मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में हिस्सा लेने से 5वीं बार किया इनकार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस साल पांचवी बार लोकपाल के चयन के लिए समिति की मंगलवार की बैठक में हिस्सा लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह तब तक बैठक में शामिल नहीं होंगे, जब तक उन्हें 'विशेष आमंत्रित सदस्य' के बजाए पूर्ण सदस्य का दर्जा नहीं दिया जाता।
खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2 सितंबर को लिखे अपने पांचवें पत्र में कहा, सरकार लगातार मुझे चयन समिति के लिए बतौर 'विशेष आमंत्रित सदस्य' बुला रही है, जबकि वह इस तथ्य से अवगत है कि लोकपाल अधिनियम, 2013 की धारा-4 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। खड़गे इससे पहले इस वर्ष 28 फरवरी, 10 अप्रैल, 18 जुलाई और 18 अगस्त को भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं।
खड़गे ने 2 सितंबर को लिखे अपने पत्र में कहा, प्रक्रिया में भागीदारी, राय दर्ज कराने और मतदान के अधिकार के बगैर 'विशेष आमंत्रित सदस्य' के तौर पर उपस्थित होने के इस निमंत्रण को स्वीकारना लोकपाल अधिनियम का अक्षरश: उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा, इस कारण मुझे चयन समिति की बैठक में उपस्थित होने के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक खारिज करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मैं इस बैठक में तब तक हिस्सा नहीं लूंगा, जब तक लोकपाल अधिनियम 2013 में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को पूर्ण सदस्य का दर्जा नहीं दिया जाता है।
खड़गे ने कहा कि वह जानते हैं कि सरकार इस मौके का इस्तेमाल एक झूठ फैलाने के लिए कर रही है कि विपक्ष लोकपाल अधिनियम लागू करने में सहयोग नहीं कर रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि सरकार ने खुद यह स्थिति बना रखी है कि वह चयन समिति के सदस्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, सच्चाई यह है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्य करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अदालत ने लोकपाल अधिनियम को लागू करने में सरकार की गंभीरता और ईमानदारी की कमी का संकेत दिया था।