दलितों के मुद्दे पर बोलने के लिए सिर्फ तीन मिनट नाराज माया ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बसपा नेता का आरोप है कि उन्हें दलितों के खिलाफ अत्याचार का मुद्दा राज्यसभा में उठाने नहीं दिया गया। हालांकि बताया जा रहा है कि इस्तीफा देने में मायावती से चूक हो गई इसलिए इस्तीफा स्वीकार नहीं हो सकता है। उन्होंने इस्तीफा तीन पेज का दिया है जिसे अमूनन मंजूर नहीं किया जाता है। इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा भी राज्यसभा में नामंजूर किया जा चुका है। मायावती ने इसी तरह की गलती दोहराई है। दरअसल इस्तीफे को वजह के साथ बताने पर इस्तीफा मंजूर नहीं होता है।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलित विरोधी हिंसा को लेकर अपनी बात जल्द खत्म करने को कहे जाने से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने मंगलवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सौंप दिया है। मायावती ने कहा, मैं शोषितों, मजदूरों, किसानों और खासकर दलितों के उत्पीड़न की बात सदन में रखना चाहती थी। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में जो दलित उत्पीड़न हुआ है, मैं उसकी बात उठाना चाहती थी, लेकिन सत्ता पक्ष के सभी लोग एक साथ खड़े हो गए और मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया।
संसद में आवाज़ दबाने का आरोप लगाते हुए मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफ़ा दिया #Mayawati #BSP pic.twitter.com/7NlLksqjSP
— Bahujan Samaj Party (@BspUp2017) July 18, 2017
बसपा प्रमुख ने कहा, मैं दलित समाज से आती हूं और जब मैं अपने समाज की बात नहीं रख सकती हूं तो मेरे यहां होने का क्या लाभ। सूत्रों ने बताया कि मायावती का इस्तीफा स्वीकार करने का निर्णय सभापति करेंगे। नियम के अनुसार त्यागपत्र संक्षिप्त होना चाहिए और इसमें कारणों का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन मायावती ने एक पेज की बजाय तीन पेज का इस्तीफा लिखा है और पूरे घटनाक्रम को उल्लेख करते हुए इस्तीफे की वजहें भी गिना दी हैं।
दरअसल राज्यसभा में उपसभापति पीजे कुरियन ने मायावती को अपनी बात तीन मिनट में खत्म करने को कहा था। इस पर मायावती बिफर पड़ीं और कहा कि वह एक गंभीर मुद्दा उठा रही हैं, जिसके लिए उन्हें अधिक वक्त चाहिए। मायावती ने कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी। इसके बाद राज्यसभा में हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं। कुरियन के रोकने पर उन्होंने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है।
मायावती ने कहा कि दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है। सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ। गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ। मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई। मुझे सड़क के रास्ते जाना पड़ा। जब मैं गांव पहुंची तो डीएम और एसपी गायब थे। मैंने वहां कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे समुदायों के बीच लड़ाई हो जाए।