जयंती के इस्तीफे से कांग्रेस में मची खलबली
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : वन एवं पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन के केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कहा जा रहा है कि जयंती ने पद से इस्तीफा दिया नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री मनमोहन ने उनसे इसलिए इस्तीफा मांग लिया क्योंकि कुछ प्रोजेक्ट को मंजूरी देने में देर हो रही थी। नटराजन ने शनिवार को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दिया था।
हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना था कि लोकसभा चुनावों से पहले उन्हें पार्टी के काम में लगाया जाएगा। नटराजन के इस्तीफे पर उस समय विवाद बढ़ गया जब फिक्की के सम्मेलन में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पर्यावरण मंत्री की अनियंत्रित शक्ति पर सवाल उठाए। केन्द्र में वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नटराजन के इस्तीफे को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने स्वीकार भी कर लिया है। वीरप्पा मोइली को पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
जयंती नटराजन का कहना है कि वह पार्टी में काम करना चाहती हैं इसलिए इस्तीफा दिया है। जयंती नटराजन ने साथ में यह भी कहा है कि प्रोजेक्ट को मंजूरी में देरी राज्य सरकारों की वजह से होती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि काम के हिसाब से लोगों को शिफ्ट किया जाता है। आम जनता महंगाई से परेशान है तो उद्योगपति फैसले में देरी के सरकारी रवैये से। 2014 का चुनाव सिर पर है। ऐसे में विकास दर में सुधार कर कांग्रेस मैदान में मज़बूत होना चाहती है।
जयंती नटराजन ने 90 के दशक में नरसिम्हा राव के खिलाफ झंडा बुलंद कर कांग्रेस छोड़ दिया था। जीके मूपनार के साथ तमिल मनिला कांग्रेस बना ली थी। वह कांग्रेस में तब लौटीं जब सोनिया गांधी पार्टी में सक्रिय हुईं। अब वह एक बार फिर से सरकार से पार्टी संगठन में लौट रही हैं।