रेप पर विवादित बयान दे फंसे गंगवार, सफाई में बोले- सनसनी ना बनाएं
सत्ता विमर्श ब्यूरो
बरेली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां मंत्रियों को बात का बतंगड़ बनाने से परहेज करने की सलाह दे रहें हैं वहीं उनके ही एक वरिष्ठ मंत्री रेप को बात का बतंगड़ बनाये जाने पर अपनी राय रख रहें हैं। दरअसल, मोदी सरकार में राज्य मंत्री तथा बरेली के सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि रेप की घटनाओं को जबरन बढ़ा चढ़ा कर प्रस्तुत किया जा रहा है। विपक्ष और लोगों के निशाने पर आने के बाद मंत्री जी ने बयान पर सफाई भी दी और कहा, 'मैं मीडिया ने निवेदन करता हूं कि ऐसे मामलों में सहयोग करें और सनसनी ना फैलाएं।'
बता दें कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने रविवार को कहा था, 'ऐसी घटनाएं (रेप के मामले) दुर्भाग्यपूर्ण होती हैं पर कभी-कभी रोका नहीं जा सकता है। सरकार सक्रिय है सब जगह, कार्रवाई कर रही है। इतने बड़े देश में 1-2 घटना हो जाए तो बात का बतंगड़ नहीं बनाना चाहिए।'
सफाई में ये बोले गंगवार
इस बयान की जब हर तरफ आलोचना होने लगी तो वह सफाई देने उतर आए। उन्होंने बताया, 'मैंने कहा था सभी प्रमुख घटनाओं पर ऐक्शन लेना चाहिए। केंद्र ने कल (शनिवार) को त्वरित कार्रवाई की है (पॉक्सो ऐक्ट में संशोधन)। मैं मीडिया से निवेदन करता हूं कि इन मामलों में सहयोग करें और सनसनी ना फैलाएं।'
PM की सलाह- संयम बरतें सांसद
इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन रविवार को ही प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं और खासकर सांसद, विधायकों को सख्त संदेश दिया है। नमो एप्प के जरिए मोदी ने कहा है कि उनके मंत्री और कार्यकर्ता संयम बरतें और मीडिया को मसाला देने से बचें।
केन्द्र कैबिनेट का अहम फैसला
केंद्र सरकार की ओर से पॉक्सो ऐक्ट में संशोधन को लेकर लाए गए अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। नए अध्यादेश के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र के मासूमों के साथ रेप करने के दोषियों को मौत की सजा दी जाएगी। यहीं नहीं, 16 साल से कम उम्र की लड़की से रेप करने वाले की न्यूनतम सजा को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल किया गया है। दोषी को उम्रकैद भी दी जा सकती है। इतना ही नहीं, अध्यादेश में यह भी प्रावधान किया गया है कि 12 साल से कम उम्र की लड़की से रेप के दोषी को न्यूनतम 20 साल की जेल या उम्रकैद या मौत की सजा दी जाएगी।