CWC : भाजपा को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन के लिए राहुल अधिकृत
प्रवीण कुमार
अहमदाबाद : ऐतिहासिक दांडी मार्च की वर्षगांठ पर पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात में मंगलवार को कार्यसमिति की बैठक आयोजित कर कांग्रेस ने अपने लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज किया। साबरमती आश्रम में सरदार पटेल के स्मारक स्थल के करीब साबरमती आश्रम में आयोजित कार्यसमिति की इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं। बैठक में महात्मा गांधी और उनके अहिंसा एवं सहिष्णुता के आदर्शों को याद करते हुए रोजगार, किसानों की समस्या और अर्थव्यवस्था पर राजनीतिक प्रस्ताव भी पास किया गया।
कार्यसमिति में बड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सर्वसम्मति से भाजपा को हराने के लिए प्रमुख राज्यों में समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठबंधन पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया। इसके बाद बैठक में देश के विभिन्न मुद्दों और मोदी सरकार की नीतियों पर एक राजनीतिक प्रस्ताव पास किया गया। प्रस्ताव में दांडी मार्च की 89वीं वर्षगांठ पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए देश की स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल सभी राष्ट्र नायकों को श्रद्धांजलि दी गई।
58 साल बाद गुजरात में CWC की बैठक
लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी आगामी चुनावी रणनीति को आकार देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गढ़ गुजरात को चुना है। आम चुनाव से ठीक पहले गुजरात में आयोजित सीडब्ल्यूसी काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि इसमें जहां एक ओर पार्टी ने चुनावों के मद्देनजर अपनी रणनीति पर विचार किया, वहीं कांग्रेस मोदी और शाह के घर में आगामी चुनाव की दिशा को लेकर आगामी दिनों में स्पष्ट संकेत देने की कोशिश करेगी। गुजरात में 58 सालों के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक की गई। कांग्रेस पार्टी के इतिहास में शायद यह पहला मौका रहा जब गांधी-नेहरू परिवार के तीन सदस्य सीडब्ल्यूसी में शामिल हुए। इसमें यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हुईं हैं। पूर्वी उत्तर प्रदेश की नव निर्वाचित प्रभारी महासचिव के तौर पर काम संभालने वाली प्रियंका की यह पहली सीडब्ल्यूसी है। इससे पहले गुजरात के भावनगर में 1961 में कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक हुई थी।
पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि कांग्रेस देश के सैनिकों और सशस्त्र बलों के साथ एकजुट है और राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में कांग्रेस हमेशा सरकार के साथ खड़ी है। प्रस्ताव में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे का घिनौने तरीके से शोषण करने की कड़ी निंदा की गई।
मोदी सरकार के पांच साल के कार्यकाल को झूठे वादों और जनता के विश्वास और भरोसे के साथ धोखे का दौर करार देते हुए प्रस्ताव में जीएसटी और नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा गया कि सरकार के फैसलों की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हुए और अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई। प्रस्ताव में कहा गया कि अगर कांग्रेस पार्टी सत्ता में आई तो देश के युवाओं और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम करेगी।
इससे पहले कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा इस समय मुद्दे को भटकाने का काम कर रही है, लेकिन हमें उनके जाल में नहीं फंसना है। कांग्रेस लगातार रोजगार, किसान और अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठाती रहेगी। वहीं, कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पहली बार शामिल हुईं महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि इस बार सरकार कांग्रेस की ही बनेगी।
इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला किया। उन्होंने कहा कि पीएम खुद को पीड़ित बताने का दांव खेल रहे हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि लोग प्रताड़ित हैं। पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक फायदों के लिए इस सरकार में आतंकी हमलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय हित के साथ समझौता कर राजनीति की जा रही है पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि इस समय लोगों को यूपीए सरकार की उपलब्धियां बताने की जरूरत है। मौजूदा सरकार झूठा प्रचार कर रही है। इस सरकार की नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था बुरी तरह गिर गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कार्यसमिति की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कार्यकारिणी में देश के राजनैतिक संवाद में कड़वाहट और गिरावट पर चर्चा की गई। देश में राजनैतिक कड़वाहट का कारण पीएम मोदी और भाजपा हैं। यह भारत के लिए दुर्भाग्य की बात है।व बैठक में राष्ट्रीय एकता पर भी चर्चा की गई। बैठक में पीएम मोदी द्वारा राजनीतिक फायदे के लिए देश की जनता के बीच लकीरें खींचने की आलोचना की गई। शर्मा ने कहा कि बैठक में जवानों की कुर्बानियों को भी नमन किया गया।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा कि देश में आजादी के बाद जो संस्थाएं बनीं उनपर मोदी सरकार ने निरंतर चोट की है। जो संस्थाएं हमारे संवैधानिक प्रजातंत्र को बनाए रखी हो, उनको सुनियोजित तरीके से बर्बाद करने का काम मोदी सरकार ने किया। आरबीआई, सीबीआई, ईडी का निरंतर राजनैतिक प्रतिशोध के लिए दुरुपयोग हो रहा है। देश के अंदर एक ऐसा वातावरण बनाया गया है, जो किसी भी प्रजातंत्र में स्वीकार नहीं है। आनंद शर्मा ने कहा कि असली मुद्दा रोजगार है। नौजवानों में गुस्सा है। 10 करोड़ रोजगार का वादा था, लेकिन नौकरियां कम हुई हैं। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। किसानों को न तो न्याय मिला है, न ही कीमत मिली है। नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों पर भी हमला किया गया है।