गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनाव में सौ प्रतिशत वीवीपैट का होगा इस्तेमाल
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : चुनाव आयोग आगामी गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों में सौ फीसदी वीवीपैट (वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) की व्यवस्था शुरू करने जा रही है। आयोग इस तैयारी में है कि सभी विधानसभाओं या लोकसभा सीटों की कुछ निश्चित पोलिंग बूथों पर वीपीपैट स्लिप्स की भी गिनती की जाए। हालांकि चुनाव आयोग ने अपने शुरुआती आकलन में कहा है कि इससे चुनाव नतीजों के ऐलान में तीन घंटे तक की देरी हो सकती है।
आयोग के सूत्रों के मुताबिक, पूरी तरह वीवीपैट पर आधारित चुनाव और कुछ पोलिंग स्टेशनों पर स्लिप्स की गिनती को लेकर गठित की गई समिति कई पहलुओं पर विचार कर रही है। समिति इस बात पर भी विचार कर रही है कि इन पर्चियों की गिनती कब की जाए। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'यदि इनकी गिनती पहले की जाए, जैसे कि पोस्टल बैलट्स की होती है तो फिर पहला रुझान 11 बजे से पहले नहीं आ पाएगा। फिलहाल ईवीएम पर गिनती शुरू होने के आधे घंटे के भीतर ही रुझान आने शुरू हो जाते हैं।'
अधिकारी ने कहा, 'यदि इन पेपर स्लिप्स की गिनती ईवीएम काउंट के बाद की जाए तो फिर चुनाव नतीजे के ऐलान में 3 घंटे तक की देरी हो जाएगी।' चुनाव परिणाम में तीन घंटे की देरी का आकलन इस बात से लगाया जा रहा है कि मैन्युअल काउंटिंग का एक राउंड कितनी देर में पूरा होता है। उम्मीद की जा रही है कि चुनाव आयोग वीवीपैट को लेकर गाइडलाइंस जल्दी ही जारी कर सकता है। इस साल के अंत तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में इसकी शुरुआत की जा सकती है।