महिलाओं के खिलाफ अपराध में भाजपा सांसद-विधायक सबसे आगे : ADR
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : चुनाव सुधार के क्षेत्र में काम करने वाली गैर-सरकारी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक ताजा अध्ययन में बताया गया कि 51 सांसदों और विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों की घोषणा की है, जिनमें कथित दुष्कर्म और अपहरण जैसे मामले भी शामिल हैं। एडीआर की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि इन 51 में से 48 विधायक और तीन सांसद हैं। रिपोर्ट की खास बात यह है कि इनमें से सबसे ज्यादा 14 सांसद-विधायक भाजपा से हैं।
एडीआर के अध्ययन के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध के मामले में भाजपा के बाद शिवसेना और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। पार्टीवार विवरण देते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि विभिन्न मान्यता प्राप्त दलों में भाजपा के विधायकों-सांसदों की संख्या सबसे ज्यादा 14 है। इसके बाद शिवसेना के 7 और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के 6 के नेता हैं, जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों की घोषणा की है।
एडीआर के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध के इन मामलों में हमला या महिला की गरिमा भंग करने के उद्देश्य से आपराधिक बल का इस्तेमाल, अपहरण, महिला को शादी के लिए बाध्य करना, दुष्कर्म, महिला से क्रूरता, देह व्यापार के लिए नाबालिग की खरीद-फरोख्त, महिला का अपमान करने के उद्देश्य से हावभाव का प्रदर्शन शामिल हैं।
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने देश के वर्तमान सांसदों और विधायकों द्वारा सौंपे गए 4,896 में से 4,852 हलफनामों के विश्लेषण के आधार पर ये आंकड़ा जारी किया है। विश्लेषण किए गए हलफनामों में पाया गया कि 1,581 (लगभग 33%) सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं, जिनमें से 51 महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों से जुड़े हैं।
अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 334 उम्मीदवार ऐसे भी थे, जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की थी और इन्हें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा टिकट भी दिया गया। बीते पांच सालों में ऐसे मामलों के आरोपियों को टिकट देने में भी भाजपा सबसे आगे रही। इन वर्षों के दौरान भाजपा ने 48 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया। दूसरे स्थान पर बसपा (36) रही और कांग्रेस ने ऐसी दागदार छवि वाले 27 उम्मीदवारों को टिकट दिया।
राज्यवार देखा जाए तो महाराष्ट्र के सबसे ज्यादा 12 सांसद और विधायक ऐसे हैं, जिन पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। इसके बाद पश्चिम बंगाल 11 और ओडिशा 6 क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। बीते पांच वर्षों में देश के विभिन्न राज्यों में ऐसे कई उम्मीदवारों को टिकट दिया गया, जिन्होंने अपने हलफनामों में महिलाओं के साथ अपराध के मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी थी। यहां भी महाराष्ट्र सबसे आगे रहा। दूसरे स्थान पर बिहार और उसके बाद पश्चिम बंगाल रहा।