बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी का ऐलान; राम मंदिर निर्माण को अध्यादेश आया तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
सत्ता विमर्श ब्यूरो
लखनऊ : बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी (बीएमएसी) ने मंगलवार को एक बैठक में फैसला किया है कि अगर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण बनाने के लिए अध्यादेश या बिल लाती है तो वह (बीएमएसी) सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी। बीएमएसी के एक पदाधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद पर आगामी 4 जनवरी से शुरू होने वाली सुनवाई से पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने एक बैठक की जिसमें राम मंदिर विवाद के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी शामिल हुए। अंसारी के अलावा इस बैठक में जफरयाब जिलानी, मुश्ताक सिद्दीकी, यासीन अली भी मौजूद थे। बैठक के बाद बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि जिस अध्यादेश की बात की जा रही है, उसको लेकर बैठक में चर्चा हुई है। यह तय हुआ है कि अगर कोई अध्यादेश आता है तो उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
जिलानी ने यह भी बताया कि बैठक में सभी सदस्यों की एक राय थी कि मंदिर के नाम पर जो बयानबाजी हो रही है, उस पर कोई प्रतिक्रिया न दी जाए। अगर कोई भड़काऊ बात कही जाए तो मुसलमान कोई उत्तेजनापूर्ण प्रतिक्रिया न दें ताकि जो लोग धार्मिक भावनाएं भड़काकर वोटों का ध्रुवीकरण करना चाहते हैं, उनके मंसूबे कामयाब नहीं हों। उन्होंने बताया कि इसके लिए कार्ययोजना तय की गई है कि ज्यादा से ज्यादा मुसलमानों तक यह बात पहुंचाई जाए कि मंदिर मामले को लेकर अभी तक उनका रवैया संतोषजनक रहा है और आगे भी वह इसी तरह धैर्य से काम लें।
उल्लेखनीय है कि दक्षिणपंथी समूह व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) अध्यादेश के लिए मोदी सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं, जबकि विपक्ष इस विवादास्पद मुद्दे पर अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करने के लिए कह रहा है। बैठक में भाग लेने वाले 70 व्यक्तियों में से एक ने कहा कि यह एक नियमित बैठक थी और इसका कोई विशेष एजेंडा नहीं था। हालांकि, मोदी सरकार द्वारा मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश या कानून लाने के मुद्दे पर पर निश्चित रूप से चर्चा हुई।