चेन्नई विजन भारत-चीन के बीच सहयोग का नया दौर, मतभेदों को झगड़ा नहीं बनने देंगे : PM मोदी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
मामल्लापुरम (तमिलनाडु) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में कहा है कि भारत और चीन दोनों देश पूरी दुनिया में शांति का उदाहरण हैं। चेन्नई विजन से दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा। हम अपने मतभेदों को झगड़े की वजह नहीं बनने देंगे। प्रतिनिधिमंडल बैठक में भारत की ओर से पीएम मोदी के अलावा विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल रहे।
पीएम मोदी ने कहा, वुहान स्पिरिट ने हमारे संबंधों को एक नया मोमेंटम और विश्वास दिया था। आज हमारे चेन्नई विजन से दोनों देशों के बीच सहयोग का एक नया दौर शुरू होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत और चीन के बीच सांस्कृतिक संबंध हैं। दोनों देशों के रिश्ते पहले से मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के रिश्ते विश्व में शांति का उदाहरण हैं। दोनों देशों के बीच पनपे मतभेदों को हम झगड़ों में नहीं बदलने देंगे।
मोदी ने आगे कहा, मैं आप सभी का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। साल 2000 से दोनों देश आर्थिक शक्ति बने हुए हैं। हम एक दूसरे की समस्याओं के प्रति सोचेंगे। एक दूसरे के बारे में संवेदनशील बने रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा, चेन्नई समिट में अब तक हमारे बीच द्वीपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर महत्वपूर्ण विचार विमर्श हुआ है।
पीएम मोदी के बयान के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, भारत में मिले सम्मान से अभिभूत हूं। मैंने और चीन से आए मेरे सहयोगियों ने इसे महसूस किया है। उन्होंने कहा, चेन्नई का ये दौरा मुझे और मेरे सहयोगियों को हमेशा याद रहेगा। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में फिशरमैन होटल के मचान रेस्त्रा में दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत हुई। इससे पहले पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने करीब 55 मिनट तक कॉव रिसॉर्ट में अनौपचारिक बैठक भी की।
इससे पहले बीती रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तमिलनाडु के मामल्लापुरम यानी महाबलीपुरम में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को विस्तार देने पर जोर देने के साथ आतंकवाद और कट्टरपंथ की चुनौतियों का मिलकर सामना करने का भी संकल्प लिया। दोनों नेताओं ने इस बात को स्वीकार किया कि दोनों देश बहुत जटिल और बहुत विविध हैं। भारत और चीन दोनों ही बड़े देश हैं और आतंकवाद व कट्टरता दोनों के लिए चिंता का विषय है। लिहाजा दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि हम एक साथ काम करेंगे ताकि कट्टरता और आतंकवाद के खिलाफ कारगर तरीके से निपटा जा सके।
विदेश सचिव विजय गोखले ने देर शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों नेताओं ने रात्रिभोज के दौरान करीब ढाई घंटे तक बातचीत की और इस दौरान उन्होंने अपनी-अपनी राष्ट्रीय दूरदृष्टि एवं शासन संबंधी प्राथमिकताओं समेत कई मामलों पर बातचीत की। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने आतंकवाद के कारण दोनों देशों के सामने पैदा हो रही चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, इस बात को स्वीकार किया गया कि दोनों देश बहुत जटिल और बहुत विविध हैं। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत एवं चीन बड़े देश हैं, दोनों के लिए कट्टरपंथ चिंता का विषय है और दोनों मिलकर काम करेंगे ताकि कट्टरपंथ एवं आतंकवाद हमारे बहु-सांस्कृतिक, बहु-जातीय, बहु-धार्मिक समाजों को प्रभावित नहीं कर पाए।