बेटे कार्ती के ठिकानों पर ED रेड और चिदम्बरम ने किया शेक्सपियर को कुछ यूं याद!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: शनिवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पूर्व केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के बेटे कार्ती के 10 ठिकानों पर रेड पड़ी। इनमें चेन्नई की 9 और जोर बाग स्थित पिता पी चिदम्बरम का आवास भी शामिल था। जिसके बाद मीडिया से मुखातिब चिदम्बरम को महान अंग्रेजी लेखक और नाटककार विलियम शेक्सपियर की याद आ गई। दरअसल उन्होंने ED के छापे की तुलना शेक्सपियर के मशहूर हास्य नाटक कॉमेडी ऑफ एरर्स से की। इस छापेमारी को ही चिदम्बरम ने कॉमेडी ऑफ एरर्स करार दिया है।
उनके मुताबिक रेड डालने आए अधिकारियों को खुद ही नहीं पता था कि ये आवास किसका है...स्थिति शर्मनाक थी। ये छापे एयरसेल-मैक्सिस डील मामले को लेकर की गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बेटे पर मनीलांड्रिंग का आरोप है। इस मामले को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस इसे बदले की कार्रवाई करार दे रही है तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे जज संकट से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है।
पी. चिदंबरम ने ईडी की कार्रवाई पर अपने घर के बाहर तैनात मीडियाकर्मियों के सामने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ‘सीबीआई या अन्य जांच एजेंसियों की ओर से किसी अपराध के लिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। मुझे इसका पहले से ही अंदाजा था कि वे (ईडी) चेन्नई स्थित ठिकानों पर फिर से तलाशी अभियान चलाएंगे। comedy of errors तो यह है कि जोर बाग (नई दिल्ली) में छापा मारने वाले अधिकारियों ने बताया कि उन्हें लगा था कि यह घर कार्ति का है।’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मनीलांड्रिंग कानून के तहत ईडी को जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। उनके मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई को उचित ठहराने के लिए संसद में सरकार द्वारा दिए गए बयान से जुड़े दस्तावेज अपने साथ ले गए। इसके अलावा उन्हें और कुछ नहीं मिला।
क्या है मामला?
ईडी ने इस मामले में पिछले साल 1 दिसंबर को भी कार्ति के रिश्तेदारों समेत अन्य लोगों के ठिकानों पर छापे मारे थे। ज्ञात हो कि पी. चिदंबरम ने बतौर वित्तमंत्री वर्ष 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को विदेशी निवेश प्रबंधन बोर्ड (एफआईपीबी) के तहत मंजूरी दी थी। इस मामले में गड़बड़ी के आरोप लगने के बाद ईडी ने जांच शुरू की थी। ईडी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि तत्कालीन वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) द्वारा एयर-मैक्सिस डील को मंजूरी देने की परिस्थितियों की जांच कर रहा है।
जांच एजेंसी का आरोप है कि कार्ति ने गुड़गांव स्थित एक प्रोपर्टी को कथित तौर पर एक बहुराष्ट्रीय कंपनी को किराये पर दिया था, जिसके लिए वर्ष 2013 में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की मंजूरी हासिल की गई थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के बेटे पर कुछ बैंक खातों को बंद करने का भी आरोप लगाया गया है, ताकि मनीलांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत संपत्ति को जब्त करने की प्रक्रिया को बाधित किया जा सके।
कार्ति चिदंबरम पर अन्य बैंक खातों को भी बंद करने के प्रयास का आरोप लगाया गया है। जांच एजेंसी ने कहा था कि पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री के तौर पर मार्च, 2006 में एयरसेल-मैक्सिस को मंजूरी प्रदान की थी। वह सीधे तौर पर 600 करोड़ रुपये मूल्य के समझौते को ही मंजूरी देने में सक्षम थे। एयरसेल-मैक्सिस डील 800 मिलियन डॉलर (3,500 करोड़ रुपये) का था। ऐसे में इसके लिए आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से स्वीकृति लेना अनिवार्य था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया था। हालांकि, पी. चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
comedy of errors ही क्यों?
शेक्सपियर की इस मशहूर कृति में गलत पहचान से होने वाली दिक्कतों का जिक्र है। यह उनके सबसे छोटे और सबसे हास्यास्पद हास्य-नाटकों में से एक है। जिसमें अनेकार्थी शब्दों और शब्दों के खेल के अतिरिक्त इसके हास्य का एक प्रमुख हिस्सा तमाशे और गलत पहचान से निकलकर आता है। इस मशहूर नाटक पर कई फिल्में भी बन चुकी हैं। जिसमें हिन्दी फीचर फिल्म अंगूर का नाम प्रमुख है।
सियासत तेज
कांग्रेस की ओर से भी इस छापेमारी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विपक्ष से बदला लेने के लिए सरकार सीबीआई और ईडी का कठपुतलियों की तरह इस्तेमाल कर रही है।
इस मामले में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव का कंधा भी कांग्रेस को नसीब हुआ है। अखिलेश ने भी मौके को नहीं जाने दिया और इस छापे का जज संकट से कनेक्शन जोड़ दिया। उन्होंने इसे जज संकट से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता से जुड़े मुद्दों से भटकाने के तरीके जानती है। अखिलेश ने सवाल किया कि कल सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने अहम मुद्दे उठाए हैं और आज किसी के घर पर छापे की कार्रवाई क्यों होती है।