गरीबों के कल्याण के लिए बनी केंद्रीय योजनाएं कुछ लोगों तक सीमित नहीं : नरेंद्र मोदी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नीति आयोग की बैठक में देश के तमाम राज्यों से आए मुख्यमंत्रियों से आह्वान किया कि वह गरीबों के कल्याण के लिए बनी केंद्रीय योजनाओं को 100 फीसदी लागू करने में अपनी-अपनी भूमिका निभाएं। ये महज कुछ लोगों के लिए सीमित नहीं हैं। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे वित्त आयोग को परिणाम आधारित आवंटनों व खर्च सुधार पर नए विचार मुहैया कराएं। साथ ही उन्होंने संसदीय और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए व्यापक बहस और विचार-विमर्श का आह्वान भी किया ताकि धन की बचत और संसाधनों का बेहतर तरीके से उपयोग हो सके।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नीति आयोग की शासी परिषद की चौथी बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी समापन टिप्पणी में विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा की गई तर्कसाध्य चर्चा और सुझावों का स्वागत करते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि निर्णय लेने के दौरान इन पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने नीति आयोग को तीन महीने के भीतर राज्यों द्वारा सुझाए गए क्रियात्मक बिंदुओं का पालन करने को कहा है। मोदी ने इसे पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति की पहचान करने के लिए महत्वपूर्ण करार दिया, ताकि शासन का लाभ उन तक पहुंचे। इसी प्रकार सामाजिक न्याय भी एक महत्वपूर्ण शासन उद्देश्य है। इन कारणों को करीबी समन्वय और निरंतर निगरानी की आवश्यकता होती है।
PM मोदी ने दोहराई लोकसभा, विधानसभा चुनाव साथ कराने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के आग्रह को दोहराया और उन्होंने इस मुद्दे पर व्यापक विचार-विमर्श की बात कही। मोदी ने कहा, लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने पर विचार-विमर्श का आह्वान कई पहलुओं को ध्यान में रखकर किया गया है, जिसमें वित्तीय बचत व संसाधनों के बेहतर इस्तेमाल की बात शामिल है। इससे पहले भी कई मौकों पर प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार के लिए नीति, योजना प्रक्रिया और क्रियान्वयन आसान हो जाता है, क्योंकि एक साथ चुनाव होने पर राष्ट्र के संसाधनों पर अवांछित बोझ नहीं पड़ता। प्रधानमंत्री के अनुसार, 2009 के आम चुनाव के दौरान 1,100 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि 2014 के चुनाव में 4,000 करोड़ रुपये खर्च हुए।
अपनी सरकार के मार्गदर्शक सिद्धांत सबका साथ, सबका विकास पर प्रधानमंत्री ने कहा, केंद्र सरकार की योजनाएं कुछ लोगों या कुछ क्षेत्रों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये संतुलित तरीके से बिना किसी भेदभाव के सभी तक पहुंच रही हैं।
देश के सभी गांवों के अब विद्युतीकृत हो जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सौभाग्य योजना के तहत चार करोड़ घरों को बिजली कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, चार वर्षों में ग्रामीण स्वच्छता की पहुंच 40 प्रतिशत से बढ़कर 85 प्रतिशत हो गई है। जन धन योजना के कार्यान्वयन के बाद सभी लोग बैंकिंग प्रणाली से जुड़ जाएंगे। उन्होंने कहा, उज्जवला योजना के तहत खाना पकाने की गैस मुहैया कराई जा रही है और मिशन इंद्रधनुष सार्वभौमिक बचाव की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 2022 तक सभी के लिए आवास उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है।
मोदी ने कहा, इन कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन से लोगों के जीवन में एक व्यवहारिक परिवर्तन भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि यूरिया की नीम कोटिंग, उज्जवला योजना, जन धन खातों और रुपे डेबिट कार्ड से लोगों के जीवन में सुधार हो रहा है, जबकि दुनिया भर में स्वच्छ भारत मिशन पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा, पिछले चार वर्षों में 7.70 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है। उन्होंने दो अक्टूबर, 2019 यानी महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक मुख्यमंत्रियों से 100 प्रतिशत स्वच्छता पहुंच की ओर काम करने का आग्रह किया है। उन्होंने 15 अगस्त तक 115 आकांक्षी जिलों के 45,000 अतिरिक्त गांवों में सात प्रमुख योजनाओं को पूरी तरह से पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
कुछ मुख्यमंत्रियों द्वारा उठाए गए पर्यावरण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने उनसे सरकारी इमारतों, आधिकारिक आवासों और स्ट्रीटलाइट्स में निश्चित समय सीमा के भीतर एलईडी बल्बों का उपयोग करने का आग्रह किया। मोदी ने जल संरक्षण, कृषि, ग्रामीण नौकरियों की योजना आदि जैसे मुद्दों पर विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा दिए गए कई अन्य सुझावों की भी सराहना की। उन्होंने मध्य प्रदेश, बिहार, सिक्किम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से कृषि एवं ग्रामीण रोजगार योजनाओं के विषय पर समेकित नीति ²ष्टिकोण के लिए साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। राज्यों को परिणाम आधारित आवंटन व व्यय सुधार पर वित्त आयोग को नए विचार देने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा, दुनिया को उम्मीद है कि भारत जल्द ही 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
राज्यों को निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने को कहते हुए उन्होंने उन्हें व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, व्यापार को आसान बनाने के लिए नीति आयोग को सभी राज्यों के साथ बैठक करनी चाहिए। कृषि क्षेत्र में कम कॉर्पोरेट निवेश पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्यों को ऐसी नीतियां तैयार करनी चाहिए जो भंडार, परिवहन, मूल्यवर्धन और खाद्य प्रसंस्करण आदि जैसे क्षेत्रों में कॉर्पोरेट निवेश को बढ़ावा दें। प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलतापूर्वक नीलाम हुई खदानों को जल्द से जल्द उत्पादन शुरू करना चाहिए और उन्होंने राज्यों से इस संबंध में कदम उठाने का आग्रह किया।
देश की वृद्धि दर दहाई अंक तक ले जाने की चुनौती
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2017-18 की चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी की दर से बढ़ी है और अब चुनौती इसे दहाई अंक तक ले जाने की है, जिसके लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। 2022 तक न्यू इंडिया का विजन अब हमारे देश के लोगों का संकल्प बन गया है। नीति आयोग की इस बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें किसानों की आय दोगुनी करने, आकांक्षी जिलों का विकास, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय पोषण मिशन, मिशन इंद्रधनुष जैसी प्रमुख योजनाओं की प्रगति और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न शामिल हैं। शासी परिषद एक प्रमुख निकाय है, जिसकी जिम्मेदारी विकास की गाथा को आकार देने में राज्यों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं, सेक्टरों और रणनीतियों का एक साझा दृष्टिकोण विकसित करना है। परिषद पूर्व के वर्ष के दौरान किए गए कार्यों की समीक्षा करती है और भविष्य की विकास प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श करती है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों और अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि शासी परिषद एक ऐसा मंच है, जो ऐतिहासिक परिवर्तन ला सकता है। इस बैठक में दिल्ली, ओडिशा, गोवा, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री मौजूद नहीं थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र बाढ़ प्रभावित राज्यों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा।
मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन, डिजिटल लेनदेन और कौशल विकास जैसे मुद्दों पर उप-समूहों व समितियों के माध्यम से नीति तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मुख्यमंत्रियों की प्रशंसा की। मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है और लगभग 10 करोड़ परिवारों को हर साल पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि समग्र समाज शिक्षा अभियान के तहत शिक्षा के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है। मानव विकास के सभी पहलुओं और मानकों को हल करने और सुधारने की जरूरत है। मोदी ने कहा, ग्राम स्वराज अभियान योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए एक नए मॉडल के रूप में उभरा है और अब तक यह 45,000 गांवों में अपनी पहुंच बना चुका है। मोदी ने कहा कि इन सात कल्याणकारी योजनाओं उज्जवला, सौभाग्य, उजाला, जन धन, जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और मिशन इंद्रधनुष को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। मोदी ने कहा, भारत में योग्यता, क्षमता और संसाधनों की कोई कमी नहीं है और मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य केंद्र सरकार से 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह बैठक भारत के लोगों की आशाओं और अकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है और इन्हें पूरा करने के लिए इस बैठक पर सभी प्रयास करने की जिम्मेदारी भी है।