पर जाहिर कर चुके हैं।
मालूम हो कि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि जब अरुण जेटली दिल्ली क्रिकेट की बॉडी डीडीसीए के प्रमुख थे तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे। इस पर अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया जिसमें 10 करोड़ रुपये की मांग की गई। पिछली सुनवाई में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली और उनके परिवार के बैंक विवरण और टैक्स रिटर्न्स की मांग की थी।