पारेख के पत्र को सार्वजनिक करें PM : भाजपा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भाजपा ने शनिवार को कहा कि पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख का 2005 में लिखा पत्र बहुत ही ‘विस्फोटक’ है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसे सार्वजनिक करना चाहिए। पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहां कहा कि खबरों के अनुसार पारख के पत्र में तीन गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उसमें कहा गया है कि ‘सरकार में ही कोल माफिया मौजूद हैं, कुछ सांसद उन (पारख) पर भारी दबाव बना रहे हैं और कोयले की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी हो रही है।
मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि पारख ने अपने पत्र में किन सांसदों पर उन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया था। सरकार में ही कोल माफिया होने के उनके आरोप पर प्रधानमंत्री ने क्या संज्ञान लिया। उनके इन अतिगंभीर आरोपों पर प्रधानमंत्री ने क्या कार्रवाई की। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री को पारख के पत्र को सार्वजनिक करने के साथ उनमें लगाए गए आरोपों का जवाब देना चाहिए और ऐसा इसलिए भी जरूरी है कि पारख ने जिस समय की बात की है, उस वक्त सिंह ही कोयला मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे थे।
प्रधानमंत्री के सीबीआई के समक्ष जांच के लिए उपस्थित होने की पेशकश पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वे (सिंह) कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं। 2जी मामले में उन्होंने पीएसी के समक्ष पेश होने की बात कही लेकिन न तो पीएसी के समक्ष पेश हुए और न ही जेपीसी के समक्ष। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि स्वतंत्र जांच के लिए प्रधानमंत्री को सबसे पहले अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि सीबीआई उनके अधीन आती है और सरकार प्रमुख रहते निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।