पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ सड़क पर उतरी कांग्रेस, 20 विपक्षी दलों का मिला साथ
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : हाल में एससी/एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर सवर्ण संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद के आह्वान के बाद सोमवार को बढ़ती महंगाई और लगातार कमजोर होते रुपये को लकेर कांग्रेस पार्टी की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया। भाजपा ने कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमत एक तात्कालिक दिक्कत है। पार्टी के नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, भारत बंद असफल रहा। हम देश में लोगों के बीच डर का माहौल पैदा करने के लिए हिंसा के प्रयोग की निंदा करते हैं।
विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा करीब 20 विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हुए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दूसरे दलों के नेताओं ने राजघाट से रामलीला मैदान तक मार्च किया। विपक्षी दलों में समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रमुक, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), जद(एस), आम आदमी पार्टी (आप), तेलुगू देसम पार्टी (तेदेपा), राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), नेशनल कांफ्रेंस, झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (झाविमो-प्र), एआईयूडीएफ, केरल कांग्रेस (एम), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), आईयूएमएल और लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शामिल हुए।
पूरा विपक्ष मिलकर भाजपा को हराएगा : राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों और राफेल मामले को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि 2019 में विपक्षी दल मिलकर भाजपा को हराएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने पिछले साढ़े चार वर्षों में भारत के लोगों को आपस में लड़ाने का काम किया है। रामलीला मैदान के निकट आयोजित विरोध प्रदर्शन में गांधी ने कहा, 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. जनता ने भरोसा कर उनकी सरकार बनवायी। अब लोगों को एहसास हो गया कि उन्होंने साढ़े चार साल में क्या किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मोदी जी सही कहते हैं कि जो उन्होंने साढ़े चार साल में किया जो 70 साल में नहीं हुआ। अब लोगों को पता चल गया है कि उन्होंने साढ़े चार साल में हिंदुस्तानियों को आपस में लड़वाया। एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़वाया। जातियों को लड़वाया। राहुल ने दावा किया, महिलाओं पर अत्याचार होते रहे पर प्रधानमंत्री ख़ामोश रहे। पूरे देश में मोदी जी पेट्रोल डीज़ल और गैस पर विपक्ष में रहते हुए खूब बोलते थे, लेकिन अब एक शब्द नहीं बोलते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल विमान सौदे के सवाल पर प्रधानमंत्री ख़ामोश हैं। एक मित्र उद्योगपति को 45 हज़ार करोड़ दे दिए। ये देश की आम जनता का पैसा है। नोटबंदी के नाम पर अपने मित्रों का काला धन सफेद करवाया फिर गब्बर सिंह टैक्स लगा दिया। मंझोले और छोटे उद्योगों को बर्बाद कर दिया।
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों व डॉलर की तुलना में रुपये के लुढ़कने के विरोध में कांग्रेस और वाम दलों द्वारा आहूत भारत बंद का देश में मिला-जुला असर देखने को मिला। भाजपा ने हालांकि बंद को विफल बताया है। ओडिशा, कर्नाटक, बिहार, केरल, असम, मणिपुर और त्रिपुरा में बंद का व्यापक असर देखा गया और इन राज्यों में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ। गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, कश्मीर, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। ममता बनर्जी शासित पश्चिम बंगाल में हालांकि बंद कुल मिलाकर निष्प्रभावी रहा। बंद की वजह से देश में कई जगहों पर रेल व सड़क यातायात में व्यवधान उत्पन्न किया गया। बिहार के जहानाबाद में दो वर्ष की बीमार बच्ची की अस्पताल ले जाते वक्त सड़क बाधित होने की वजह से मौत हो गई।
कुछ भागों में बंद समर्थकों की कथित हिंसा के बाद पुलिस के साथ झड़प हुई। इसके बाद भाजपा ने इस बंद को पूरी तरह असफल बताते हुए कांग्रेस पर बंद के दौरान हिसा करके भय का माहौल पैदा करने का आरोप लगाया। बंद के दौरान ओडिशा में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ और सड़क व ट्रेन सेवा पर असर पड़ा। यहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क व ट्रेन के परिचालन को ठप कर दिया। सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तार किए गए। रेलवे ने 12 ट्रेनों को रद्द कर दिया, जबकि इस दौरान स्कूल व कॉलेज बंद रहे।
मोदी सरकार को बदलने का वक्त जल्द आएगा : मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, इस सरकार ने कई ऐसे काम किए हैं जो राष्ट्रहित में नहीं थे, इस सरकार को बदलने का वक़्त जल्द ही आएगा। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सभी विपक्षी दलों का देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। रामलीला मैदान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में सिंह ने कहा, इतनी बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के नेताओं का शामिल होना बहुत महत्वपूर्ण क़दम है। मोदी सरकार ऐसा बहुत कुछ कर चुकी है जो हद को पार कर चुका है। इस सरकार को बदलने का समय आने वाला है। आज किसान, नौजवान सहित हर तबका परेशान है। सिंह ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। उन्होंने कहा, अब इस बात की जरूरत है कि सभी राजनीतिक दल अपने पुराने सिलसिलों को पीछे छोड़कर एकजुट हों। भारत की जनता की पुकार सुनें। यह तभी संभव है जब हम छोटे-छोटे मुद्दों को छोड़कर आगे बढ़ेंगे। देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए हमें मिलकर काम करना होगा। इसके लिए हमें तैयार होना चाहिए।
बिहार में बंद के दौरान सामान्य जनजीवन पर काफी असर पड़ा। यहां बंद का समर्थन राष्ट्रीय जनता दल, वाम दल, हिंदुस्तानी आवामी पार्टी व पप्पू यादव के नेतृत्व वाली जन अधिकार पार्टी ने किया। प्रदर्शनकारियों की कई जगहों पर पुलिस के साथ झड़प हुई। पटना में दर्जनों वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। कर्नाटक में भी बंद से सामान्य जनजीवन पर असर पड़ा, यहां सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा। स्कूल-कालेज बंद रहे। इंफोसिस और विप्रो जैसी सॉफ्टवेयर कंपनियों में रोजाना की तरह काम हुआ। भाजपा शासित त्रिपुरा में भी अधिकतर दुकानें, बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और निजी व यात्री वाहनों को सड़क पर नहीं देखा गया। सरकारी दफ्तरों और बैंकों में भी कम उपस्थिति देखी गई। भारतीय जनता पार्टी ने हालांकि कहा कि बंद का त्रिपुरा में कोई असर नहीं पड़ा। झारखंड में बंद का असर देखा गया। कई स्थानों पर दुकानें बंद रहीं। लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं।
उत्तर प्रदेश में कुछ जगहों से प्रदर्शन की खबरें मिलीं। राज्य में बंद आंशिक रूप से सफल रहा। बाढ़ प्रभावित केरल में सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे जबकि निजी वाहन कई जगहों पर चलते दिखे। यहां बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। तेलंगाना व आंध्र प्रदेश में बस सेवा प्रभावित हुई और कई निजी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। यहां बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थान बंद रहे और सड़कों पर कम वाहनों को देखा गया। महाराष्ट्र में शहरों में बंद का आंशिक असर रहा, लेकिन उप-नगरीय इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में बंद को काफी अच्छा समर्थन प्राप्त हुआ। मुंबई व अन्य शहरों में उपनगरीय ट्रेनों, बसों के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा। स्कूल व कॉलेज भी खुले रहे। लेकिन कई जगहों पर बाजार बंद रहे। पश्चिम बंगाल में बंद का कोई असर नहीं हुआ। यहां कोलकाता में अधिकतर शैक्षणिक संस्थान खुले रहे, वहीं व्यापारिक गतिविधि भी सामान्य रहीं। तृणमूल कांग्रेस ने बंद के मुद्दे का तो समर्थन किया था, लेकिन अपनी बंद विरोधी नीति की वजह से बंद का विरोध किया।
भारत बंद विपक्षी हताशा की निशानी : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की ओर से बुलाये गए भारत बंद को विपक्ष की हताशा का नतीजा क़रार देते हुए कहा कि उससे इससे ज़्यादा की उम्मीद भी नहीं की जा सकती। योगी ने लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में भारत बंद के सवाल पर कहा कि यह विपक्ष की नकारात्मक सोच है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं, जिनका लाभ समाज के हर तबके को मिल रहा है, ऐसे में हताश-निराश विपक्ष, जिसमें कोई नेतृत्व नहीं है, कोई नीति नहीं, आगामी कार्यों के लिए कोई रणनीति नहीं। उस विपक्ष से इससे ज़्यादा की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, भगवान उन्हें (विपक्ष को) सद्बुद्धि दे कि वे सही मायने में विकास के मुद्दे पर सरकार का सहयोग करें। विपक्ष अगर नकारात्मक के बजाय सकारात्मक भूमिका में रहेगा तो उसकी प्रासंगिकता भी बनी रहेगी, वरना नकारात्मकता उन्हें विपक्ष में बैठने लायक भी नहीं छोड़ेगी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष ने पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमतों के विरोध में आहूत भारत बंद के समर्थन में राजघाट से रामलीला मैदान तक पैदल मार्च निकाला। मार्च में जनता दल सेकुलर (जेडी-एस), तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, (एनसीपी), लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी), राष्ट्रीय लोक दल, ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और आम आदमी पार्टी (आप) ने हिस्सा लिया। राजघाट पर राहुल ने महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की। उन्होंने ईंधन की बढ़ती कीमतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाया। दिल्ली में सत्तारूढ़ आप ने बंद में शामिल होने से इनकार कर दिया था लेकिन उसने भी मार्च में अपने नेता संजय सिंह को भेजा।