मनमोहन पर मोदी का नया वार, बोले- अर्थशास्त्री PM ने देश की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुंचाया था
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: अपनी आर्थिक नीतियों को लेकर विशेषज्ञों के निशाने पर रह रहे प्रधानमंत्री ने यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोला है। उन्होंने देश की इकोनॉमी का भट्टा बिठाने का ठीकरा तत्कालीन इकोनॉमिस्ट पीएम पर डाला है। ऐसा उन्होंने स्वराज्य पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कहा है। उन्होंने माना है कि उस समय 'हालात विकट थे। यहां तक कि बजट के आंकड़ों को लेकर भी संदेह था।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम को आड़े हाथों लिया है। पीएम मोदी ने कहा कि इकोनॉमिस्ट प्रधानमंत्री और सब कुछ जानने वाले वित्त मंत्री ने देश की अर्थव्यवस्था को बहुत ही ख़राब हालत में छोड़ा था, जिसे हमारी सरकार ने उबारा है। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। जो विकास के लिए बेहद जरूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बगैर रोजगार के ग्रोथ की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि अगर राज्य दर राज्य अच्छी संख्या में नौकरियां पैदा हो रही हैं तो यह कैसे संभव है कि केंद्र बेरोजगारी पैदा कर सकता है? पीएम ने कहा कि बैंकों की समस्याओं को वर्ष 2014 में ही चिन्हित कर लिया गया था और लोन आदि देने में उन्हें राजनैतिक हस्तक्षेप से मुक्त किया गया है। दूसरी तरफ, सरकार इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्टी कोड लेकर आई, ताकि डिफाल्टर्स पर लगाम लगाई जा सके।
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जब भाजपा सत्ता में आई थी तब अर्थव्यवस्था की हालत अनुमान से भी ज्यादा खराब थी। चीजें भयानक थीं। यहां तक कि बजट के आंकड़े भी संदेहजनक थे। मैंने 'राजनीति के उपर राष्ट्रनीति' चुनी। हमें लगा कि सुधार जरूरत है और हमनें 'इंडिया फर्स्ट' के बारे में सोचा। पीएम मोदी ने कहा कि हम मुद्दों को कारपेट के नीचे छिपाना नहीं चाहते हैं बल्कि हमारा जोर भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार, मजबूती और बदलाव की तरफ है।
मोदी ने अपनी सरकार की पीठ थपथपाते हुए ये भी कहा कि - 2014 में देश में व्यापार की हालत बेहद खराब थी। उद्योगों का विकास नहीं हो पा रहा था। हालात इतने बदतर थे कि BRICS से I हटाने पर बात होने लगी थी। लोगों में निराशा का माहौल था। भारत दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्था में शामिल था। मोदी ने कहा, ‘हमने इस असंतोषजनक सचाई को स्वीकार किया और चीजों को दुरूस्त करने के लिये पहले दिन से ही काम करना शुरू किया ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो सके...'
दरअसल, भाजपा की तरफ से खासकर पीएम की ओर से हमले 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी से भी जोड़े जा सकते हैं। इससे जाहिर हो रहा है कि आगामी चुनावी साल में भारतीय जनता पार्टी कैसे खुद को बचाएगी और किस तरह का प्रबंधन कर विरोधियों को घेरेगी। और इसका एक नमूना अपनी कामयाबी और पूर्व सरकार की नाकामियों को उकेरना है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने एक दिन पहले भी कांग्रेस पर निशाना साधा था। पीएम मे कहा था कि मर्सिडीज कार और दूध पर एक ही दर से कर नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत सभी वस्तुओं पर 18 प्रतिशत की एक समान दर से कर लगाने की कांग्रेस पार्टी की मांग को अगर स्वीकार किया जाता है तो इससे खाद्यान्न और कई जरूरी वस्तुओं पर कर बढ़ जायेगा।