भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में 'मिशन 2019' जीतने का खाका तैयार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : 2019 में एक बार फिर कमल खिलाने के इरादे के साथ भाजपा ने अपनी दो दिवसीय कार्यकारिणी की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया। इसमें जीएसटी, आतंकवाद समेत कई मुद्दों पर सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई और आगामी चुनावों में विपक्ष को घेरने का ताना बाना बुना गया। राजनीतिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया की सोच की दिशा और दशा को भी रेखांकित किया गया। गौरतलब है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने कहा था कि कार्यकारिणी की बैठक में आर्थिक मसलों पर एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा लेकिन पार्टी ने आखिरकार एक ही प्रस्ताव पारित करने का फैसला किया जिसमें राजनीतिक और आर्थिक मसलों का जिक्र हो। बैठक में छह सूत्री एजेंडे को मंजूरी दी गई। इसमें देश से गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता व तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म करने का संकल्प किया गया। राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि पार्टी और सरकार ने जनता से किया गया हर वचन निभाया है।
नेताओं ने कहा कि 'सरकार आर्थिक मुद्दों को लेकर संवेदनशील है। सभी मंत्री प्रधानमंत्री को फीडबैक दे रहे हैं। हम युद्धस्तर पर आर्थिक मसलों से निपटने के लिए कोशिश कर रहे हैं।' राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए कहा कि एकमत से प्रस्ताव को पारित किया गया है। भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री के भाषण का लाइव प्रसारण करने की इजाजत देने के बारे में सोचा था। लेकिन इस भाषण का सार्वजनिक प्रसारण नहीं हुआ और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया को प्रधानमंत्री के संबोधन के बारे में जानकारी दी।
वहीं प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं का केंद्र बिंदु बन गया है। उन्होंने उन पार्टी कार्यकर्ताओं की जरूरत पर जोर दिया जो जनता और सरकार के बीच की कड़ी बन सकें। उन्होंने सरकारी योजनाओं मसलन स्वच्छ भारत अभियान में सहभागिता के साथ ही चुनावों से इतर भी पार्टी के लिए काम करने के लिए साझेदारी की गुहार लगाई। गडकरी के मुताबिक बैठक में पारित प्रस्ताव मोदी सरकार की विदेश नीति की सफलता पर केंद्रित था और इसमें जीएसटी की शुरुआत, अंतरराष्ट्रीय फलक पर आतंकवाद के मुद्दे और आर्थिक मसलों को उठाने के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री अरुण जेटली को बधाई दी गई। गडकरी ने यह संकेत दिया कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बिजली और सड़क जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही थी और इस मकसद से 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि युवाओं के बीच बेरोजगारी एक मुख्य समस्या रही है लेकिन मोदी सरकार ने मुद्रा योजना, स्टैंडअप-स्टार्टअप योजना और कौशल विकास की नीतियों के जरिये इसमें पहल करने की कोशिश की है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि मोदी सरकार ने जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष को 'गरीब कल्याण वर्ष' के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। इसमें कहा गया कि पार्टी उपाध्याय की प्रतिबद्धता से प्रेरित आर्थिक नीतियों का अनुसरण करते हुए गरीबों के कल्याण के लिए काम करते हुए 2022 तक 'न्यू इंडिया' का निर्माण किया जाएगा। 'न्यू इंडिया' बनाने के लिए इस प्रस्ताव में छह बिंदु वाले कार्यक्रम की बात की गई जिनमें गरीबी मुक्त भारत, स्वच्छ भारत, भ्रष्टाचार मुक्त भारत, आतंकवाद-अलगाववाद मुक्त भारत और जातिवाद-संप्रदायवाद मुक्त भारत की परिकल्पना शामिल है।
अलग-अलग प्रदेशों से आये सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने अध्यक्षीय भाषण में कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संभावित अध्यक्ष राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला। निशाने पर वंशवाद रहा। शाह ने कहा कि भाजपा काम करके दिखाने की राजनीति में विश्वास करती है और कांग्रेस एवं राहुल गांधी के वंशवाद एवं तुष्टिकरण की राजनीति को वह सफल नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि प्रतिभा के बल पर कोई भी शीर्ष पर पहुंच सकता है। इस क्रम में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम लिया। वंशवाद और तुष्टिकरण की जो राजनीति कांग्रेस और राहुल गांधी कर रहे हैं, उसे भाजपा पूरी तरह से नकारती है। ऐसी राजनीति को देश की जनता भी नकारती है।
इसके साथ ही शाह ने पारदर्शी अर्थतंत्र यानी जीएसटी को लेकर उठाये गए केन्द्र के कदम की भी तारिफ की। कुल मिलाकर उन्होंने आगामी चुनावों के लिए पार्टी किन मुद्दों के साथ मैदान में होगी इसकी झलक भी दे दी यानी उपलब्धियों और विरोधियों पर जुबानी हमले उनका शस्त्र होंगे। उन्होंने गंदगी, गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की राजनीति को देश से समाप्त करने की बातों का प्रमुखता से उल्लेख किया।
विस्तारित कार्यकारिणी बैठक
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में आमतौर पर स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों समेत करीब दो सौ पदाधिकारी हिस्सा लेते हैं। इस बार पार्टी के देश-भर के सांसदों, विधायकों को शामिल होने का न्योता देकर विस्तारित कार्यकारिणी की रूपरेखा तैयार की गई। बैठक का प्रारूप आमतौर पर होने वाली बैठक से बड़ा है। बैठक में देश भर से पार्टी के सभी 281 लोकसभा सदस्य, 57 राज्यसभा सदस्य, 1400 के करीब विधायक और विधानपार्षद और प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष और महामंत्रियों ने हिस्सा लिया।
पारित प्रस्ताव शब्दशः
पारदर्शी अर्थतंत्र की बुनियाद
भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ केंद्र सरकार ने जनता को दिए अपने वचन को सिद्ध किया है। विमुद्रीकरण को लेकर मिला जनसमर्थन इस संदर्भ में उल्लेखनीय है। इस एक निर्णय ने कालाबाजारी और कालाधन रखने वालों की कमर तोड़ दी है। इस निर्णय से देश में पारदर्शी अर्थतंत्र की बुनियाद मजबूत करने की दिशा में अभूतपूर्व सफलता मिली है, ईमानदारी से कारोबार करने वालों के लिए अवसर सुगम हुए हैं। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा, गैस सब्सिडी, पेंशन, स्कॉलरशिप इत्यादि का सीधे डिजिटल माध्यम से नकद हस्तांतरण करके करोड़ों लाभार्थियों के जीवन में पारदर्शी व्यवस्था से सुगमता लाई गयी है। इस व्यवस्थागत परिवर्तन का परिणाम है कि देश में व्यक्तिगत टैक्स देने वालों की संख्या में पर्याप्त बढ़ोत्तरी हुई है, डिजिटल लेन–देन दोगुना हुआ है एवं बड़े नोटों के नकद प्रचलन में भी पर्याप्त कमी आई है। केंद्र सरकार की नीतियों से सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को सम्मान मिलने लगा है। देश में पारदर्शी अर्थवयवस्था को लागू कराने के लिए केंद्र सरकार बधाई के योग्य है।
1. जीएसटी: लागू हुआ ‘एक राष्ट्र एक कर’
भाजपानीत केंद्र सरकार ने देश में “वन नेशन, वन टैक्स” की लंबे समय से चल रही मांग को पूरा किया है। विमुद्रीकरण के बाद अप्रत्यक्ष करों को लेकर आर्थिक सुधारों की दिशा में यह दूसरा ऐतिहासिक कदम सरकार द्वारा उठाया गया है। जीएसटी लागू होने से व्यापार में सुगमता को लेकर व्यापारी वर्ग को होने वाली समस्याओं को समाप्त किया गया है। दैनिक उपयोग की तमाम वस्तुओं पर लगने वाले करों का बोझ भी कम हुआ है। इस टैक्स के लागू होने के प्राम्भिक दौर में जनता और व्यापारियों को होने वाली दिक्कतों का समाधान सरकार लगातार कर रही है। जीएसटी लागू होने के बाद संघीय ढाँचे के अनुरूप सभी प्रदेशों को विश्वास में लेते हुए सर्वसम्मति से जीएसटी लागू कराना केंद्र सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धि है। प्रत्येक महीने जीएसटी काउंसिल की बैठक के माध्यम से जनता के प्रति विकासोन्मुख निर्णय लेने का आदर्श भी सिद्ध किया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री के प्रति धन्यवाद व्यक्त करती है।
2. आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ ठोस नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र में सरकार बनने के बाद से ही सरकार की आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” ठोस नीति रही है। सरकार इसी नीति पर चलते हुए आतंकवादी तत्वों एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ सख्ती से निपट रही है। हाल के दिनों में सरकार द्वारा आतंकवाद के खिलाफ जिस ढंग से सीमाओं पर सख्त कदम उठाये गये हैं, वह देश के सामने है। पिछले 6 महीने में बड़ी संख्या में आतंकियों को ढेर किया गया है, जिससे आतंकी गतिविधियों में शामिल तत्वों का मनोबल गिरा है। सुरक्षा बलों ने इस पूरे मामले में जिस संवेदनशीलता का परिचय दिया है, वह उल्लेखनीय और सराहनीय है। जम्मू-कश्मीर के आम लोगों ने सरकार की कार्य पद्धति की सराहना की है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने जम्मू-कश्मीर में बाढ़ के संकट का समाधान एवं विकास योजनाओं में केंद्र सरकार के सकारात्मक योगदान को प्राथमिकता दी है। जम्मू-कश्मीर के 80 हज़ार करोड़ का विकास पैकेज, दो एम्स, आईआईएम, आईआईटी, पांच मेडिकल कॉलेज एवं इंजीनियरिंग कॉलेज के माध्यम से विकास को तेज गति दी है। सरकार के इन योजनाओं से जम्मू-कश्मीर में विश्वास का माहौल बना है। आतंकवाद से निपटने में आतंकियों के खिलाफ सख्ती और आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे आम लोगों के प्रति संवेदनशीलता के बीच सन्तुलन बनाने का अभूतपूर्व कार्य किया है।
3. वैश्विक पटल पर भी आतंकवाद के खिलाफ सफलता
वैश्विक पटल पर भी आतंकवाद विषय को मजबूत ढंग से रखने में प्रधानमंत्री ने अभूतपूर्व सफलता दिलाई है। अलगाववादियों को विदेशों से मिलने वाली मदद के अवैध स्रोतों के आर्थिक तंत्र एवं हवाला कारोबार की कड़ियों पर सरकार द्वारा की गयी व्यापक कार्यवाही सराहनीय है। वर्तमान सरकार की कार्यप्रणाली को देखते हुए आम जनता के बीच भी यह धारणा बनी है कि आतंकवाद के खिलाफ यह सरकार कड़े से कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटने वाली है। सरकार द्वारा विकास से जुड़े मुद्दों पर सामानांतर कार्य किया गया है। वैश्विक पटल भी आतंकवाद के विषय को बहस के केंद्र लाने, पाकिस्तान को वैश्विक पटल पर अलग-थलग करने और हिजबुल मुजाहीद्दीन जैसे आतंकी संगठन की असलियत को सामने लाने के लिए एवं विश्व जनमत को उनके खिलाफ एकजुट करने के लिए यह सरकार बधाई की पात्र है।
4. महिलाओं के समानता एवं गरिमापूर्ण जीवन के अवसरों को बढ़ाना
राष्ट्रीय कार्यकारिणी केंद्र सरकार महिलाओं के जीवन में समानता एवं गरिमापूर्ण जीवन के अवसरों में सुचारू रूप से बढ़ाने के लिए उसकी प्रतिबद्धता हेतु बधाई देती है। सरकार द्वारा महिलाओं की हितों की दिशाओं में बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, सुकन्या समृद्धि योजना एवं उज्जवला योजना के माध्यम से तीन करोड़ से अधिक महिलाओं को लाभार्थी बनाया गया है। देश में बढ़ते हुए लिंगानुपात को समान करना, बेटियों के प्रति संकीर्ण सामाजिक दृष्टिकोण का उन्मूलन एवं बेटियों को शिक्षित बनाने में सरकार के प्रयास सराहनीय हैं। कामकाजी महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर अधिक सुरक्षित माहौल हेतु कानूनों में परिवर्तन एवं मातृत्व सुरक्षा को महत्व देने का कार्य सरकार द्वारा किया गया है। सरकार की मुद्रा योजना का लाभ भी महिलाओं द्वारा उठाया गया है। सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तीन तलाक विषय पर केंद्र सरकार ने जिस प्रकार से न्यायपूर्ण पक्ष रखा, कार्यकारिणी उसका स्वागत करती है। तीन तलाक जैसी कु-प्रथा की वजह से लैंगिक असमानता और संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा था। इस संदर्भ में केंद्र सरकार का पक्ष स्पष्ट था कि समानता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा है और बदला नहीं जा सकता है। इस फैसले का समाज के हर वर्ग की महिलाओं सहित मुस्लिम महिलाओं ने भी स्वागत किया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी देश की करोड़ों महिलाओं की ओर से महिलाओं के सम्मान एवं समर्थन में इस साहसपूर्ण कदम के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करती है।
5. किसानों के हितों की दिशा में सरकार के कार्य
सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के विषय को जमीनी स्तर तक ले जाने का बड़ा सन्देश दिया गया है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं किसान फसल बीमा योजना से खेती में उत्पादन वृद्धि एवं अनिश्चतताओं को दूर करने में सफलता मिली है। प्रधानमंत्री फसल बीमा में प्रीमियम बहुत कम रखा गया है एवं आपदा क्षेत्रों को भी विस्तृत किया गया है जिससे अधिकाधिक क्षतिपूर्ति हो सके। वर्ष 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सिचांई योजना के तहत 5 वर्षों में पचास हज़ार करोड़ निवेश का प्रावधान किया गया है। सरकार द्वारा जारी की गई ग्रामीण क्षेत्र की आधारभूत संरचनाओं की योजनाओं से किसानो के जीवन में परिवर्तन आया है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार द्वारा संकल्प पूर्वक किये जा रहे प्रयासों के प्रति अपना आभार व्यक्त करती है।
6. युवा शक्ति से ही राष्ट्र विकास
राष्ट्रीय कार्यकारिणी इस वर्ष को स्वामी विवेकानंद के शिकागो भाषण के 125 वर्ष पूरा होने के कारण युवाओं के लिए प्रेरणादायक वर्ष मानती है। देश निर्माण में युवाओं की भूमिका के लिए ना केवल केंद्र सरकार ने समयानुकूल नयी शिक्षा नीति के लिए व्यापक विमर्श शुरू किया है बल्कि उसके साथ–साथ नए स्वरोजगार के अवसरों की भी उपलब्धता कराई है। युवाओं के समन्वित विकास के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन, कौशल विकास एवं उधामिता की राष्ट्रीय नीति, प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना को शुरू किया गया। मुद्रा योजना के साथ स्टार्ट-अप इंडिया एवं स्टैंड-अप इंडिया के द्वारा देश की 125 लाख बैंक शाखाओं को युवाओ के रोजगार निर्माण के लिए ऋण अभियान शुरू किया है और इसमे कम से कम एक दलित, आदिवासी व महिला उद्यमी को जोड़ा गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सरकार के द्वारा युवाओं के समन्वित विकास के लिए की जा रहे पहल पर बधाई देती है।
7. डोकलाम पर शांतिपूर्ण समाधान
इस वर्ष जून में भारत और चीन के बीच उत्पन्न हुए डोकलाम विवाद को शान्तिपूर्ण तरीके से राजनयिक बातचीत के द्वारा सुलझाने के लिए राष्ट्रीय कार्यकारिणी सरकार को बधाई देती है। यह घटनाक्रम राजनीतिक परिपक्वता और कूटनीति की विजय का परिचायक है। इस मामले पर देश के नेतृत्व ने जिस कुशलता तथा धैर्यसंयम और दृढ़ता का परिचय दिया उनसे राष्ट्र के हितों की रक्षा तो हुई हीसाथ ही विश्व में भारत का सम्मान और भी बढ़ा है। इस प्रकरण के दौरान भूटान से लगातार परामर्श और समन्वय पड़ोसी मित्र देश के हितों के प्रति भारत की संवेदनशीलता तथा सरकार की ‘‘सबसे पहले पड़ोसी‘‘ (Neighbourhood First) की नीति भली-भांति दर्शाते हैं।
8. ब्रिक्स में दिखी भारत की मजबूती
BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व की चुनौतियों का मिलजुलकर सामना करने के लिए दिये गये 10 सूत्रीय सुझाव एक और रचनात्मक पहल है। प्रधानमंत्री के इस पहल का दुनिया के देशों द्वारा विकास की अवधाणा पर एक सकारात्मक प्रयास के रूप में स्वागत किया गया। चीन के शियामिन (Xiamen) में हुए BRICSशिखर सम्मेलन के दौरान चीन के राष्ट्रपति श्री शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सकारात्मक बातचीत का भी परिषद स्वागत करती है। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों नेताओं ने उनके बीच अस्ताना, कजाख़स्तान में हुई इस सहमति को दोहराया कि भारत और चीन के बीच अच्छे संबंध विश्व में स्थिरता के लिए आवश्यक हैं। BRICS शिखर सम्मेलन से जारी किये गये घोषणा पत्र में आतंकवाद को जो प्रमुख स्थान मिला है और जिस प्रकार से भारत के पड़ोस में सक्रिय दुर्दान्त आतंकवादी समूहों जैसे लश्कर-ए-तोएबा, तालिबान, जैश-ए-मुहम्मद व हक्कानी समूह आदि की कड़ी निन्दा की गयी है वह आतंकवाद पर वैश्विक सहमति बनाने में सरकार के अथक कूटनीतिक प्रयासों की सफलता का एक और प्रमाण है।
9. अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में संवेदनशीलता को प्राथमिकता
भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने कूटनीति में मानवीय संवेदनशीलता को प्राथमिकता देकर दुनिया में अच्छे सम्बंधो को मजबूत किया है। पड़ोसी देशों के साथ ही नेपाल की भूकंप की त्रासदी में, मालद्वीप में पानी के संकट तथा म्यामांर में स्वाईन फ्लू के संकट पर भारत ने पड़ोसी देशों के साथ अपने रिश्तों को जिम्मेदारी से निभाया है। बंगलादेश के रोहंगीया शरणार्थीयों को सरकार द्वारा आगे बढ़कर राहत सामग्री भिजवाई है इसके साथ ही सरकार ने अपने 125 करोड़ नागरिकों की सुरक्षा का भी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पूरी जिम्मेदारी निभाई है। इसमे यमन में फंसे भारतीय नागरिकों का संकट हो, मध्यपूर्व देश से केरल की नर्सों की रिहाई हो, अफगानिस्तान से अलेक्स प्रेम कुमार की रिहाई हो, यमन से फादर टॉम की रिहाई हो, सरकार ने हर नागरिक की व्यक्तिगत एवं सामूहिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी केंद्र सरकार द्वारा तत्परतापूर्वक किये गये सफल कूटनीतिक प्रयासों के लिए बधाई देती है।
10. आधारभूत संरचनाओं को मजबूती
राष्ट्रीय कार्यकारिणी भाजपानीत केंद्र सरकार द्वारा देश की आधारभूत संरचना के विकास के लिए उठाए गए नए कदमों और पुराने कार्यों को पूरा कर देश को समर्पित करने के लिए बधाई देती है। इस क्रम में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना के अंतिम चरण को पूरा कर देश को समर्पित करने के लिए प्रधानमंत्री को बधाई देती है। साथ ही भारत-जापान सहयोग से देश में “बुलेट-ट्रेन” की नींव रखने के लिए भी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कार्य कर रही केंद्र सरकार बधाई के योग्य है।
11. हिंसा लोकतंत्र के लिए अभिशाप
देश में वैचारिक हिंसा तथा संकीर्णता को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा देश की जनता को दिए गये भरोसे का स्वागत करती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का स्पष्ट मत है कि केरल, त्रिपुरा एवं पश्चिम बंगाल में पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ जिस ढंग से विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीतिक हिंसा की जा रही है, वह लोकतंत्र में निंदनीय है। केरल में विगत चौदह माह में पार्टी के 14 कार्यकर्ताओं का निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी इसकी कड़ी निंदा करती है। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पत्रकारों पर किये जा रहे हिंसा एवं हत्या की भी पुरजोर तरीके से निंदा करती है।
12. पिछड़े वर्ग को संवैधानिक अधिकार हेतु संकल्प
भारतीय जनता पार्टी की सरकार का लक्ष्य “सबका साथ, सबका विकास” के उद्देश्यों को प्राप्त करना है। इस क्रम में सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग की संवैधानिक मान्यता का प्रश्न दशकों से लंबित था। प्रधानमंत्री ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का निर्णय लिया। लोकसभा से यह संशोधन विधेयक पारित भी हुआ। लेकिन राज्यसभा में कांग्रेस के विरोध की वजह से यह प्रस्ताव लागू नहीं हो सका है। भाजपा पूरी प्रतिबद्धता के साथ इसे लागू कराने का संकल्प लेती है और कांग्रेस द्वारा राज्यसभा में पैदा किए गए पिछड़ा विरोधी गतिरोध की निंदा करती है।
13. पंडित दीन दयाल जन्मशताब्दी वर्ष का संकल्प
भारतीय जनता पार्टी ने पंडित दीन दयाल जन्म शताब्दी वर्ष (25 सितंबर 2016- 25 सितंबर 2017) को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया है। पार्टी की केंद्र व राज्य सरकारों ने गरीब कल्याण की योजनाओं के माध्यम से शोषित एवं वंचित वर्ग को जीने का आर्थिक सशक्तिकरण के माध्यम से उन्नत किया है। दीनदयाल जन्मशताब्दी वर्ष में पार्टी के जनाधार, बूथ रचना को मजबूत करने, पार्टी के संगठानात्मक सुदृढ़ीकरण, वैचारिक आधार के विस्तार एवं पार्टी के कार्यप्रणाली में गुणात्मक विस्तार हेतु अखिल भारतीय अध्यक्षीय प्रवास माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा किया गया।
पार्टी के कार्य विस्तार के लिए विस्तारक योजना का प्रारंभ राष्ट्रीय अध्यक्ष के बंगाल के नक्सलवाड़ी दौरे के साथ प्रारंभ हुआ। पार्टी के लिए संतोष का विषय है कि सुदूर लद्दाख से लेकर लक्षद्वीप तक 4 लाख के करीब विस्तारक अल्पकालिक प्रवास के लिए गये और 4 हज़ार से अधिक विस्तारक दीर्घकालिक प्रवास के लिए गये। भारतीय जनता पार्टी के बूथ रचना को मजबूत करने के लिए इन विस्तारकों द्वारा बूथों पर समाज के सभी वर्गों का पार्टी में समावेश, बूथ समिति की रचना तथा बूथ के छह कार्यप्रणाली को स्थाई बनाने पर जोड़ दिया गया, जिससे ‘सशक्त भाजपा-समर्थ भाजपा’ की परिकल्पना को आगे बढ़ाने में पार्टी को मजबूती मिली है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा किये गये संगठानात्मक प्रवास से पार्टी की विभागों एवं प्रकल्पों की परिकल्पना, कार्यालय निर्माण, समाज के प्रबुद्ध वर्ग से बातचीत, कोर समिति की संगठानात्मक निर्णय की प्रणाली, पार्टी की सरकारों की कार्यप्रणाली की दिशा, जनसंघ के समय के कार्यकर्त्ता का सम्मान, पार्टी के निर्वाचित सदस्यों की भूमिका तथा वैचारिक प्रशिक्षण के लिए आवश्यक तंत्र का निर्माण किया गया। यह प्रवास पार्टी के संगठनात्मक एवं गुणात्मक सुदृढ़ता में मील का पत्थर सिद्ध हो रहा है।
पार्टी दीनदयाल जन्मशताब्दी वर्ष में माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष के अखिल भारतीय प्रवास के माध्यम से मिले मजबूत आधार को भविष्य में पार्टी के काम का आधार बनाकर उसे सशक्त करेगा।
14. न्यू इण्डिया: संकल्प से सिद्धि
प्रधानमंत्री ने 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने तक “न्यू इण्डिया” का संकल्प प्रस्तुत किया है। संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम के अंतर्गत देश को 2022 तक न्यू इण्डिया के लक्ष्यों को संकल्प के रूप में देश के समक्ष रखा है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का यह स्पष्ट मत है कि 125 करोड़ देशवासी इस संकल्प को अपना व्यक्तिगत संकल्प बनायेंगे तो न्यू इण्डिया बनने से कोई रोक नहीं सकता। न्यू इंडिया में छ: संकल्प अंतर्निहित हैं।
- गरीबी से मुक्त भारत: न्यू इण्डिया के तहत यह संकल्प लिया गया है कि 2022 तक हम भारत को गरीबी से मुक्त एक ऐसा देश बनायेंगे जहाँ सबके पास आवास हो, स्वास्थ्य की सुविधाएं हों, स्व-रोजगार के अवसर हों। इस संकल्प के आलोक में केंद्र सरकार द्वारा लोक कल्याण की कई योजनायें संचालित हैं और अन्त्योदय की अवधारणा के अनुरूप आम लोगों तक पहुँच रही हैं।
- स्वच्छ भारत: सुंदर समाज और समृद्ध देश की पहचान स्वच्छता भी है। प्रधानमंत्री ने ‘स्वच्छ भारत अभियान” को जनांदोलन का रूप देते हुए इसे व्यक्ति के दायित्वबोध से जोड़ा है। न्यू इण्डिया में भारत स्वच्छ हो और समाज से गंदगी को समाप्त किया जा चुका हो, यह संकल्प लेते हैं।
- आतंकवाद से मुक्त: आतंकवाद आज विश्व के लिए एक खतरा है। केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ सख्त है। न्यू इण्डिया के अंतर्गत आतंकवाद मुक्त भारत का संकल्प लेते हैं।
- जातिवाद मुक्त भारत: सामजिक न्याय के मूल सिद्धांतों पर चलते हुए प्रधानमंत्री ने न्यू इण्डिया में देश को सामाजिक विषमता से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया है। न्यू इण्डिया में समता मूलक समाज के निर्माण से मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
- साम्प्रदायवाद से मुक्त भारत: समाज में साम्प्रदायिक सद्भाव हो और समरसता से परिपूर्ण समाज बने, यह न्यू इण्डिया के निर्माण में हमारा प्रमुख संकल्प है।
- भ्रष्टाचार से मुक्त भारत: माननीय प्रधानमंत्री जी ने भ्रष्टचार के समूल नाश के लिए ऐतिहासिक कदम उठाये हैं। हमारा संकल्प है कि 2022 में हम देश को पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था का निर्माण करने में सफल होंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा रखे गये न्यू इण्डिया के संकल्पों का राष्ट्रीय कार्यकारिणी अभिन्दन करती है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जनांदोलन के रूप शुरू किये गये “संकल्प से सिद्धि” कार्यक्रम का स्वागत करते हुए वर्ष 2022 तक गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता से मुक्त स्वच्छ भारत बनाने का संकल्प लेती है। पार्टी देश के 125 करोड़ लोगों से आवाह्न करती है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कदम से कदम मिलकर न्यू इंडिया के संकल्प के साथ आगे बढ़ें।