गुजरात चुनावों को लेकर चिदम्बरम ने EC पर कसा तंज तो भाजपा ने भी किया पलटवार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: गुजरात में चुनाव तारीखों की घोषणा में देरी इन दिनों सुर्खियों में है। सभी अपेक्षा कर रहे थे कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों की तारीखों के साथ गुजरात के लिए भी ऐलान हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं और राजनीतिक पार्टियों को मुद्दा उछालने का मौका मिल गया। कांग्रेस पहले दिन से ही EC की नीयत को लेकर सवाल खड़ रही है। अब इस फेहरिस्त में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का नाम शामिल हो गया है। उन्होंने मोदी सरकार और चुनाव आयोग पर तंज कसा है।
PC के तंज
पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया- चुनाव आयोग छुट्टी पर है और जब गुजरात सरकार हर तरह की छूट का ऐलान कर लेगी तब जाकर वह चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा। चिदंबरम यहीं नहीं रुके और लिखा कि चुनाव आयोग ने पीएम मोदी को ऑथोराइज किया है कि वे अपने आखिरी रैली में चुनाव की तारीख का ऐलान कर दें और चुनाव आयोग को इसकी जानकारी दे दें।
EC has authorised PM to announce date of Gujarat elections at his last rally (and kindly keep EC informed).
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 20, 2017
EC will be recalled from its extended holiday after Gujarat Govt has announced all concessions and freebies.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 20, 2017
रुपाणी का जवाब
जैसी रिवायत है चिदंबरम के वार पर पलटवार भी अपेक्षित था। ट्वीट पर प्रतिक्रिया गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की ओर से आई है। उन्होंने इसे उनका भय करार दिया है। कहा है- ऐसा लगता है कि पी. चिंदबरम और कांग्रेस पार्टी गुजरात चुनाव से डर रहे हैं।
सवालों की वजह
पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए तारीख का ऐलान किया था। हिमाचल में एक ही चरण में 9 नवंबर को मतदान होगा लेकिन मतगणना 18 दिसंबर को होगी ये तय कर लिया गया है। मतदान और मतगणना के बीच 40 दिनों के अंतर को लेकर भी कांग्रेस ने सवाल खड़े किए थे। माना जा रहा है कि गुजरात में मतदान 18 दिसंबर से पहले ही होगा और दोनों राज्यों में एक ही साथ मतगणना होगी। कांग्रेस का आरोप है कि गुजरात में चुनावी वादों और घोषणाओं के लिए सरकार को मौका देने के लिए तारीखों का ऐलान नहीं किया जा रहा है।
EC का तर्क
मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति से जब पूछा गया कि परंपरा को तोड़ते हुए वे गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव कार्यक्रम एक साथ घोषित क्यों नहीं कर रहे तो उन्होंने मौसम का हवाला दिया। उनका जवाब था कि दोनों प्रदेशों में मतगणना एक ही दिन यानी 18 दिसंबर को होगी। आयोग का ये भी कहना है कि हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी से पहले मतदान कराने के लिए 9 नवंबर का दिन तय किया गया है।
अपने वक्त पर मोदी ने भी उठाए थे सवाल
गौरतलब है कि चुनावी तारीखों की घोषणा पहले से ही विवादों के घेरे में रही है। 2012 में अप्रैल के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ था और हिमाचल और गुजरात का चुनाव कार्यक्रम एक साथ घोषित हुआ था। तब हिमाचल में चार नवंबर को वोटिंग हुई थी लेकिन मतगणना 20 दिसंबर को हुई थी। गुजरात में तब दो चरणों में वोटिंग हुई थी और 13 व 17 दिसंबर को वोट डाले गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने इस बात पर नाखुशी जाहिर की थी कि लंबे चुनावी शेड्यूल की वजह से विकास कार्यों पर असर पड़ता है क्योंकि चुनावी अधिसूचना जारी रहती है।