महिला आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी को लिखा खत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: मॉनसून सत्र को लेकर सभी दल कमर कस चुके हैं। एक बार फिर कांग्रेस ने महिला आरक्षण को लेकर सरकार से सवाल किया है। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने संसद के मॉनसून सत्र में महिला आरक्षण बिल लाने की मांग की है। राहुल ने अपने पत्र में कहा है कि कांग्रेस संसद में इस बिल का समर्थन करेगी। राहुल के इस पत्र को भाजपा के तीन तलाक विधेयक के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल, भाजपा भी तीन तलाक पर इस सत्र में विधेयक लाना चाह रही है और इसके लिए वह विपक्षी दलों से सहयोग की मांग कर चुकी है। संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा।
राहुल ने कहा है कि संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। इस बाबत यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी पिछले साल केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक पिछले काफी समय से लटका है। 1996 में तत्कालीन पीएम एच. डी. देवगौड़ा के कार्यकाल में इस बिल को संसद में पेश किया गया था। 2010 में राज्यसभा में पास होने के बाद यह बिल लोकसभा में पास नहीं हो सका। वर्ष 1993 में संविधान में 73वें और 74वें संशोधन के जरिए पंचायत और नगर निकाय में एक तिहाई सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था।
महिला आरक्षण को मंजूरी देने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा। अलग-अलग दल महिला आरक्षण में अलग-अलग समुदाय की महिलाओं की आरक्षण की मांग कर रहे हैं। पिछले साल नवरात्रि की पूर्व संध्या पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला सशक्तीकरण की बात करते हुए प्रधानमंत्री से लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को जल्द से जल्द पास कराने की अपील की थी।
सोनिया ने लिखा था, ‘लोकसभा में भाजपा को मिले बहुमत को देखते हुए उन्हें जल्द से जल्द महिला आरक्षण बिल पास कराने की कोशिश करनी चाहिए। यह बिल मार्च 2010 में राज्यसभा में पास हो चुका है और अब लोकसभा की मंजूरी पाने की बाट जोह रहा है। इसलिए आप इसे लोकसभा में लेकर आइए। साथ ही उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से सरकार को इस बिल पर पूरा समर्थन दिए जाने का आश्वासन भी दिया।’ सोनिया गांधी ने याद दिलाया था कि कांग्रेस और उनके दिवंगत नेता राजीव गांधी ने संविधान संशोधन बिलों के जरिए पंचायतों व स्थानीय निकायों में महिलाओं के आरक्षण के लिए पहली बार प्रावधान किया व महिलाओं को सशक्त बनाने की ओर कदम उठाया था।
उधर, सरकार विपक्ष से तीन तलाक समेत कई अटके बिलों को पास कराने के लिए सहयोग की उम्मीद कर रही है। सरकार ने विपक्षी दलों से तीन तलाक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा, बलात्कार के दोषियों को सख्त दंड के प्रावधान वाले विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सहयोग मांगा है।