चुनावों में उम्मीदवारों के लिए अब आसान नहीं होगा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करना
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : आगामी चुनावों में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का उल्लंघन करना अब आसान नहीं होगा. आयोग। चुनाव आयोग ने तकनीक की मदद से नियम तोड़ने वाले नेताओं पर नकेल कसने के लिए C-VIGIL नाम का एक ऐसा ऐप तैयार किया है जिससे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार और समर्थक आसानी से पकड़ में आ सकेंगे। कुछ ऐप उम्मीदवारों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं, जिसके जरिए जुलूस, वाहन, कैंप कार्यालय खोलने आदि के लिए मंजूरी भी ऑनलाइन मिल जाएगी। यानी नेताओं को चुनाव अधिकारियों के दफ्तर की परिक्रमा करने की जरूरत नहीं होगी।
चुनाव आयोग चुनावों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन रोकने तथा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए कई प्रौद्योगिकी एप्लीकेशंस का सहारा लेगा। चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के बारे में सूचित करने के लिए लोगों के एंड्रॉएड फोन में 'सी-विजिल' एप विकसित किया है। चुनाव आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा, आचार संहिता उल्लंघन की सूचना देर से मिलने से अब तक दोषी सजा से बचते आए हैं। इसके अतिरिक्त तस्वीरें या वीडियो जैसे साक्ष्यों की कमी के चलते शिकायतों की पुष्टि करने में परेशानी होती है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि ज्यादातर शिकायतें गलत होती हैं।
2019 में सभी 10.6 लाख मतदान केंद्रों पर वीवीपैट से चुनाव
चुनाव आयोग ने 2019 के आम चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के समय से आवंटन का भरोसा देते हुए कहा कि 10 लाख से ज्यादा सभी मतदान केंद्रों के लिए वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) का आवंटन प्रक्रिया में है। पहले स्तर की जांच और जिलाधिकारियों के प्रशिक्षण को सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए करीब 10.6 लाख मतदान केंद्रों पर 100 फीसदी वीवीपैट की जरूरत पूरी की जा सके। आयोग ने कहा कि वे सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा ईवीएम और वीवीपैट की आपूर्ति स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। चुनाव आयोग ने 26 सितंबर को कहा था कि उसने पिछले चुनाव में मशीनों की विफलता दर को देखते हुए बेहतर हार्डवेयर अपनाने के अलावा 125 से 135 फीसदी तक अतिरिक्त वीवीपैट की जरूरत को बेहतर बनाया है।
चुनाव आयोग ने कहा, 'सी-विजिल' एप से आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों का अंतर भरने की उम्मीद है, जिससे त्वरित शिकायत स्वीकृति कर उनका निवारण किया जा सके। कोई भी व्यक्ति इस ऐप का उपयोग कर मिनटों में आचार संहिता के उल्लंघन की सजीव रिपोर्ट भेज सकेगा। पंजीकृत रिपोर्ट के मामले में इससे संबंधित व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट पहचान संख्या जारी होगी, जिससे वह अपने मामले की वर्तमान स्थिति का पता लगा सके। अज्ञात शिकायतों को कोई विशिष्ट पहचान संख्या आवंटित नहीं की जाएगी। 'सी-विजिल' तंत्र में एक बार शिकायत स्वीकृत होने पर वह जिला नियंत्रण कक्ष में सूचित कर देगा, जो सचल दस्ते को कार्रवाई का निर्देश देगा।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव आयोग वहां राष्ट्रीय शिकायत सेवा, इंटीग्रेटेड कॉन्टैक्ट सेंटर, सुविधा, सुगम, इलेक्शन मॉनीटरिंग डैशबोर्ड और वन-वे इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट जैसे एप्स का उपयोग भी करेगा। चुनाव आयोग ने कहा कि 'सुविधा' एक सिंगल विंडो सिस्टम है, जो चुनाव संबंधी अनुमति या मंजूरी 24 घंटों के अंदर प्रदान करता है। उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टी इस तंत्र के माध्यम से जनसभाओं, बैठकों, जुलूसों, गाड़ियों, अस्थाई चुनाव कार्यालय स्थापित करने और एक स्थान पर लाउडस्पीकर लगाने संबंधित अनुमति ले सकते हैं।