कोलगेट : प्रधानमंत्री को सु्प्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री का नाम 14वीं एफआईआर में शामिल करने की अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है और एफआईआर का हिस्सा बनाने का फैसला सीबीआई ही लेगी।
मालूम हो कि इसी एफआईआर में सीबीआई ने दिग्गज कॉरपोरेट कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख का नाम लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला में प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच से भी इनकार कर दिया है।
एक समाचार एजेंसी के अनुसार अदालत ने कहा, 'जांच अभी भी चल रही है और सीबीआई अधिकारी छानबीन कर रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को स्वीकारा जिसमें सीबीआई ने जांच टीम में एक और अफसर को शामिल करने की बात की थी। कोल ब्लॉक आवंटन में कथित घोटाले की जांच कर रही सीबीआई की टीम में 39 सदस्य शामिल हैं।
पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि जांचकर्ताओं की टीम में कोई बदलाव नहीं किया जाए, इसलिए सीबीआई को ये अपील दाखिल करनी पड़ी थी। गौरतलब है कि कोल ब्लॉक आवंटन मामले में सीबीआई ने हिंदुस्तान के प्रमुख उद्योगपति कुमार मंगलम बिरला और उनकी दो कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने तत्कालीन कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ भी नया मामला दर्ज किया है।
भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोयला घोटाला एक लाख 86 हजार करोड़ रुपए का अनुमानित घोटाला है। इन कंपिनयों को कोयला की खदानें बिना कोई बोली लगाए दी गई थीं। विश्लेषकों का कहना था कि अगर इन कोयला खदानों की नीलामी की गई होती तो सरकार को इतना घाटा नहीं उठाना पड़ा होता। कैग की रिपोर्ट के मुताबिक एसार पावर, हिंडाल्को, टाटा स्टील, टाटा पावर, जिंदल स्टील एंड पावर सहित 25 कंपनियों को विभिन्न राज्यों में कोयले की खानें दी गईं।