स्वास्थ्य योजना को भी जेटली ने बना दिया जुमला : चिदंबरम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने बजट पेश होने के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह साबित किया है कि सरकार की विशाल स्वास्थ्य योजना एक 'जुमला' है, क्योंकि इस पहल के लिए किसी रकम का इंतजाम तो किया ही नहीं गया है, जिसे सरकार का अब तक का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम करार दिया गया है।
चिदंबरम ने कहा कि गुरुवार को मैंने कहा था कि नई स्वास्थ्य देखभाल योजना एक 'जुमला' है क्योंकि बजट में इसके लिए धन का प्रावधान नहीं किया गया है। आज वित्तमंत्री ने भी स्वीकार किया है कि इस योजना के लिए धन का कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है और वे भविष्य में इसके लिए पूंजी जुटाएंगे। शानदार जुमला है।
जेटली ने अपने बजट भाषण में गुरुवार को एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (एनएचपीएस) की घोषणा की थी, जिसके तहत 10 करोड़ गरीब परिवारों (50 करोड़ लोगों) को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। इस प्रस्तावित योजना को लेकर कांग्रेस ने कहा कि इसके लिए विशाल धन की जरूरत है, लेकिन अभी तक कोई भी रकम मुहैया ही नहीं कराई गई है।
चिदंबरम ने कहा कि 10 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये प्रति परिवार मुहैया कराना एक जुमला है। यह योजना 10 करोड़ परिवारों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। अगर हर परिवार योजना के पांच लाख रुपये का 10वां हिस्सा भी प्राप्त करता है तो इस योजना को चलाने के लिए पांच लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि अगर बीमा कंपनियों के माध्यम से इस योजना को चलाया जाता है तो प्रति परिवार अनुमानित प्रीमियम 5000 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक होगी। सरकार के हर साल इस योजना पर 50,000 करोड़ रुपये से लेकर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक खर्च करने की जरूरत होगी, लेकिन धन का आवंटन ही नहीं किया गया। पूर्व वित्तमंत्री ने पूछा कि क्या वित्तमंत्री गंभीर हैं?