भागवत बोले- अयोध्या में राम मंदिर बनेगा, ओवैसी ने कहा- चुनाव के लिए हो रही है बयानबाजी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा। इसमें कोई संशय नहीं है। उनके इस बयान ने सियासी जुबानखर्ची का दौर शुरू कर दिया है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत के बयान को संघ और भाजपा का सांठगांठ बताते हुए कहा कि, मोहन भागवत का यह बयान गुजरात चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए है और ये सर्वोच्च न्यायालय का अपमान है। भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भागवत को दूरदर्शी बताया है।
दरअसल, भागवत ने शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी में धर्म संसद के उद्घाटन सत्र में ऐसा कहा था। आरएसएसप्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण को लेकर कोई संशय नहीं होना चाहिए। अयोध्या में हम राम मंदिर बनाएंगे, यह कोई लोक लुभावनी घोषणा नहीं है बल्कि यह हमारी आस्था का सवाल है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
और क्या बोले भागवत!
भागवत ने कहा कि वे यह बात किसी उत्साह में नहीं बोल रहे हैं। राम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण हिंदुओं के लिए गौरव की बात होगी। भागवत ने कहा कि राम जन्मभूमि पर केवल राम मंदिर ही बनेगा और कुछ नहीं बनेगा। भागवत ने कहा कि मंदिर उन्हीं पत्थरों से बनेगा, उन्हीं की अगवानी में बनेगा, जो इसका झंडा उठाकर पिछले 20-25 वर्ष से चल रहे हैं। भागवत ने कि राम मंदिर के ऊपर एक भगवा झंडा बहुत जल्द लहराएगा। राम जन्मभूमि स्थल पर कोई दूसरा ढांचा नहीं बनाया जा सकता।
समय अनुकूल है- भागवत
भागवत ने रामजन्म भूमि विवाद का मसला शीर्ष अदालत में लंबित होने का जिक्र करते हुए कहा कि वर्षों के प्रयास और त्याग के बाद अब हालात इसके पक्ष में लग रहे हैं। देश की मौजूदा परिस्थितियां मंदिर निर्माण के अनुकूल हैं लेकिन हमें धैर्य रखना होगा। भागवत ने कहा कि मंदिर निर्माण से पहले हमें लोगों को जागरुक करना होगा। हम एक महत्वूपर्ण मोड़ पर हैं, जहां हमें ज्यादा सावधानी बरतनी होगी।इसके साथ ही मोहन भागवत ने गोरक्षा की वकालत करते हुए कहा कि हमें गायों की सुरक्षा सक्रिय रूप से करनी होगी। अगर गोहत्या पर प्रतिबंध नहीं लगेगा, तो हम शांति से नहीं जी सकेंगे।
भय पैदा करना चाहता है संघ-ओवैसी
भागवत के इस बयान पर एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी सख्त ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि गुजरात चुनाव नजदीक आता देख संघ प्रमुख ने राम मंदिर पर एक निंदनीय बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद प्रकरण पर सुनवाई चल रही है। 5 दिसंबर से पहले भाजपा और संघ के लोग देश में भय का माहौल बनाना चाहते हैं। भागवत का यह बयान न तो देश के लिए अच्छा है और न ही सुप्रीम कोर्ट के लिए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राम मंदिर के मुद्दे को लेकर आग से खेल रहा है। इस तरह के बयान पर सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए।
स्वामी बोले- भागवत एक दूरदर्शी व्यक्ति
भाजपा सासंद सुब्रमण्यम स्वामी ने संघ प्रमुख के बयान का समर्थन किया है। स्वामी ने कहा कि मोहन भागवत एक दूरदर्शी व्यक्ति हैं। संघ प्रमुख ने राम मंदिर को लेकर जो कुछ भी कहा है वो सौ फीसदी सही है।
उडुपी क्यों?
उडुपी रेस्तराओं की देश में नहीं विदेशों में भी अच्छी खासी फैन फॉलोइग है। इस छोटे से शहर को मंदिरों का शहर भी कहते हैं। संघ के लिए ये जगह खास है क्योंकि उडुपी से ही 32 साल पहले संघ परिवार ने राम मंदिर के मसले पर आंदोलन का बिगुल फूंका था। 1985 में यहां हुए दूसरे धर्म संसद में संतों ने राजीव गांधी सरकार को 1986 की महाशिवरात्रि से पहले राम मंदिर का ताला खोलने के लिए चेतावनी दी थी। अदालती आदेश के बाद राजीव गांधी सरकार के दौर में ही मंदिर का ताला खुल गया लेकिन मंदिर के निर्माण का मसला अब भी लंबित है। तीन दशकों के लंबे सफर में छोटा कस्बा इलाका अब न सिर्फ जिला बन चुका है बल्कि शिक्षा के बड़े केंद्र के अलावा ‘उडुपी’ नाम के रेस्तरांओं के लिए देश-विदेश में अलग पहचान भी स्थापित कर चुका है। हालांकि, तब भी धर्म संसद का मुख्य मुद्दा राम मंदिर था और इस बार भी है। 1985 के धर्म संसद का नारा था राम मंदिर का ताला खोलो जबकि इस बार राम मंदिर के निर्माण की राह तलाशने पर संत विमर्श कर रहे हैं।