ज़ी न्यूज़ से बोले PM मोदी; सिर्फ नोटबंदी और जीएसटी से हमारे काम को आंकना अन्याय होगा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार किसी हिन्दी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने देश में जाति आधारित राजनीति, गोहत्या और लोकतंत्र खतरे में है जैसे मुद्दों पर कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है। इन मुद्दों के बजाय देश में विकास, एकता और हमारे दूरगामी भविष्य के मुद्दों पर राजनीति होनी चाहिए। इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने देश की कूटनीति, राजनीति, एफडीआई, वन नेशन-वन इलेक्शन, पीटीएम यानी पुतिन-ट्रंप-मोदी, जीएसटी, नोटबंदी, विदेश नीति समेत तमाम अहम मसलों पर बात की।
प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐसी समस्याओं से निपटने और आनेवाली पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने के लिए हमने एक भारत, श्रेष्ठ भारत अभियान चलाया है।' वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाने को लेकर दबाव बनाने की घटनाओं पर पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस पर हमें सोचने की जरूरत है। पीएम मोदी से पूछा गया कि जब आप किसी सम्पन्न और ताकतवर देश के मुखिया के बगल में होते हैं तो क्या महसूस करते हैं तो मोदी ने कहा कि मैं यह मानकर चलता हूं कि यह मोदी नहीं देश की सवा सौ करोड़ जनता का नेतृत्व करने वाला खड़ा है।
दुनिया की नई व्यवस्था पीटीएम पुतिन-ट्रंप-मोदी के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि हमें सीमित दायरों में देश को बांध कर नहीं रखना चाहिए। सार्क, जी20 सभी में दोस्ताना संबंध बनाए रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। जीएसटी और नोटबंदी के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि अगर सिर्फ इन्ही दो चीजों को हमारा काम मानते हैं तो आप हमारे साथ अन्याय कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-धन योजना से लोगों को बैंक से जोड़ने में हम सफल हुए इसे हमारा काम नहीं मनोगे? इस देश में करोड़ो परिवारों को गैस दिया क्या यह हमारा काम नहीं है? 28 करोड़ एलईडी बल्ब देश में लगाए जिससे हजारों करोड़ मेगावाट की बिजली की बचत हुई जिससे पर्यावरण की बचत हुई और लोगों का बिजली का बिल भी कम हुआ क्या यह हमारा काम नहीं है?
जीएसटी के बारे में बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी की बात अटल जी की सरकार के समय बात शुरू हुई लेकिन यूपीए सरकार आने के बाद उन्होंने किसी कारण से राज्यों की बात नहीं सुनी लेकिन हमने आने के बाद राज्यों की बात सुनी और एक देश और एक टैक्स की दिशा में जाने में सफलता मिली है। पीएम मोदी ने कहा कि मैं सामान्य इंसान हूं, सारे प्रोटोकॉल भी नहीं जानता हूं और मुझे ज्यादा अनुभव भी नहीं था जिस पर लोग मेरे प्रधानमंत्री बनने पर मजाक भी उड़ाते थे लेकिन मुझे अनुभव नहीं होने का फायदा मिला।
देश में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के सवाल का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि साल भर चुनाव होते रहते हैं इससे आर्थिक नुकसान होता है। इसके अलावा मैनपॉवर खर्च होता है। सुरक्षा बल सालों साल चुनावों की ड्यूटी में ही लगे रहते हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ होने के लिए सब को साथ आना चाहिए।
रोजगार के मुद्दे पर सवालों का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक साल में 70 लाख ईपीएफ खाते जुड़े हैं। साथ ही 10 करोड़ लोगों ने मुद्रा योजना का लाभ लिया है। किसानों के मुद्दों पर पूछे गए सवालों के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बहुत बढ़िया योजना है। बांस को लेकर हमने कानून बनाया जिससे किसान बांस निर्यात करते हैं, अगरबत्ती, पतंग निर्माण के लिए बांस से पैसे कमाते हैं। 2022 तक किसानों की आय दुगुना करने का फैसला बड़ा है लेकिन भरपूर प्रयास करेंगे।
जाति से जुड़े सवालों के जवाब में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश का दुर्भाग्य रहा है कि जाति के मुद्दे पर राजनीति होती रही है लेकिन हम विकास के मुद्दे पर ही राजनीति करेंगे। पीएम मोदी से बजट से जुड़ा एक सवाल पूछा गया कि दाबोस से लौटने के बाद आपकी सरकार अंतिम बजट पेश करेगी। इस पर आप कैसा राजनीतिक, वोट बैंक को रिझाने वाला कैसा बजट पेश करेंगे। इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि मोदी का एक ही मंत्र है विकास..विकास..विकास, डेवलपमेंट..डेवलपमेंट..डेवलपमेंट। शरीर का कण कण और समय का पल पल देश के लिए खपना चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया ने देखा कि हम अलग सोच वाली अलग सरकार हैं। भारत अपने घर में अच्छा कर रहा है विश्व स्वीकार कर रहा है। अर्थजगत के लिए भारत आकर्षण का बड़ा केंद्र है।