पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि को लेकर विपक्ष पर जेटली का पलटवार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : पेट्रोल-डीजल की मूल्यवृद्धि को लेकर विपक्षी हमले झेल रही मोदी सरकार ने बुधवार को पलटवार किया। कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्र द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी देने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि महंगाई का शोर मचाने वाली कांग्रेस और लेफ्ट की सरकारें पेट्रोल पर टैक्स से कमाई कर रही हैं। क्या ये राज्य सरकारें पेट्रोल पर केंद्रीय टैक्स से अपना हिस्सा नहीं लेंगी।
पेट्रोल की महंगाई से जुड़े सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, 'पेट्रोल का बार-बार जिक्र आ रहा है...जहां विपक्षी दलों की राज्यों में सरकारें हैं वे कितना टैक्स ले रही हैं। याद करें तो 2 साल पहले जब तेल कंपनियां हर 15 दिनों पर कीमतों की समीक्षा करती थीं तो कई बार कीमतें कम करती थीं लेकिन जितना हम कम करते थे उसी दिन शाम को दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल में उतना ही वैट बढ़ा दिया जाता था। जो केंद्र को टैक्स आता है पेट्रोल से उसका 42 प्रतिशत राज्यों को जाता है। तो कांग्रेस और सीपीएम की सरकारें बता दें कि उन्हें टैक्स नहीं चाहिए केंद्र से।'
पेट्रोल पर टैक्स घटाने की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, 'आपको कई फैक्टर ध्यान में रखने होंगे। इस वक्त अमेरिका में जो तूफान आया हुआ है उससे विश्व की रिफाइनिंग क्षमता कम हुई है। इस वजह से डिमांड-सप्लाई चेन गड़बड़ हुई है। यह अस्थायी है।' जेटली ने कहा, 'किसी भी देश को चलाने के लिए राजस्व चाहिए। हाई-वेज कैसे बनेंगे, इन्फ्रस्ट्रक्चर पर निवेश बढ़ाया है, सोशल वेलफेयर स्कीम्स के लिए फंड बढ़ाए जा रहे हैं। हम इस इन्वेस्टमेंट की कटौती तो नहीं कर सकते।'
जेटली ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को तेज करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मशविरे के बाद इस संबंध में घोषणा की जाएगी। देश के आर्थिक विकास की रफ्तार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 3 साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। रोहिंग्या शरणार्थियों के मुद्दे पर जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार का स्टैंड वही है जो हमने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में बताया है। उन्होंने कहा कि किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि हम मानवता के आधार पर लोगों को मदद भी पहुंचा रहे हैं।
जेटली ने बताया कि कैबिनेट बैठक में आईटीडीसी के कुछ होटलों को राज्य सरकारों को देने का फैसला हुआ है। आटीडीसी के होटल लेक व्यू अशोक (जयपुर), ललिता महल पैलेस (मैसूर) और ईटानगर के होटलों को राज्य सरकारों को सौंपा जा चुका है। पहले भी भोपाल, गुवाहाटी और भरतपुर के होटल राज्य सरकारों को दिए गए थे। इसके अलावा 17 सरकारी प्रिंटिंग प्रेस का आपस में विलय कर पांच बड़ी प्रेस बनाने का फैसला हुआ है। जेटली ने कहा कि इससे इन प्रिंटिंग प्रेस की क्षमता बढ़ जाएगी और इस फैसले से किसी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी।