कोलगेट : सीबीआई जांच को पीएम तैयार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वह कानून से ऊपर नहीं हैं और हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन की जांच के मामले में वह सीबीआई या किसी अन्य जांच एजेंसी का सामना करने को तैयार हैं क्योंकि उनके पास छिपाने को कुछ भी नहीं है। सिंह ने 10 दिन पहले शुरू हुए विवाद के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी। मालूम हो कि सीबीआई द्वारा कोल ब्लॉक आवंटन मामले में उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विपक्ष के निशाने पर थे।
गुरुवार को चीन से स्वदेश वापस लौटने के दौरान विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत में मनमोहन ने कहा, 'मैं देश के कानून से ऊपर नहीं हूं। अगर कुछ है जिसके बारे में सीबीआई या उस मामले में कोई भी मुझसे पूछना चाहता है तो मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। मैं इसके लिए तैयार हूं।'
दरअसल पत्रकारों ने उनसे पीएमओ द्वारा पिछले सप्ताह दिए गए स्पष्टीकरण के बारे में सवाल पूछा था जिसमें कहा गया था कि ओडिशा में बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक के आवंटन का फैसला सही था और उसमें कुछ भी गलत नहीं था। विपक्ष ने सिंह पर यह कहते हुए हमला किया था कि प्रधानमंत्री उस वक्त कोयला मंत्रालय के प्रभारी थे और उन्हें खुद को पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश करना चाहिए।
प्रसिद्ध उद्योगपतियों और व्यापार संगठनों ने सीबीआई की कार्रवाई पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि प्रतिष्ठित लोगों, उद्योगपतियों और ईमानदार नौकरशाहों से निपटते वक्त सावधानी बरती जानी चाहिए। शुरूआत में सिंह इस सवाल का जवाब देने से बचते दिखे कि क्या सीबीआई को इतनी स्वायत्तता दी जानी चाहिए कि एजेंसी के किसी इंस्पेक्टर को प्रधानमंत्री से पूछताछ की अनुमति दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि यह मामला अदालतों के समक्ष है और मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।' उनसे विभिन्न घोटालों की जांच की सुप्रीम कोर्ट द्वारा निगरानी किए जाने से निर्णय की प्रक्रिया प्रभावित होने और नीतिगत रूप से निष्क्रिय होने की सरकार की छवि के बारे में टिप्पणी करने को कहा गया था। उन्होंने कहा, 'उच्चतम न्यायालय में क्या हो रहा है मैं उसमें नहीं जाना चाहूंगा। यह देश की सर्वोच्च अदालत है और मैं अदालत के बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं।'
यह पूछे जाने पर कि क्या सीबीआई के मामलों और घोटालों से प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी विरासत को प्रभावित कर रहे हैं, उन्होंने कहा, 'इसका फैसला इतिहास को करना है। मैं अपना काम कर रहा हूं और अपना काम करता रहूंगा। मेरे 10 साल तक प्रधानमंत्री रहने का क्या असर हुआ इसका फैसला इतिहासकार करेंगे।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा का नरेंद्र मोदी नीत अभियान जल्दी ही फीका पड़ जाएगा और देश एक बार फिर उन नतीजों से ‘चकित रह जाएगा’ जिसके बाद कांग्रेस फिर से सत्ता में आएगी। उन्होंने इस बात को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने अभी सक्रिय अभियान नहीं छेड़ा है। उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि संप्रग-2 के कार्यकाल में कई घोटालों के कारण गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सक्रिय है। मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं कि कांग्रेस पार्टी पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं है। भाजपा ने भले ही जल्दी शुरूआत की हो लेकिन यह जल्दी ही फीकी पड़ जाएगी। मैं आश्वस्त हूं कि कांग्रेस पार्टी 2014 के चुनावों में विजयी होगी।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी ‘एहतियाती’ कदम उठाएगी कि राहुल गांधी को कोई खतरा पैदा नहीं हो लेकिन ‘देश में घृणा की राजनीति’ पर उन्होंने चिंता जताई। मनमोहन ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे और सभी समझदार लोगों को देश में घृणा की राजनीति से चिंतित होना चाहिए। जहां तक राहुल गांधी को खतरे की बात है तो सरकार हरसंभव एहतियाती कदम उठाएगी ताकि उन पर आने वाला खतरा अंजाम तक नहीं पहुंचे।’ राजस्थान की एक रैली में राहुल ने भाजपा पर सांप्रदायिक उन्माद फैलाने और ‘घृणा की राजनीति’ में संलिप्त रहने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें भी उनकी दादी और पिता की तरह मार दिया जाएगा।