भाजपा नेता ने हिन्दुओं को इन राज्यों में बताया अल्पसंख्यक, पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: आठ राज्यों में बसे हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा दिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी नेता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने इस संदर्भ में एक जनहित याचिका दायर की है। दिल्ली भाजपा नेता और पेशे से वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने 2011 के जनगणना के मद्देनजर ये मांग रखी है।
पीआईएल में कहा गया है कि - 2011 के जनगणना के मुताबिक देश के आठ राज्यों- लक्षद्वीप (2.5%), मिजोरम(2.75%), नागालैण्ड (8.75%) , मेघालय (11.53%), जम्मू-कश्मीर (28.44%), अरुणाचल प्रदेश(29%), मणिपुर (31.39%) और पंजाब(38.40%) में हिन्दुओं की संख्या कम है सो इन्हें अल्पसंख्यकों की सूची में डाला जाए और उसी आधार पर सुविधायें तय की जाएं।
दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम का कहना है कि 2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक देश में 96 करोड़ 62 लाख हिंदू और 17 करोड़ 22 लाख मुस्लिम हैं। ईसाई करीब पौने 3 करोड़ और सिख 2 करोड़ 8 लाख हैं लेकिन स्टेटवाइज़ डेटा में कई जगह अल्पसंख्यक मेजॉरिटी में हैं।
याचिका में 1993 में केंद्र सरकार की तरफ से जारी उस नोटिफिकेशन को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है जिसमें मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक घोषित किया गया था। याचिकाकर्ता के अनुसार, किसी भी समुदाय के अल्पसंख्यकों का दर्जा सिर्फ उनकी जनसंख्या के आधार पर ही मिलना चाहिए। इस मामले में कानून मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है।