सहारनपुर के हाल पर कांग्रेस ने पूछा; UP में ‘योगी राज या गुंडा राज’
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : सहारनपुर में जातीय संघर्ष के बाद बद से बदतर होते हालात के बीच कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार को घेरते हुए आज आरोप लगाया कि राज्य में गुंडा राज चल रहा है और वहां कानून व्यवस्था चरमरा गई है। सहारनपुर के ताजा हालात पर कांग्रेस ने पहले एक चिड़ियां उड़ाई जिसमें लिखा- योगी राज या गुंडा राज। उसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता के राजू और भक्त चरण दास ने एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बात को मजबूती से रखा।
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर एक फोटो चस्पा किया है जिसमें हिन्दी में मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा है- योगी राज या गुंडा राज। इसके बाद तीन अलग-अलग तारीखों का विंडो बनाकर घटनाक्रम का जिक्र किया गया है जिसमें सहारनपुर में मंगलवार को ताजा हिंसा में एक दलित लड़के की मौत के बाद बेकाबू होते हालात के साथ 5 मई और 20 अप्रैल की घटनाओं का भी जिक्र है। 5 मई के विंडो में कांग्रेस ने लिखा है कि सहारनपुर में ठाकुर बिरादरी के एक शख्स की हत्या के बाद 25 दलित परिवारों के घरों को जलाकर राख कर दिया गया। इसी तरह से 20 अप्रैल के विंडो में लिखा गया है- सहारनपुर के गांव डौडली गांव में भाजपा कार्यकर्ताओं का मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ संघर्ष हुआ।
'सहारनपुर की घटना दलितों के अधिकारों का हनन'
इससे इतर के. राजू और भक्त चरणदास ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि सहारनपुर में शब्बीरपुर एक गांव है, जहां पर दलित सम्पन्न और सक्षम हैं। उस गांव का इतिहास कहता है कि लगातार वहां का प्रधान दलित चुना गया है। तो आज ये झगड़ा क्यों है? भक्त चरण दास ने कहा कि भाजपा बहुमत में है, केन्द्र में है, प्रदेश में है। चुनाव से पहले भाजपा का वादा था –'सबका साथ सबका विकास'। तो क्यों आज बराबरी नहीं है, क्यों आज असमानता है? क्यों आज 'औरों का विकास और गरीबों का विनाश' एजेण्डा लेकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सरकार चल रही है। ये बहुत बड़ा प्रश्न है, जैसे ही योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री बने, कई संगठनों का व्यवहार संविधान से भी ऊपर हो गया है। जैसे रोमियो स्क्वॉयड, गौ-रक्षक सेना और हिंदु युवा वाहिनी का संबंध इस घटना के साथ है, वो लोग इसके साथ जुड़े हैं।
दास ने कहा, जाति के आधार पर लोगों को संगठित करके जिस तरह से 3000 लोगों का प्रदर्शन में जाना, दलितों के ऊपर अत्याचार करना, उनके घरों को जलाना, ये संगठित रुप से किया गया है। ये दलितों के अधिकारों और हकों के हनन का मामला है। लोकतंत्र में ऐसा हो रहा है। सरकार बनने से पहले ये कहते थे कि सबको समानता से देखेंगे और उसके बाद उसके बिल्कुल विपरीत काम हो रहा है। आज की घटना से 5 घटनाएं हो गई सहारनपुर में। ये बहुत हृदयविदारक है। सत्ता ठीक होती तो क्या ऐसे होता? आज नई सरकार बनी है, मीडिया को, देशवासियों को बहुत उम्मीद थी। क्या संत रहकर एक व्यक्ति को इस तरह से गरीबों के विरुद्ध काम करना चाहिए, क्या इस तरह का व्यवहार दलितों के साथ होना चाहिए? दलितों के सम्मान के विरुद्ध ऐसा हो रहा है, क्या भाजपा जो सत्तारुढ़ पार्टी है उन्हें ऐसे पक्षपाती होना चाहिए? इसका आत्मचिंतन सरकार और राज्य सरकार को करना चाहिए।
जो मांग कांग्रेस पार्टी ने की है उस पर विचार करते हुए एक स्वतंत्र जांच बिठाकर जो लोग दोषी हैं उनको तुरंत दंडित करना चाहिए। किसी को माफ नहीं करना चाहिए और जो लोग प्रभावित हैं, उन्हें मुआवजा देना चाहिए, जो लोग असुरक्षित अनुभव कर रहे हैं उनकी सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। जितना जल्द हो सके सरकार और राज्य सरकार को सहारनपुर की समस्या का समाधान करना चाहिए। जितना जल्दी हो सके कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि न्याय हो और इस समस्या का समाधान हो।