दलित सांसद सावित्री बाई फुले का भाजपा से इस्तीफा, बोली- समाज को बांटने का काम कर रही BJP
सत्ता विमर्श ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बहराइच से भाजपा की दलित सांसद सावित्री बाई फुले ने गुरुवार को पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया। उनका कहना है कि भाजपा समाज को बांटने का काम कर रही है।
फुले ने संवाददाताओं से कहा, अयोध्या में आरएसएस, विहिप और भाजपा द्वारा मुस्लिम, दलित एवं पिछड़ों की भावना को आहत करते हुए संविधान की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं। उन्होंने कहा, विहिप, भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा अयोध्या में पुन: 1992 जैसी स्थिति पैदा कर समाज में विभाजन एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इससे आहत होकर मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं।
फुले ने कहा कि शहरों और नगरों के नाम लगातार बदले जा रहे है। बहुजन समाज एवं अल्पसंख्यकों के इतिहास को मिटाया जा रहा है। भारत का धन अनावश्यक रूप से मूर्तियां बनाने एवं मंदिरों के निर्माण में ख़र्च किया जा रहा है।
सरकार देश का विकास न करके हिंदू-मुसलमान, भारत-पाकिस्तान और मंदिर-मस्जिद का ख़ौफ़ दिखाकर आपसी भाईचारे को समाप्त करने का काम कर रही है। फुले ने कहा कि भारत का धन लेकर भगोड़े विदेश भाग रहे हैं और भारत सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। वर्तमान सरकार के मंत्रियों एवं सांसदों द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाकर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि साबित्री बाई फुले कई मौकों पर पार्टी लाइन से हटकर बयान देने को लेकर पहले भी विवादों में रही हैं। दलितों, पिछड़ों, संविधान और जिन्ना जैसे तमाम मुद्दों पर वह पार्टी के रुख से अलग लगातार बयान देती रही हैं। बीते अप्रैल महीने में उन्होंने लखनऊ में कांशीराम स्मृति उपवन में ‘भारतीय संविधान बचाओ रैली’ भी बुलाई थी। उस समय फुले ने संविधान को ख़तरे में बताते हुए कहा था, कभी कहा जा रहा है कि संविधान बदलने के लिए आए हैं, कभी कहा जा रहा है कि आरक्षण को ख़त्म करेंगे. बाबा साहेब का संविधान सुरक्षित नहीं है।
इसी तरह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर हुए विवाद को लेकर भी उनका बयान सुर्ख़ियों में रहा था। सांसद फुले ने कहा था कि मोहम्मद अली जिन्ना महापुरुष थे और हमेशा रहेंगे। आज़ादी की लड़ाई में उनका अहम योगदान था। ऐसे महापुरुष की तस्वीर जहां ज़रूरत हो, उस जगह पर लगाई जानी चाहिए।