'राहुल गांधी का व्यवहार 'जोकर' की तरह है'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
कोच्चि/नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेसियों का राहुल गांधी पर हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है। केरल में कांग्रेस के एक सीनियर नेता ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को 'जोकर' करार दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी यदि पार्टी में पदों से इस्तीफा खुद नहीं देते हैं तो उन्हें हटा देना चाहिए। पूर्व मंत्री टी.एच. मुस्तफा ने कहा कि अब राहुल की जगह उनकी बहन प्रियंका को कांग्रेस की कमान सौंपनी चाहिए।
मुस्तफा ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी को पार्टी में सभी पदों को छोड़ देना चाहिए और यदि वह खुद से ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें बेदखल कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का व्यवहार जोकर की तरह है। इसी वजह से कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा। मुस्तफा ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद कोई बच्चों का खेल नहीं होता और इसलिए कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा।
मुस्तफा ने कहा कि राहुल गांधी को खुद से जिम्मेदारी लेकर इस्तीफा देना चाहिए। ऐसी हालत में भी राहुल पार्टी में सभी पदों पर बने रहना चाहते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए। मुस्तफा ने प्रियंका गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपने की जमकर वकालत की। मुस्तफा के मुताबिक राहुल गांधी कंप्यूटर, इंटरनेट और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के कुछ खास सदस्यों के ग्रुप में उलझे रहे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस ग्रुप का हिस्सा ए.के. एंटनी भी थे। मुस्तफा के. करुणाकरण सरकार (1991-95) में मंत्री रहे। वह पांच बार से विधायक हैं। मुस्तफा की पहचान अपनी पार्टी के टॉप नेताओं पर तीखे हमले करने वाली भी है।
इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में दक्षिण मुंबई सीट गंवा चुके मिलिंद देवड़ा ने राहुल के करीबियों पर हमला बोला था। देवड़ा ने कहा था कि राहुल के सलाहकार गलत हैं। ये सलाहकार न तो जमीनी हकीकत समझते हैं और न ही उन्हें चुनावों का अनुभव है फिर भी वो फैसले ले रहे हैं। ऐसे गैर अनुभवी लोग बड़े पदों पर बैठे हुए हैं जो पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं और सांसदों की आवाज बिल्कुल नहीं सुनते। ऐसे लोग विरोधी आवाज को दबाने में लगे रहते हैं।
मिलिंद के बाद पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी राहुल के सलाहकारों पर सवाल उठाया। सत्यव्रत ने कहा कि जो लोग राजनीतिक अनुभव नहीं रखते अगर वो निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगें तो निर्णय सही नहीं होते। निश्चित रूप से कुछ लोगों को जो सलाहकार की भूमिका निभा रहे थे, उन्हें अनुभव नहीं था, इसलिए कांग्रेस की बुरी हार हुई। सत्यव्रत ने कहा कि संगठन में जवाबदेही जरूरी है। बहुत से लोग बिना जवाबदेही के पार्टी को नुकसान के बाद नुकसान पहुंचाते रहे और पार्टी के पद पर बैठे रहे। ऐसे लोगों से मुक्ति पानी होगी।